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शिमला में ABVP ने किया प्रदर्शन, HPU प्रशासन के खिलाफ की नारेबाजी

छात्र हितों की मांग को लेकर शिमला में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विरोध-प्रदर्शन किया. एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि कोरोना की आड़ में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन अब अपनी जिम्मेदारी से भागता हुआ नजर आ रहा है. यूजीसी के निर्देशों की आड़ में प्रदेश भर के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू है.

शिमला में एबीवीपी का प्रदर्शन
शिमला में एबीवीपी का प्रदर्शन
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Published : Oct 13, 2020, 6:06 PM IST

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने छात्र हित कि मांगों को लेकर एचपीयू पिंक पैटल पर धरना प्रदर्शन किया. धरना-प्रदर्शन के माध्यम से एबीवीपी ने एचपीयू प्रशासन से जल्द से जल्द छात्रों की मांगों को पूरा करने की मांग उठाई. इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि कोरोना की आड़ में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन अब अपनी जिम्मेदारी से भागता हुआ नजर आ रहा है. यूजीसी के निर्देशों की आड़ में प्रदेश भर के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू है. उन्होंने आरोप लगाया की हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश परीक्षा की जगह मेरिट के आधार पर पीजी कक्षाओं में दाखिले की बात कही गई है, जिसका विद्यार्थी परिषद विरोध करती है.

वीडियो रिपोर्ट

विद्यार्थी परिषद का मानना है कि यह छात्रों के भविष्य के साथ धोखा है. पहले तो विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा करवाने की बात करता रहा लेकिन अब एकदम से मेरिट पर आधारित दाखिलों की बात कर रहा है. छात्रों से पहले तो एंट्रेंस के नाम पर फीस वसूली जाती है और बाद में यूजीसी निर्देशों के बहाने से प्रवेश परीक्षा नहीं करवाना छात्रों के साथ धोखा है. इसके साथ ही एबीवीपी ने एचपीयू की मूल्याकंन प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए.

एबीवीपी का कहना है कि एचपीयू मूल्यांकन प्रक्रिया में अनियमितिताएं सामने आई है. पेपर चेकिंग में लापरवाही बरती जा रही है, जिसकी वजह से हजारों छात्र कॉलेज छोड़ने पर मजबूर हैं. वहीं, कोरोना काल में विश्वविद्यालय पूरी फीस वसूल रहा है. यहां तक कि कुछ विभागों में फीस वृद्धि भी कर दी गई है. विद्यार्थी परिषद ने यह सुझाव भी दिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को एक दिन में सब प्रवेश परीक्षाएं करवानी चाहिए व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी से सीख लेनी चाहिए. जिसके पास न तो अपना स्थायी परिसर है न ही कोई संबद्ध महाविद्यालय.

बावजूद इसके केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश एक ही दिन में सब प्रवेश परीक्षाएं करवा रहा है. जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध 128 सरकारी यूजी व पीजी महाविद्यालय है, फिर भी प्रवेश परीक्षा कराने से प्रशासन गुरेज कर रहा है. अपने इस प्रदर्शन के माध्यम से एबीवीपी ने पीजी कक्षाओं में दाखिले प्रवेश परीक्षा के आधार पर करवाने, यूजी पेपर चेकिंग में आ रही अनयिमित्ताओं को शीघ्र दूर करने, छात्रों से कोरोना काल में सिर्फ ट्यूशन फीस लेने, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षक व गैर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की मांग उठाई.

शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इकाई ने छात्र हित कि मांगों को लेकर एचपीयू पिंक पैटल पर धरना प्रदर्शन किया. धरना-प्रदर्शन के माध्यम से एबीवीपी ने एचपीयू प्रशासन से जल्द से जल्द छात्रों की मांगों को पूरा करने की मांग उठाई. इस दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष विशाल वर्मा ने कहा कि कोरोना की आड़ में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय प्रशासन अब अपनी जिम्मेदारी से भागता हुआ नजर आ रहा है. यूजीसी के निर्देशों की आड़ में प्रदेश भर के छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर उतारू है. उन्होंने आरोप लगाया की हाल ही में विश्वविद्यालय प्रशासन ने प्रवेश परीक्षा की जगह मेरिट के आधार पर पीजी कक्षाओं में दाखिले की बात कही गई है, जिसका विद्यार्थी परिषद विरोध करती है.

वीडियो रिपोर्ट

विद्यार्थी परिषद का मानना है कि यह छात्रों के भविष्य के साथ धोखा है. पहले तो विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा करवाने की बात करता रहा लेकिन अब एकदम से मेरिट पर आधारित दाखिलों की बात कर रहा है. छात्रों से पहले तो एंट्रेंस के नाम पर फीस वसूली जाती है और बाद में यूजीसी निर्देशों के बहाने से प्रवेश परीक्षा नहीं करवाना छात्रों के साथ धोखा है. इसके साथ ही एबीवीपी ने एचपीयू की मूल्याकंन प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े किए.

एबीवीपी का कहना है कि एचपीयू मूल्यांकन प्रक्रिया में अनियमितिताएं सामने आई है. पेपर चेकिंग में लापरवाही बरती जा रही है, जिसकी वजह से हजारों छात्र कॉलेज छोड़ने पर मजबूर हैं. वहीं, कोरोना काल में विश्वविद्यालय पूरी फीस वसूल रहा है. यहां तक कि कुछ विभागों में फीस वृद्धि भी कर दी गई है. विद्यार्थी परिषद ने यह सुझाव भी दिया कि विश्वविद्यालय प्रशासन को एक दिन में सब प्रवेश परीक्षाएं करवानी चाहिए व हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को सेंट्रल यूनिवर्सिटी से सीख लेनी चाहिए. जिसके पास न तो अपना स्थायी परिसर है न ही कोई संबद्ध महाविद्यालय.

बावजूद इसके केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश एक ही दिन में सब प्रवेश परीक्षाएं करवा रहा है. जबकि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध 128 सरकारी यूजी व पीजी महाविद्यालय है, फिर भी प्रवेश परीक्षा कराने से प्रशासन गुरेज कर रहा है. अपने इस प्रदर्शन के माध्यम से एबीवीपी ने पीजी कक्षाओं में दाखिले प्रवेश परीक्षा के आधार पर करवाने, यूजी पेपर चेकिंग में आ रही अनयिमित्ताओं को शीघ्र दूर करने, छात्रों से कोरोना काल में सिर्फ ट्यूशन फीस लेने, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में शिक्षक व गैर शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने की मांग उठाई.

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