शिमला: जीवीके ईएमआरआई कंपनी के साथ 108 सेवाएं बहाल करने की बात की जा रही है. दरअसल सरकार के अधिकारी कंपनी के संपर्क में हैं, क्योंकि कोरोना संकट में एम्बुलेंस सेवाओं की आवश्यकता ज्यादा है. ऐसे में प्रदेश सरकार 108 एम्बुलेंस सेवा को बंद नहीं होने देगी.
बता दें कि जीवीके ईएमआरआई कंपनी ने प्रदेश भर में 102 और 108 एम्बुलेंस में सेवाएं दे रहे 1000 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है. कंपनी ने फंड की कमी का हवाला देकर कर्मचारियों को टर्मिनेशन लेटर थमा दिया है.
जीवीके ईएमआरआई कंपनी के पास 2021 तक का टेंडर हैं और कंपनी सरकार से सेवाएं निरंतर चलाने के लिए अतिरिक्त पैसा मांग रही है, जिसके चलते कंपनी ने सेवाएं बंद करने का निर्णय लिया है.
हालांकि ये मामला सरकार के द्वार तक पहुंच गया है, जिससे सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि एम्बुलेंस सेवाओं के साथ-साथ कर्मचारियों की सेवाएं बहाल करने पर भी बात की जाएगी. प्रदेश में 125 एम्बुलेंस में से 200 से ज्यादा 108 एंबुलेंस चलाई जा रही है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कर्मचारियों द्वारा कंपनी पर कई आरोप लग चुके हैं, लेकिन अब कंपनी खुद ही सेवाएं देने से मना कर रही है. ऐसे में कोविड-19 के दौर में सेवाएं बंद करना जनता पर भारी पड़ सकता है और प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा सकती है.
हिमाचल प्रदेश एम्बुलेंस कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष पूर्ण चंद ने बताया कि यूनियन ने सरकार को इस संबंध में पत्र भेजा है, जिसमें कर्मचारियों को लेकर निर्णय लेने की मांग की गई है, ताकि कोई भी एम्बुलेंस कर्मचारी बेरोजगार न होने पाए.
उन्होंने कहा कि जब तक सरकार कोई पॉलिसी नहीं बनाती है तब तक कर्मचारी बिना वेतन के काम करने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाना चाहिए.
पूर्ण चंद ने बताया कि कंपनी की तरफ से अभी तक कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिला है, जबकि कोर्ट के आदेशानुसार कि हर माह की 7 तारीख तक वेतन दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो कर्मचारियों को 15 जुलाई के बाद नौकरी छोड़नी पड़ेगी, क्योंकि कंपनी ती तरफ से टर्मिनेशन लेटर जारी किया गया है.
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