शिमला: चुनावी साल में हिमाचल सरकार ने धारा-118 में संशोधन विधेयक लाया है. विधानसभा के मानसून सत्र में (himachal vidhan sabha session) अंतिम दिन यह विधेयक पारित हो गया. विधेयक के जरिए निवेशकों को राहत दी गई है. सरकार ने राजस्व कानून की धारा-118 में संशोधन किया है. ध्वनिमत से पारित विधेयक में अब निवेशकों को राहत होगी. गैर कृषकों को अब इस धारा के तहत मंजूरी के बाद तीन साल तक निर्माण का प्रावधान रहेगा. हालांकि विधेयक पर हुई चर्चा में भाग लेते हुए विपक्ष के कुछ सदस्यों ने इसे सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की थी.
संशोधन विधेयक के पारित होने के बाद अब राज्य में गैर कृषकों को धारा-118 की मंजूरी लेने (Amendment Bill passed in section 118 in HP) के बाद तीन साल तक निर्माण कार्य करने का प्रावधान होगा. यही नहीं, इसके बाद दो साल की एक्सटेंशन देने का प्रावधान भी है. पहले मंजूरी मिलने के बाद निर्माण के लिए यह प्रावधान दो साल का था. साथ ही एक्सटेंशन के लिए एक साल का प्रावधान था. सरकार के अनुसार हिमाचल में लंबे समय से उठ रही मांग के अनुरूप ये बड़ी राहत दी गई है. राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि विकास के कई प्रोजेक्ट अभी भी औपचारिकताओं में फंसे हुए हैं. ऐसे में अवधि बढ़ाना जरूरी था.
सरकार ने स्क्रीनिंग के लिए एक कमेटी का गठन किया था. कमेटी की सिफारिशों के बाद यह विधेयक संशोधित रूप में लाया गया है. इस दौरान कई बिजली परियोजनाओं के मामले लटक चुके हैं. ऐसे में दो साल की व्यवस्था को तीन साल किया गया है और एक साल की एक्सटेंशन को दो साल तक बढ़ाया गया है. इसके बाद भी यदि कोई निर्माण कार्य पूरा नहीं कर पाता है तो उसकी जमीन सरकार में निहित हो जाएगी.
कांग्रेस विधायक अनिरुद्ध सिंह ने कहा कि निर्माण कार्य शुरूआत में ही करना होगा या सभी औपचारिकताओं के लिए यह पूरा समय दिया गया है, इसे लेकर सरकार को स्थिति साफ करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सभी को एक साथ पांच साल की छूट दी जानी चाहिए. इस पर राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ने कहा कि बाद में भी संशोधन किया जा सकता है. विधायक सुखविंद्र सिंह सुक्खू का कहना था कि अभी विधेयक को सिलेक्ट कमेटी को भेजना चाहिए. वैसे सरकार को चुनावी समय में धारा-118 को नहीं छेड़ना चाहिए था. इससे ऐसा लगता है कि चहेतों को लाभ देने के लिए इसमें संशोधन किया जा रहा है. राजस्व मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में भी संशोधन की जरूरत के अनुसार गुंजाइश रहती है.
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