शिमला: चुनाव से पहले बांटे जाने वाली मुफ्त की रेवड़ियों पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी (supreme court strict on free scheme announcement) की है. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने मुफ्त के कल्चर को नियंत्रित करने के लिए एक रिपोर्ट मांगी है. वहीं, हिमाचल विधानसभा चुनाव 2022 (Himachal Assembly Elections 2022) से पहले बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मुफ्त की रेवड़ियां बांटनी शुरू कर दी है.
चुनावी साल में कर्ज के बोझ तले दबे पहाड़ी राज्य हिमाचल (Debt Burden on Himachal) में भी ऐसी घोषणाओं का चलन बढ़ने लगा है. एक ओर हिमाचल की जयराम सरकार ने तीन ऐसे बड़े ऐलान किए हैं, जिन्हें चुनावी साल में मुफ्त रेवड़ी के तौर पर देखा जा सकता है. वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने भी एक तरह से चुनावी मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. आज हम बात करेंगे कि आखिर सियासी दलों ने सूबे में क्या घोषणाएं की गई हैं. सबसे पहले बात सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी की...
भाजपा की चुनावी घोषणाएं: जयराम सरकार चुनावी साल में प्रदेश में सरकारी बसों में महिलाओं को बस किराए में 50% की छूट दे रही है. हिमाचल सरकार ने नारी को नमन नाम से इस योजना की शुरुआत की है लेकिन इससे सालाना 60 करोड़ का बोझ पड़ेगा.महिलाओं को बस किराये में छूट के अलावा सरकार ने चुनावी साल में न्यूनतम किराये में दो रुपये की कमी का भी ऐलान किया है. जो अब 7 रुपये की बजाय 5 रुपये होगा. ये छूट ऐसे वक्त में दी गई है जब परिवहन निगम पहले से ही एक हजार करोड़ रुपए से अधिक के घाटे में है, महिलाओं को सफर में 50 फीसदी छूट देने से और भी बढ़ेगा. हिमाचल सरकार ने नारी को नमन नाम से इस योजना की शुरुआत की है लेकिन इससे सालाना 60 करोड़ का बोझ पड़ेगा.
वहीं, हिमाचल सरकार ने 125 यूनिट बिजली मुफ्त (125 units of electricity free in Himachal) देने का ऐलान किया है. यानी उपभोक्ताओं को पहले 125 यूनिट के लिए कोई बिल नहीं चुकाना होगा और अगर किसी परिवार की बिजली की खपत 125 यूनिट तक है तो बिजली का बिल नहीं आएगा. सियासी जानकार मानते हैं कि आम आदमी पार्टी द्वारा दिल्ली के बाद पंजाब में मुफ्त बिजली के फैसले को देखते हुए हिमाचल सरकार ने ये फैसला पहले ही ले लिया है.
इस फैसले से प्रदेश के सभी 17 लाख परिवार लाभान्वित होंगे क्योंकि शुरुआती 125 यूनिट तो सभी को मुफ्त मिलेगी. अनुमानित 4 लाख परिवार तो ऐसे हैं जिनकी बिजली की खपत कुल 125 यूनिट तक होगी, वहीं सात लाख उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनकी महीने की बिजली खपत महज 60 यूनिट है. ऐसे में इन 11 लाख परिवारों का बिजली बिल शून्य होगा और हिमाचल में 125 यूनिट से अधिक बिजली की खपत करने वाले करीब 6 लाख परिवार और औद्योगिक इकाइयां ही बिजली बिल का भुगतान करेंगी. इसका बोझ भी सरकार के खजाने पर पड़ेगा
इसके साथ ही जयराम सरकार ने ग्रामीण इलाकों में पानी का बिल माफ करने का ऐलान किया है. ग्रामीण इलाकों के पेयजल बिल से सालाना 30 करोड़ का राजस्व सरकार को मिलता था, जो सरकार की मुफ्त रेवड़ी बांटने के बाद नहीं मिलेगा. ऐसे में इसका बोझ भी सरकार के खजाने पर पड़ेगा. हालांकि बिजली, पानी और महिलाओं को बस किराए में पचास फीसदी छूट चुनावी साल में लिए गए फैसले हैं, लेकिन इसके अलावा भी हिमाचल प्रदेश में कई योजनाएं ऐसी चल रही हैं, जिनमें समाज के विभिन्न वर्गों को लाभ मिल रहा है.
हिमाचल में कांग्रेस का चुनावी घोषणा: हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने मिनी चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है. कांग्रेस ने 300 यूनिट तक की बिजली प्रदेश की जनता के लिए मुफ्त में देने का वादा किया है. इसके साथ ही कांग्रेस ने पुरानी पेंशन स्कीम बहाल करने का वादा किया है. सत्ता में आने पर कांग्रसे ने महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये देने का ऐलान किया है. मिनी घोषणा पत्र में कांग्रेस ने प्रदेश में 5 लाख रोजगार देना की घोषणा है.
इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने युवाओं के लिए 680 रुपये करोड़ का स्टार्ट-अप फंड देना ऐलान किया है. कांग्रेस का कहना है कि फलों का कीमत बागवान तय करेंगे. सत्ता में आने पर मोबाइल क्लीनिक से हर गांव में मुफ्त इलाज करने का ऐलान किया है. पार्टी ने प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में में 4 इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलने की घोषणा की है. मिनी घोषणा पत्र में कांग्रेस पार्टी ने गाय-भैंस पालकों से हर दिन 10 लीटर दूध खरीदने का वादा किया है. सत्ता में आने पर कांग्रेस 2 रुपये प्रति किलो गोबर खरीदेगी.
चुनावी साल में हिमाचल में AAP की गारंटी: हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party in Himachal) ने अरविंद केजरीवाल की गारंटी का एलान कर दिया है. आप ने अब तक हिमाचल में 4 गारंटी की घोषणा कर दी है. हिमाचल में पहली गारंटी का ऐलान करते हुए दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) ने कहा कि देश की तरक्की तभी हो सकती है जब वहां बच्चों को शानदार शिक्षा दी जाए.
आप ने सरकार बनने पर हिमाचल के हर बच्चे को फ्री वर्ल्डक्लास शिक्षा देना का ऐलान किया है. इसके साथ ही दिल्ली की तर्ज पर सरकारी स्कूल बनाने की घोषणा की है. आप का कहना है कि प्राइवेट स्कूलों के नाजायज फीस बढ़ाने पर रोक लगाई जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश में अनियमित शिक्षक नियमित होंगे और प्रदेश के स्कूलों में खाली पदों पर जल्द भर्तियां होंगी. आप ने गारंटी दी है कि सरकार बनने पर प्रदेश के स्कूलों में तैनात शिक्षकों से स्कूल के बाहर का कोई काम नहीं करवाया जाएगा.
आम आदमी पार्टी की दूसरी गारंटी के अनुसार प्रदेश में सबको मुफ्त इलाज, दवाइयां, टेस्ट और ऑपरेशन की सुविधा प्रदान की जाएगी. हर गांव और वार्ड में मोहल्ला क्लीनिक बनेगा ताकि मरीजों को परेशानी न हो और वक्त पर इलाज मिल सके. आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर सरकारी अस्पतालों को अपग्रेड किया जाएगा. रोड एक्सीडेंट में घायलों को पूरे हिमाचल मे मुफ्त इलाज मिलेगा.
वहीं, आम आदमी पार्टी की तीसरी गारंटी शहीद सम्मान राशि के अनुसार ऑन ड्यूटी शहीद भारतीय सेना और हिमाचल प्रदेश पुलिस जवान के परिवारों को 1-1 करोड़ की सम्मान राशि दी जाएगी. इसके अलावा चौथी गारंटी में आम आदमी पार्टी ने स्त्री सम्मान राशि के तहत 18 साल से अधिक उम्र की महिला को हर महीने 1000 रु. की सम्मान राशि देने का ऐलान किया है.
हिमाचल पर बढ़ता कर्ज का बोझ- वैसे चुनावी घोषणाओं की ये होड़ उस दौर में लगी है जब हिमाचल प्रदेश पर 64 हजार 904 करोड़ रुपए का कर्ज (64904 Crore Debt on Himachal) हो चुका है. जो लगातार बढ़ रहा है. मौजूदा सरकार ने अब तक के कार्यकाल में 16 हजार 998 करोड़ रुपए लोन लिया है. इसके बावजूद वर्तमान सरकार ने छठे वेतन आयोग को मंजूरी दी है, जिसके बाद हिमाचल के खजाने पर और अधिक बोझ बढ़ गया है. हिमाचल सरकार का सालाना बजट ही 50 हजार करोड़ रुपये के करीब है. कर्ज लेकर घी पीने के आरोप सरकारों पर लगते रहे हैं, फिर भी साल दर साल बढ़ते कर्ज के बीच सियासी दलों का फोकस मुफ्त की रेवड़ियां बांटने पर है. ऐसे में सवाल है कि आखिर राजनीतिक दल इन वादों को पूरा करने के लिए बजट कहां से लाएंगे.
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