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दो दिवसीय दौरे पर शिमला पहुंचे सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, प्रशिक्षण कमान का किया दौरा

सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद
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Published : Jun 25, 2021, 1:15 PM IST

Updated : Jun 25, 2021, 7:18 PM IST

13:13 June 25

दो दिवसीय यात्रा पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शिमला पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने जनरल जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को शिमला स्थित सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) का दौरा किया. मनोज मुकुंद नरवणे 2017 में भारतीय सेना की प्रतिष्ठित आर्मी ट्रेनिंग कमांड के मुखिया का कार्यभार संभाला था. मनोज मुकुंद नरवणे तब शिमला स्थित आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक) के 20वें जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ बने थे.

शिमला: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिवसीय यात्रा पर आज शिमला पहुंचे. जनरल जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को शिमला स्थित सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) का दौरा किया.  इस दौरान उन्हें सामरिक-सैन्य भविष्य, सैद्धान्तिक सुधार, आपरेशनल चुनौतियों और तैयारियों, तकनीकी समावेशन सहित कई मुद्दों पर जानकारी दी गई.

सेनाध्यक्ष ने भारतीय सेना में प्रशिक्षण की प्रभावशीलता को अधिकतम करने के लिए की जा रही कई पहलुओं और पेशेवर सैन्य शिक्षा (पी एम ई) को वर्तमान चुनौतियों के प्रति अधिक समकालीन और उत्तरदायी बनाने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया गया.

सेना प्रमुख ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से की मुलाकात

एम एम नरवणे ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दतयात्रेय से भी मुलाकात की और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान सेना प्रमुख और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) अध्यक्ष ने सिपाही अंकुश, सेना मेडल (मरणोपरांत) के परिजनों से बातचीत की और उन्हें सम्मानित किया, जिन्होंने जून 2020 में ऊपरी सीमाओं पर गलवान गतिरोध के दौरान सर्वोच्च बतिदान दिया था. सेनाध्यक्ष का 26 जून 2021 को नई दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है.

शिमला स्थित पश्चिमी कमान से सेना प्रमुख का है विशेष लगाव

बता दें कि मनोज मुकुंद नरवणे 2017 में शिमला स्थित पश्चिमी कमान के प्रमुख रहे चुके हैं. यहां से उनका काफी लगाव है. आर्मी ट्रेनिंग कमांड, जिसे पश्चिमी कमान भी कहते हैं, इसका भारतीय सेना की रणनीति तैयार करने में अहम योगदान है.  

2017 में पश्चिम कमान के मुखिया का कार्यभार संभाला था

मनोज मुकुंद नरवणे 2017 में भारतीय सेना की प्रतिष्ठित आर्मी ट्रेनिंग कमांड के मुखिया का कार्यभार संभाला था. मनोज मुकुंद नरवणे तब शिमला स्थित आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक) के 20वें जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ बने थे. जनरल नरवण अपने सेवाकाल के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेवा मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजे जा चुके हैं.

साल 2017 में उनसे पहले लेफ्टिनेंट जनरल डीआर सोनी ने आरट्रैक शिमला से विदा लेकर दक्षिण कमान का कार्यभार संभाला था. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जून 1980 में सिख लाइट इन्फेंट्री की सातवीं बटालियन में कमीशन लिया.  लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे आईएमए देहरादून व नेशनल डिफेंस अकादमी पुणे से स्नातक हैं. उन्होंने भारतीय सेना के तहत नॉर्थ-ईस्ट, जेएंडके में सेवाएं दी हैं.

एमफिल की उपाधि हासिल

जनरल नरवणे आर्मी वॉर कालेज में अनुदेशक और बर्मा में इंडियन डिफेंस के तहत कार्य किया है. यही नहीं, लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे ने चेन्नई यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में पीजी व इंदौर के संस्थान से डिफेंस एंड मैनेजमेंट में एमफिल की उपाधि हासिल की है.  

ये भी पढ़ें: भुखमरी से आजादी की जंग का योद्धा है 'वेला बॉबी'...जरुरतमंदों की सेवा में समर्पित है इस सिंह का जीवन

13:13 June 25

दो दिवसीय यात्रा पर सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शिमला पहुंचे हैं. इस दौरान उन्होंने जनरल जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को शिमला स्थित सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) का दौरा किया. मनोज मुकुंद नरवणे 2017 में भारतीय सेना की प्रतिष्ठित आर्मी ट्रेनिंग कमांड के मुखिया का कार्यभार संभाला था. मनोज मुकुंद नरवणे तब शिमला स्थित आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक) के 20वें जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ बने थे.

शिमला: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे दो दिवसीय यात्रा पर आज शिमला पहुंचे. जनरल जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने शुक्रवार को शिमला स्थित सेना प्रशिक्षण कमान (आरट्रैक) का दौरा किया.  इस दौरान उन्हें सामरिक-सैन्य भविष्य, सैद्धान्तिक सुधार, आपरेशनल चुनौतियों और तैयारियों, तकनीकी समावेशन सहित कई मुद्दों पर जानकारी दी गई.

सेनाध्यक्ष ने भारतीय सेना में प्रशिक्षण की प्रभावशीलता को अधिकतम करने के लिए की जा रही कई पहलुओं और पेशेवर सैन्य शिक्षा (पी एम ई) को वर्तमान चुनौतियों के प्रति अधिक समकालीन और उत्तरदायी बनाने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराया गया.

सेना प्रमुख ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय से की मुलाकात

एम एम नरवणे ने हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दतयात्रेय से भी मुलाकात की और आपसी हित के मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान सेना प्रमुख और आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) अध्यक्ष ने सिपाही अंकुश, सेना मेडल (मरणोपरांत) के परिजनों से बातचीत की और उन्हें सम्मानित किया, जिन्होंने जून 2020 में ऊपरी सीमाओं पर गलवान गतिरोध के दौरान सर्वोच्च बतिदान दिया था. सेनाध्यक्ष का 26 जून 2021 को नई दिल्ली लौटने का कार्यक्रम है.

शिमला स्थित पश्चिमी कमान से सेना प्रमुख का है विशेष लगाव

बता दें कि मनोज मुकुंद नरवणे 2017 में शिमला स्थित पश्चिमी कमान के प्रमुख रहे चुके हैं. यहां से उनका काफी लगाव है. आर्मी ट्रेनिंग कमांड, जिसे पश्चिमी कमान भी कहते हैं, इसका भारतीय सेना की रणनीति तैयार करने में अहम योगदान है.  

2017 में पश्चिम कमान के मुखिया का कार्यभार संभाला था

मनोज मुकुंद नरवणे 2017 में भारतीय सेना की प्रतिष्ठित आर्मी ट्रेनिंग कमांड के मुखिया का कार्यभार संभाला था. मनोज मुकुंद नरवणे तब शिमला स्थित आर्मी ट्रेनिंग कमांड (आरट्रैक) के 20वें जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ बने थे. जनरल नरवण अपने सेवाकाल के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अति विशिष्ट सेवा मेडल, सेवा मेडल व विशिष्ट सेवा मेडल से नवाजे जा चुके हैं.

साल 2017 में उनसे पहले लेफ्टिनेंट जनरल डीआर सोनी ने आरट्रैक शिमला से विदा लेकर दक्षिण कमान का कार्यभार संभाला था. जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने जून 1980 में सिख लाइट इन्फेंट्री की सातवीं बटालियन में कमीशन लिया.  लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे आईएमए देहरादून व नेशनल डिफेंस अकादमी पुणे से स्नातक हैं. उन्होंने भारतीय सेना के तहत नॉर्थ-ईस्ट, जेएंडके में सेवाएं दी हैं.

एमफिल की उपाधि हासिल

जनरल नरवणे आर्मी वॉर कालेज में अनुदेशक और बर्मा में इंडियन डिफेंस के तहत कार्य किया है. यही नहीं, लेफ्टिनेंट जनरल नरवाणे ने चेन्नई यूनिवर्सिटी से डिफेंस स्टडीज में पीजी व इंदौर के संस्थान से डिफेंस एंड मैनेजमेंट में एमफिल की उपाधि हासिल की है.  

ये भी पढ़ें: भुखमरी से आजादी की जंग का योद्धा है 'वेला बॉबी'...जरुरतमंदों की सेवा में समर्पित है इस सिंह का जीवन

Last Updated : Jun 25, 2021, 7:18 PM IST
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