शिमलाः कोविड 19 के इस दौर में बहुत से लोगों ने अपना रोजगार गवां दिया था तो बहुत से लोगों की नौकरियां छीन गई थी, लेकिन यही कोविड कुछ लोगों को लिए नए अवसर तलाशने के साथ ही अपने खोए हुए हुनर को तराशने का ऐसा अवसर लेकर आया और उन्हें अपने असल हुनर की पहचान करवाई.
ऐसा ही कुछ अवसर यह कोरोना काल विकासनगर के भरत भंडारी के लिए भी लेकर आया, जिनके पास कोविड-19 के दौरान जब कोई काम नहीं था तो उन्होंने अपने एक ऐसे हुनर को तराशा जो वह अपने कामकाज के बीच में कहीं खो चुके थे.
मां काली अद्भुत चित्र
इस हुनर को तराश कर ही उन्होंने अपनी एक ऐसी इच्छा को पूरा किया, जिसे वह बहुत लंबे समय से पूरा करना चाह रहे थे. भरत भंडारी ने अपने हुनर को तराशते हुए धागों से मां काली का एक ऐसा अद्भुत चित्र तैयार किया है, जिसकी प्रशंसा सभी लोग कर रहे हैं.
घर बैठे धागों से बनाया मां काली का चित्र
कोविड की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के बीच में जब भरत भंडारी का टैक्सी व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया तो उन्होंने इससे हार नहीं मानी. वह ना तो हताश हुए और ना ही परेशान हुए. उन्होंने इस परेशानी में भी अपने लिए अवसर तलाशा और अपने अंदर की छिपी प्रतिभा को निखारने की कोशिश की. उन्होंने घर बैठे ही धागों से मां काली का चित्र बनाना शुरू किया.
चित्र देव नगर स्थित मां काली मंदिर में किया भेंट
कोविड की वजह से उन्होंने मां काली का एक चित्र तैयार किया, जिसे उन्होंने देव नगर स्थित मां काली के मंदिर में भेंट किया. उनके द्वारा धागे से तैयार किए गए मां काली के चित्र को देखकर हर कोई हैरान है और उसकी प्रशंसा किए बिना नहीं रह पा रहे हैं.
वहीं, भरत भंडारी ने बताया कि कोविड-19 के बीच जब उनका टैक्सी व्यवसाय पूरी तरह से ठप हो गया तब उनके पास करने को कुछ नहीं था. ऐसे में उन्होंने अपने हुनर को तराशा जिसे वह काफी समय से काम की व्यवस्ता के चलते समय नहीं दे पा रहे है.
चित्र तैयार करने में लगा 25 दिन का समय
उन्होंने बताया कि इस चित्र को तैयार करने में उन्हें लगभग 25 दिन का समय लगा. जिसे पूरा करने के उन्होंने देवनगर स्थित काली माता मंदिर की प्रबंधन कमेटी को भेंट किया.
मंदिर की दीवार पर लगाया चित्र
कमेटी की ओर से यह चित्र मंदिर की दीवार पर लगाया गया है, जिससे मंदिर में आने वाले भक्त मां काली के दर्शन कर सकें. मंदिर के पुजारी ने भी भरत भंडारी के बनाए गए महाकाली के चित्र की सराहना की और कहा कि इस चित्र को बनाने के लिए प्रयोग हुए हर एक धागे में देवी मां के प्रति एक सच्ची व पवित्र आस्था छिपी है.
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