शिमला: देश के कुछ राज्यों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हिमाचल में अलर्ट जारी कर दिया है. इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है. प्रशासन पंजाब व हरियाणा सरकार के साथ संपर्क में है. राजस्थान और मध्यप्रदेश के बाद अब हिमाचल में 1000 से ज्यादा पक्षियों की मौत हो चुकी है. पशुपालन विभाग ने राज्यों के सभी डीसी को इस संबंध में एडवाइजरी जारी कर दी है और जरूरी कदम उठाने को कहा है. वहीं, मृत परिंदों के सैंपल मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में जांच के लिए भेजे गए हैं.
इन राज्यों में हुई थी बर्ड फ्लू की पुष्टि
राजस्थान के झालावाड़ जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद शनिवार को पहली बार कोटा और पाली में भी कौवों की मौत हुई. अब यह पांच जिलों में फैल चुका है. शनिवार को बारां में 19, झालावाड़ में 15 और कोटा के रामगंजमंडी में 22 और कौवों की मौत हुई. कोटा संभाग के इन्हीं तीन जिलों में अब तक 177 कौवों की मौत हो चुकी है. मध्यप्रदेश के इंदौर में भी 13 और कौवों की मौत हुई.
हिमाचल में 1000 से ज्यादा पक्षियों की मौत
राजस्थान और मध्यप्रदेश के बाद हिमाचल प्रदेश के पौंग डैम अभयारण्य में एक हफ्ते में 1,000 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत पाए गए. पौंग डैम अभयारण्य में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. अब इन पक्षियों की अचानक मौत हो रही है.
बर्ड फ्लू के कारण रोकी पौंग डैम गतिविधियों
वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते जिलाधीश कांगड़ा को अवगत करवाया है. झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है. झील में पर्यटकों को आने की अनुमति नहीं है. इसके साथ ही झील में बोटिंग को भी बंद कर दिया गया है.
वायरस मुर्गियों में फैलने से इंसानों को खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बर्ड फ्लू का वायरस मुर्गियों में पाया गया, तो यह सबसे बड़ा खतरा बन जाएगा. मुर्गियों से इंसानों में वायरस फैलने की अधिक संभावना रहती है. इसके अलावा शीतकालीन प्रवास के लिए हजारों की संख्या में विदेशी पक्षी प्रदेश में आए हुए हैं. इस वजह से अब फ्लू का डर सताने लगा है.
सांभर झील त्रासदी के समय भी सबसे अधिक विदेशी पक्षी ही महामारी की चपेट में आए थे. मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं. रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा. बता दें कि स्थिति का जायजा लेने के लिए और जिला प्रशासन के साथ चर्चा के लिए शिमला से पशुपालन और वन्य प्राणी विभाग के अधिकारी कांगड़ा के लिए रवाना हो गए हैं.