शिमलाः स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना वायरस के संकट के समय में लापारवाही बरते जाना का मामला सामने आया है. राजधानी शिमला के आइजीएमसी में बिलासपुर से रेफर मरीज ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. आइजीएमसी के एमएस डॉ. जनक राज ने इसका खुलासा किया है कि बिलासपुर से एक शव को रेफर किया गया है.
डॉ. जनक राज ने बताया कि जब भी कोई संदिग्ध मरीज किसी क्षेत्र से भी रेफर किया जाता है, तो उन्हें सूचना दी जाती है, लेकिन बिलासपुर से उन्हें कोई सूचना नहीं दी गई और ना ही एम्बुलेन्स चालक ने सीएमओ को इस बारे में कोई सूचना दी.
उन्होंने कहा कि एम्बुलेन्स चालक बिना बताए शव को उतार कर चला गया. डॉ. जनक राज ने बताया कि अस्पताल मे भी कर्मचारी पहले शव को उठाने में हिचकिचा रहे थे, लेकिन बाद में कर्मचारियों ने शव को पैक कर शव ग्रह मे रखा और कोरोना वायरस की जांच के लिए सैम्पल भेजा, जिसकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है.
गौरतलब है कि सुबह बिलासपुर से एक रेफर मरीज आइजीएमसी लाया गया थ जो पहले से ही मृत था. उसका शव जमीन पर कई घंटे पड़ा रहा. सही जानकारी के अभाव और कोरोना वायरस के खौफ के कारण कोई भी उसे उठा नहीं रहा था.
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