मंडी: हिमाचल विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और झटका लगा है. आश्रय शर्मा ने कांग्रेस का हाथ छोड़ दिया है. उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है. इससे पहले आश्रय शर्मा ने सितंबर में कांग्रेस की युवा रोजगार यात्रा से किनारा करते हुए इस यात्रा की कैंपेन कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. आश्रय शर्मा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव थे. आश्रय शर्मा ने मंडी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कांग्रेस छोड़ने का ऐलान किया.(Ashray Sharma resigns from all posts of Congress)
आश्रय शर्मा पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम के पोते और मंडी सदर से विधायक अनिल शर्मा के बेटे हैं. साल 2019 में पंडित सुखराम और आश्रय शर्मा कांग्रेस में शामिल हुए थे. 2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने आश्रय शर्मा को मंडी लोकसभा सीट से टिकट भी दिया था हालांकि वो चुनाव हार गए थे. (Ashray sharma quits congress) (Ashray Sharma resigns from congress)
'मैं नहीं लड़ूंगा चुनाव'- आश्रय शर्मा ने कहा है कि वो चुनाव नहीं लड़ेंगे. आश्रय ने कहा कि पंडित सुखराम के बाद सिर्फ अनिल शर्मा ही चुनावी मैदान में होंगे और वही चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बन गई है. हर बार पार्टी ने मुझे आहत किया है.
विधानसभा चुनाव से पहले आश्रय शर्मा का इस्तीफा बड़ा झटका माना जाएगा. हालांकि बीते कुछ दिनों से कयास लगाए जा रहे थे कि आश्रय शर्मा जल्द ही पार्टी से किनारा कर लेंगे. दरअसल मंडी सदर सीट से उनके विधायक पिता अनिल शर्मा ने बीते दिनों कहा था कि जल्द ही पूरा परिवार बीजेपी के साथ चलेगा.
जब अलग-अलग राहों पर निकला था परिवार- दरअसल अनिल शर्मा ने भी 2017 विधानसभा चुनाव से ऐन पहले कांग्रेस का हाथ छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था. अनिल शर्मा वीरभद्र सरकार में मंत्री थे लेकिन उन्होंने चुनाव से पहले पाला बदल लिया और बीजेपी की टिकट पर मंडी सदर सीट से चुनाव जीता. फिर साल 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से टिकट ना मिलता देख पंडित सुखराम पोते आश्रय शर्मा के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस की टिकट पर आश्रय शर्मा ने मंडी लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वो चुनाव हार गए. इस पूरे प्रकरण के बाद अनिल शर्मा और बीजेपी के रिश्तों में भी खटास आ गई, जिसके कारण अनिल शर्मा को भी भविष्य के लिए फैसला लेना था. इसी साल मई महीने में पंडित सुखराम का निधन हो गया. जिसके बाद अनिल शर्मा ने फैसला लिया कि उनका पूरा परिवार बीजेपी के साथ चलेगा, तभी से कयास लगाए जा रहे थे आश्रय शर्मा भी जल्द ही कांग्रेस का साथ छोड़ देंगे.
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