शिमला: बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे भाजपा आईटी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक चेतन बरागटा को तत्काल प्रभाव पार्टी से 6 सालों के लिए निष्कासित किया है. चेतन बरागटा के समर्थन में चुनाव प्रचार कर रहे पार्टी के कुछ और नेताओं और कार्यकर्ताओं पर गाज गिर सकती है.
हिमाचल बीजेपी प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने साफ शब्दों में कहा कि भाजपा से निष्कासित किसी भी व्यक्ति को वापस नहीं लिया जाएगा. शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश प्रभारी ने कहा कि जो लोग संगठन से जुड़े हैं, वो बिना किसी महत्वाकांक्षा के पार्टी का काम करते हैं. जुब्बल-कोटखाई में चेतन बरागटा को टिकट नहीं देना पार्टी हाईकमान का निर्णय है. पूरे देश में 35 के करीब सीटों पर चुनाव हो रहे हैं. पूरे देश में यही फैसला लागू किया गया है कि परिवार के किसी भी सदस्य को टिकट नहीं दिया जाएगा. इसी कारण जुब्बल-कोटखाई में भी यह निर्णय लिया गया.
अविनाश राय खन्ना ने कहा कि कार्यकर्ता पार्टी की जान होता है. जब वो बाहर जाता है तो पार्टी को नुकसान होता है, लेकिन इस बार निर्णय लिया है कि किसी को भी वापस नहीं लिया जाएगा. सोशल मीडिया पर संगठन मंत्री पवन राणा द्वारा किए ट्वीट पर अविनाश राय खन्ना ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि संगठन मंत्री पवन राणा प्रतिदिन किसी ना किसी महापुरुष का कोट अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखते हैं. अब कृपाल परमार ने उसको अपने ऊपर ले लिया, इसपर कुछ नहीं कर सकते.
दरअसल भाजपा संगठन मंत्री पवन राणा ने सोशल मीडिया एकाउंट पर वाक्य लिखा था "भाग्य के दरवाजे पर सर पीटने से बेहतर है, कर्मों का तूफान पैदा करें, दरवाजे अपने आप खुल जाएंगे.'' इस पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के फतेहपुर से प्रत्याशी रहे और इस बार टिकट के प्रबल दावेदार कृपाल परमार ने लिखा की आदरणीय पवन जी 2022 में कर्मों का तूफान पैदा करने वाले सैकड़ों लोग निकलेंगे धैर्य रखिए''.
हिमाचल बीजेपी प्रभारी ने कहा कि कोविड के समय हमारी सरकार ने राज धर्म और संगठन ने मानवता धर्म निभाया है. हमारी सरकार ने प्रदेश में तेजी से टीकाकरण अभियान चलाया और पूरे देश में नंबर एक आए. आज किन्नौर देश का पहला ऐसा जिला बना है, जहां टीकाकरण की दूसरी डोज भी लग गई है. संगठन ने भी जनसेवा का बड़ा उदाहरण पेश किया है.
विपक्ष पर निशाना साधते हुए भाजपा प्रभारी ने कहा कि कांग्रेस को फौजियों का फोबिया हो गया है. कभी कांग्रेस को फौजी अच्छे नहीं लगते, कभी उनको फौजियों के काम अच्छे नहीं लगते और कभी कपड़े अच्छे नहीं लगते.
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