शिमला: हिमाचल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि यह समय आयुर्वेद का है. कोरोना संकट के बाद पूरी दुनिया आरोग्य के लिए आयुर्वेद की तरफ देख रही है. राज्यपाल शनिवार को शिमला में आरोग्य भारती संस्था के कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के तौर पर शामिल हुए. उन्होंने कहा कि (Bal Raksha Kit free Distribution Program) हिमाचल प्रदेश में कुशल वैद्य की परंपरा बहुत पुरानी है. हिमाचल प्रदेश पहाड़ी राज्य होने के कारण औषधीय पौधों और जड़ी बूटियों का गढ़ है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की सुनहरी परंपरा को आगे बढ़ाने की जरूरत है. इस अवसर पर राज्यपाल ने आरोग्य भारती संस्था द्वारा चयनित बच्चों को बाल रक्षा किट भी बांटी. इस कीट में बच्चों की स्वास्थ्य सुरक्षा से संबंधित सामग्री दी गई है. कार्यक्रम का आयोजन हिमाचल शिक्षा समिति और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, नई दिल्ली के सहयोग से किया गया.
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए इस तरह के कार्यक्रम पूरे देशभर में आयोजित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह (आयुर्वेद) हमसे दूर नहीं गया. हम अपने घर के आंगन में लगाए गए औषधीय पौधों का उपयोग करते हुए पले बढ़े और स्वस्थ रहे. हमारे घर के आंगन में तुलसी का पौधा आज भी उगाया जाता है. राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में वैद परंपरा बहुत पुरानी है और वे जड़ी-बूटियों के उचित उपयोग में माहिर हैं.
उन्होंने कहा कि जीवन शैली का जो रास्ता हमने छोड़ा है, उसे फिर से अपनाने की आवश्यकता है. उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमने अपनी पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को एक विकल्प के रूप में माना है, जबकि यह उपचार की मुख्य पद्धति है. उन्होंने कहा कि आज देश में इसे आगे बढ़ाया जा रहा है और भविष्य में एकीकृत चिकित्सा पद्धति पर विचार किया जा रहा है, जिसके तहत एलोपैथिक, आयुर्वेद, होम्योपैथी को मिलाकर एकीकृत चिकित्सा की दिशा में कार्य किया जा रहा है.
राज्यपाल ने आरोग्य भारती के (Aarogya Bharti Shimla) प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह बच्चों के स्वास्थ्य की दिशा में कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की पुरानी पारम्परिक पद्धति को बढ़ावा देने के लिए संगठन देश में महत्वपूर्ण कार्य कर रहा है, जो सराहनीय है. राज्यपाल ने इस अवसर पर आरोग्य भारती पत्रिका का विमोचन भी किया. इस अवसर पर राज्यपाल ने बच्चों को बाल सुरक्षा किट (Governor distributes Bal Raksha kit) भी वितरित की.
इससे पूर्व, आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश पंडित ने कहा कि संस्था स्वस्थ भारत के लक्ष्य की दिशा में कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि स्वस्थ राष्ट्र के लिए प्रत्येक व्यक्ति का स्वस्थ रहना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि आरोग्य भारती आसपास के वातावरण को स्वस्थ रखकर रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर कार्य कर रही है और स्वस्थ जीवन शैली के लिए जागरूकता का कार्य भी कर रही है. उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में सभी चिकित्सा पद्धतियां शामिल हैं.
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, दिल्ली के संयुक्त निदेशक डॉ. उमेश वसंत तागड़े ने कहा कि एआईआईए देश का प्रमुख आयुर्वेद संस्थान बनने की ओर अग्रसर है. संस्थान में 25 विशेषज्ञ ओपीडी हैं और उन्होंने कोरोना काल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उनके संस्थान में उपचार के दौरान किसी की भी मृत्यु नहीं हुई है. उन्होंने एआईआईए में शुरू किए गए विभिन्न विभागों, पाठ्यक्रमों और अन्य गतिविधियों के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान की. इस अवसर पर एआईआईए के डीन प्रो. महेश व्यास व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. राज गोपाल ने बाल सुरक्षा किट की उपयोगिता के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की.