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हिमाचली पर्यटन को पंख देगा एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम: सेब बगीचों में देखो फूलों की बहार, पैकेज एक हजार - एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम

पर्यटकों का पसंदीदा पहाड़ी डेस्टीनेशन (Hill destination himachal) हिमाचल अब नए आकर्षण के साथ उनका स्वागत करेगा. एप्पल बाउल (Apple Bowl Himachal) कहे जाने वाला हिमाचल एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम (Apple Blossom Tour Program in Himachal) आयोजित करेगा. हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (Himachal Pradesh Tourism Development Corporation) एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम शुरू करेगा. इसका आरंभिक प्लान तैयार किया गया है.

Apple Bowl Himachal
एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम
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Published : Dec 11, 2021, 8:56 PM IST

Updated : Dec 11, 2021, 9:08 PM IST

शिमला : पर्यटकों का पसंदीदा पहाड़ी डेस्टीनेशन (Hill destination himachal) हिमाचल अब नए आकर्षण के साथ उनका स्वागत करेगा. देश का एप्पल बाउल (Apple Bowl Himachal) कहे जाने वाला हिमाचल एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम (Apple Blossom Tour Program in Himachal) आयोजित करेगा. मैदानी राज्यों के लोग इस बात से अनजान हैं कि सेब के पौधों में फल कैसे लगते, इसके लिए हिमाचल सरकार एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम का कांसेप्ट लागू करेगी. एप्पल ब्लॉस्म यानी सेब बागीचों में पौधों पर फूल खिलने का दौर.

हिमाचल प्रदेश में सालाना चार हजार करोड़ रुपए का सेब (four crore apple business in himachal)कारोबार होता है. इसका अस्सी फीसदा हिस्सा अकेले शिमला जिले में है. शिमला जिला सेब उत्पादन के कारण (Most apples in Shimla)समृद्धि के शिखर पर है. यहां ऊपरी शिमला में अनेक शानदार सेब के बागीचे हैं. फल लगने से पहले जब पौधों में फूल खिलते हैं तो उस समय बागीचों का नजारा देखने वाला होता है.

पौधों पर खिले फूल अद्भुत दृश्य सृजित करते हैं. ऐसे नजारों से सैलानियों को अवगत करवाने के लिए राज्य सरकार एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम आयोजित करेगी. इस टूर प्रोग्राम के तहत सैलानियों को सेब बागीचों की सैर करवाई जाएगी. इसका पैकेज भी काफी सस्ता होगा. एक व्यक्ति के लिए एक हजार रुपए अधिकतम का पैकेज प्रस्तावित होगा. वैसे तो सभी जानते हैं कि सेब अमूमन लाल रंग का होता है. सेब की पारंपरिक किस्म रॉयल लाल रंग की है, लेकिन अब हिमाचल में विदेशी किस्मों को भी उगाया जा रहा है. पचास से अधिक विदेशी किस्में यहां पैदा हो रही. लाल रसीले सेब का स्वाद तो सभी चाव से चखते, लेकिन देश के मैदानी इलाकों में रहने वालों ने शायद ही एप्पल ब्लॉस्म की बहार देखी होगी. एप्पल ब्लॉस्म यानी सेब बागीचों में पौधों पर फूल खिलने का समय. देश -विदेश के सैलानियों को आकर्षित करने के लिए हिमाचल सरकार एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम करवाएगी.


हिमाचल में इस समय सेब बागीचों में पौधों के लिए चिलिंग आवर्स का समय शुरू हो गया. कुल 1200 से 1600 चिलिंग आवर्स पूरे होने पर पौधों में शानदार फूल खिलते है. जितनी बेहतर फ्लावरिंग होगी, फल उतना ही शानदार होगा. चिलिंग आवर्स पूरा होने पर अप्रैल महीने में फूल खिल जाएंगे. उस दौरान सेब बागीचों की छटा देखते ही बनती है. देश-विदेश के सैलानियों को बागीचों में खिली फूलों की बहार से रूबरू करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (Himachal Pradesh Tourism Development Corporation) एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम शुरू करेगा. इसका आरंभिक प्लान तैयार किया गया है. मार्च महीने में इस प्लान से सैलानियों को अवगत करवाया जाएगा.

इसे निगम की साइट पर भी अपलोड किया जाएगा. मार्च महीने में इसकी बुकिंग शुरू होने की संभावना और फिर अप्रैल से ये टूर शुरू हो जाएंगे. सैलानी मात्र एक हजार रुपए खर्च कर एप्पल ब्लॉस्म की छटा देख सकेंगे. इसके लिए राजधानी शिमला से सेब बहुल इलाकों के लिए खास बस सर्विस शुरू की जाएगी. ये बसें सैलानियों को सेब बागीचों तक पहुंचाएंगी. वहां पर्यटकों को सेब के पौधों पर फूल खिलने के नजारे देखने को मिलेंगे. साथ ही उनकी सेब उत्पादन से संबंधित जिज्ञासाएं भी शांत की जाएंगी. सैलानियों को बताया जाएगा कि कैसे सर्दियों के समय में बागीचों को 1200 से 1600 घंटे चिलिंग आवर्स की जरूरत होती है. ये चिलिंग आवर्स पूरे हो जाए तो पौधों में शानदार फूल खिलते है. जितनी अच्छी फ्लावरिंग होगी, सेब की पैदावार उतनी ही बेहतर होगी.


हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम का यह टूर प्रोग्राम दो महीने तक चलेगा. अप्रैल व मई महीने में सेब के पौधों पर सफेद रंग के फूलों की बहार आती है. जो सैलानी सेब के बागीचों में इस बहार को देखने का इच्छुक होगा, उसे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम शिमला से सेब उत्पादन वाले इलाकों में भेजेगा. इसके लिए खास बसों का इंतजाम जाएगा. पर्यटन निगम का प्रस्ताव है कि सैलानियों को लेकर खास बसें शिमला से चलेंगी और कुफरी से आगे फागू, कोटगढ़, नारकंडा आदि इलाकों में सेब के बागीचों की सैर करवाएगी. आरंभ में ये पैकेज एक दिन का होगा. इसके अलावा दो दिन के पैकेज के पैसे अधिक लगेंगे.आरंभ में ये टूर प्रोग्राम शिमला, फागू, कोटगढ़, नारकंडा और वापस शिमला के लिए रखा जाएगा.

इस टूर में पर्यटकों को एचपीटीडीसी के होटलों में ठहराने की व्यवस्था भी होगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद इस प्रोग्राम में रुचि ले रहे. कोरोना का कहर कम होने के बाद हिमाचल में सैलानियों की आमद बढ़ी है. ऐसे में एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम की सफलता के आसार है. यहां बता दें कि सेब के आकर्षण में हिमाचल के वीवीआईपी भी पूरी तरह से गिरफ्तार हैं. हिमाचल में मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों और राजनेताओं के सेब बागीचे हैं. सैलानियों को हिमाचल में सेब के सौ साल के इतिहास से भी परिचित करवाया जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश का लक्ष्य सालाना दो करोड़ सैलानियों की आमद सुनिश्चित करना है.

ये भी पढ़ें : सामान्य वर्ग आयोग का गठन: आश्वासन से सवर्ण समाज खुश, पत्रकार वार्ता कर जताया सीएम का आभार

शिमला : पर्यटकों का पसंदीदा पहाड़ी डेस्टीनेशन (Hill destination himachal) हिमाचल अब नए आकर्षण के साथ उनका स्वागत करेगा. देश का एप्पल बाउल (Apple Bowl Himachal) कहे जाने वाला हिमाचल एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम (Apple Blossom Tour Program in Himachal) आयोजित करेगा. मैदानी राज्यों के लोग इस बात से अनजान हैं कि सेब के पौधों में फल कैसे लगते, इसके लिए हिमाचल सरकार एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम का कांसेप्ट लागू करेगी. एप्पल ब्लॉस्म यानी सेब बागीचों में पौधों पर फूल खिलने का दौर.

हिमाचल प्रदेश में सालाना चार हजार करोड़ रुपए का सेब (four crore apple business in himachal)कारोबार होता है. इसका अस्सी फीसदा हिस्सा अकेले शिमला जिले में है. शिमला जिला सेब उत्पादन के कारण (Most apples in Shimla)समृद्धि के शिखर पर है. यहां ऊपरी शिमला में अनेक शानदार सेब के बागीचे हैं. फल लगने से पहले जब पौधों में फूल खिलते हैं तो उस समय बागीचों का नजारा देखने वाला होता है.

पौधों पर खिले फूल अद्भुत दृश्य सृजित करते हैं. ऐसे नजारों से सैलानियों को अवगत करवाने के लिए राज्य सरकार एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम आयोजित करेगी. इस टूर प्रोग्राम के तहत सैलानियों को सेब बागीचों की सैर करवाई जाएगी. इसका पैकेज भी काफी सस्ता होगा. एक व्यक्ति के लिए एक हजार रुपए अधिकतम का पैकेज प्रस्तावित होगा. वैसे तो सभी जानते हैं कि सेब अमूमन लाल रंग का होता है. सेब की पारंपरिक किस्म रॉयल लाल रंग की है, लेकिन अब हिमाचल में विदेशी किस्मों को भी उगाया जा रहा है. पचास से अधिक विदेशी किस्में यहां पैदा हो रही. लाल रसीले सेब का स्वाद तो सभी चाव से चखते, लेकिन देश के मैदानी इलाकों में रहने वालों ने शायद ही एप्पल ब्लॉस्म की बहार देखी होगी. एप्पल ब्लॉस्म यानी सेब बागीचों में पौधों पर फूल खिलने का समय. देश -विदेश के सैलानियों को आकर्षित करने के लिए हिमाचल सरकार एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम करवाएगी.


हिमाचल में इस समय सेब बागीचों में पौधों के लिए चिलिंग आवर्स का समय शुरू हो गया. कुल 1200 से 1600 चिलिंग आवर्स पूरे होने पर पौधों में शानदार फूल खिलते है. जितनी बेहतर फ्लावरिंग होगी, फल उतना ही शानदार होगा. चिलिंग आवर्स पूरा होने पर अप्रैल महीने में फूल खिल जाएंगे. उस दौरान सेब बागीचों की छटा देखते ही बनती है. देश-विदेश के सैलानियों को बागीचों में खिली फूलों की बहार से रूबरू करवाने के लिए हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम (Himachal Pradesh Tourism Development Corporation) एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम शुरू करेगा. इसका आरंभिक प्लान तैयार किया गया है. मार्च महीने में इस प्लान से सैलानियों को अवगत करवाया जाएगा.

इसे निगम की साइट पर भी अपलोड किया जाएगा. मार्च महीने में इसकी बुकिंग शुरू होने की संभावना और फिर अप्रैल से ये टूर शुरू हो जाएंगे. सैलानी मात्र एक हजार रुपए खर्च कर एप्पल ब्लॉस्म की छटा देख सकेंगे. इसके लिए राजधानी शिमला से सेब बहुल इलाकों के लिए खास बस सर्विस शुरू की जाएगी. ये बसें सैलानियों को सेब बागीचों तक पहुंचाएंगी. वहां पर्यटकों को सेब के पौधों पर फूल खिलने के नजारे देखने को मिलेंगे. साथ ही उनकी सेब उत्पादन से संबंधित जिज्ञासाएं भी शांत की जाएंगी. सैलानियों को बताया जाएगा कि कैसे सर्दियों के समय में बागीचों को 1200 से 1600 घंटे चिलिंग आवर्स की जरूरत होती है. ये चिलिंग आवर्स पूरे हो जाए तो पौधों में शानदार फूल खिलते है. जितनी अच्छी फ्लावरिंग होगी, सेब की पैदावार उतनी ही बेहतर होगी.


हिमाचल प्रदेश पर्यटन निगम का यह टूर प्रोग्राम दो महीने तक चलेगा. अप्रैल व मई महीने में सेब के पौधों पर सफेद रंग के फूलों की बहार आती है. जो सैलानी सेब के बागीचों में इस बहार को देखने का इच्छुक होगा, उसे हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम शिमला से सेब उत्पादन वाले इलाकों में भेजेगा. इसके लिए खास बसों का इंतजाम जाएगा. पर्यटन निगम का प्रस्ताव है कि सैलानियों को लेकर खास बसें शिमला से चलेंगी और कुफरी से आगे फागू, कोटगढ़, नारकंडा आदि इलाकों में सेब के बागीचों की सैर करवाएगी. आरंभ में ये पैकेज एक दिन का होगा. इसके अलावा दो दिन के पैकेज के पैसे अधिक लगेंगे.आरंभ में ये टूर प्रोग्राम शिमला, फागू, कोटगढ़, नारकंडा और वापस शिमला के लिए रखा जाएगा.

इस टूर में पर्यटकों को एचपीटीडीसी के होटलों में ठहराने की व्यवस्था भी होगी. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर खुद इस प्रोग्राम में रुचि ले रहे. कोरोना का कहर कम होने के बाद हिमाचल में सैलानियों की आमद बढ़ी है. ऐसे में एप्पल ब्लॉस्म टूर प्रोग्राम की सफलता के आसार है. यहां बता दें कि सेब के आकर्षण में हिमाचल के वीवीआईपी भी पूरी तरह से गिरफ्तार हैं. हिमाचल में मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों और राजनेताओं के सेब बागीचे हैं. सैलानियों को हिमाचल में सेब के सौ साल के इतिहास से भी परिचित करवाया जाएगा. मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि हिमाचल प्रदेश का लक्ष्य सालाना दो करोड़ सैलानियों की आमद सुनिश्चित करना है.

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Last Updated : Dec 11, 2021, 9:08 PM IST
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