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कच्ची घाटी हादसा: दस भवनों को कराया गया खाली, सात दिन में जांच करेगी तीन सदस्यीय कमेटी - shimla latest news

राजधानी शिमला में गुरुवार को कच्ची घाटी हादसे के बाद प्रशासन ने दस भवनों को खाली करा दिया.वहीं, उपायुक्त आदित्य नेगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया. कमेटी सात दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी. कमेटी में टीसीपी निदेशक, शिमला उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त शामिल रहेंगे.

कच्ची घाटी हादसा
कच्ची घाटी हादसा
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Published : Oct 1, 2021, 7:25 PM IST

Updated : Oct 1, 2021, 7:49 PM IST

शिमला: कच्ची घाटी में बीते दिन गिरे भवन के बाद अब आसपास के भवनों को भी खाली करवा दिया गया. दूसरे दिन लोग अपने घरों को देखते रहे. कुछ लोग तो ऐसे थे जिनके पास देखने के लिए घर ही नहीं बचे थे वह सिर्फ मलबा देख रहे थे.मलबे के नीचे दबे सपनों और जिंदगी भर की कमाई के बारे में सोच रहे थे. बहुमंजिला भवन के साथ बने दो भवन अभी तक हवा में लटके हुए , इसमें एक होटल और दूसरा गगनचुंबी भवन शामिल है.

बड़े भवनों पर भी खतरा बरकरार है. मालिकों को डर सता रहा कि ऊपर के भवन गिरे तो उनके घरों को भी खतरा होगा. इसलिए क्षेत्र के आसपास के 10 भवनों में कोई भी घर के अंदर रहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा. स्थानीय लोग या अपनी पहचान वालों के पास रात गुजार रहे. शुक्रवार सुबह से ही बिल्डिंग के मलबे को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही.कुछ लोग काफी उदास नजर आए. कच्ची घाटी में तीन बहुमंजिला भवनों को खतरा बना हुआ है बारिश होने की स्थिति में यह कभी भी गिर सकते है इनके नीचे बने 10 से ज्यादा भवनों को खतरा सता रहा. प्रशासन ने अपनी तरफ से एक तिरपाल तो लगा दी, ताकि पानी का रिसाव ना हो,लेकिन भवनों की नींव निकल चुकी ऐसे में इन्हें बचाया जाना मुश्किल लग रहा है.

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स्थानीय निवासी दंपति वीरेंद्र व कुसुम लता चौहान ने बताया कि उन्होंने अभी हाल ही में अपना घर बनाया और शिफ्ट तक नहीं किया अब उनके घर के ऊपर के भवन गिरने शुरू हो गए. इससे उनके घर को भी खतरा मंडराने लगा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर पानी की निकासी सही नहीं है. निगम ने यहां पर उनके पत्र के बाद पानी की निकासी के लिए पाइप में भी लगाई, लेकिन लोगों ने इसमें अपने घरों की ड्रेन पाइप डालने की जहमत नहीं उठाई. इससे पूरा पहाड़ कच्चा हो गया. उन्होंने प्रशासन से मांग की पानी की निकासी बेहतर तरीके से करने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि लोगों के भवनों को सुरक्षित रखा जा सके.अतुल भट्ट का कहना है कि उनके पास अब कुछ नहीं बचा.फर्नीचर और कपड़े ही सिर्फ बचे. उनकी प्रशासन से मांग है कि जल्द राहत मुहैया कराई जाए. शिमला नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने बताया कच्ची घाटी में एक भवन गिरा यह पहले पंचायत में आता था.अब नगर निगम में इस क्षेत्र को शामिल किया गया. इस भवन के गिरने के कारणों को जानने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई. हर बात को ध्यान में रखकर जांच की जाएगी.जांच रिपोर्ट सात दिनों में सौंपी जाएगी. उपायुक्त आदित्य नेगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन हुआ कमेटी में टीसीपी निदेशक, शिमला उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त शामिल रहेंगे.

ये भी पढ़ें :वाहन चोरी मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार, संगरूर जेल से मास्टरमाइंड को लाया गया नालागढ़

शिमला: कच्ची घाटी में बीते दिन गिरे भवन के बाद अब आसपास के भवनों को भी खाली करवा दिया गया. दूसरे दिन लोग अपने घरों को देखते रहे. कुछ लोग तो ऐसे थे जिनके पास देखने के लिए घर ही नहीं बचे थे वह सिर्फ मलबा देख रहे थे.मलबे के नीचे दबे सपनों और जिंदगी भर की कमाई के बारे में सोच रहे थे. बहुमंजिला भवन के साथ बने दो भवन अभी तक हवा में लटके हुए , इसमें एक होटल और दूसरा गगनचुंबी भवन शामिल है.

बड़े भवनों पर भी खतरा बरकरार है. मालिकों को डर सता रहा कि ऊपर के भवन गिरे तो उनके घरों को भी खतरा होगा. इसलिए क्षेत्र के आसपास के 10 भवनों में कोई भी घर के अंदर रहने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा. स्थानीय लोग या अपनी पहचान वालों के पास रात गुजार रहे. शुक्रवार सुबह से ही बिल्डिंग के मलबे को देखने के लिए लोगों की भीड़ जुटी रही.कुछ लोग काफी उदास नजर आए. कच्ची घाटी में तीन बहुमंजिला भवनों को खतरा बना हुआ है बारिश होने की स्थिति में यह कभी भी गिर सकते है इनके नीचे बने 10 से ज्यादा भवनों को खतरा सता रहा. प्रशासन ने अपनी तरफ से एक तिरपाल तो लगा दी, ताकि पानी का रिसाव ना हो,लेकिन भवनों की नींव निकल चुकी ऐसे में इन्हें बचाया जाना मुश्किल लग रहा है.

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स्थानीय निवासी दंपति वीरेंद्र व कुसुम लता चौहान ने बताया कि उन्होंने अभी हाल ही में अपना घर बनाया और शिफ्ट तक नहीं किया अब उनके घर के ऊपर के भवन गिरने शुरू हो गए. इससे उनके घर को भी खतरा मंडराने लगा है. उन्होंने आरोप लगाया कि यहां पर पानी की निकासी सही नहीं है. निगम ने यहां पर उनके पत्र के बाद पानी की निकासी के लिए पाइप में भी लगाई, लेकिन लोगों ने इसमें अपने घरों की ड्रेन पाइप डालने की जहमत नहीं उठाई. इससे पूरा पहाड़ कच्चा हो गया. उन्होंने प्रशासन से मांग की पानी की निकासी बेहतर तरीके से करने के लिए नियमों को सख्ती से लागू किया जाए, ताकि लोगों के भवनों को सुरक्षित रखा जा सके.अतुल भट्ट का कहना है कि उनके पास अब कुछ नहीं बचा.फर्नीचर और कपड़े ही सिर्फ बचे. उनकी प्रशासन से मांग है कि जल्द राहत मुहैया कराई जाए. शिमला नगर निगम आयुक्त आशीष कोहली ने बताया कच्ची घाटी में एक भवन गिरा यह पहले पंचायत में आता था.अब नगर निगम में इस क्षेत्र को शामिल किया गया. इस भवन के गिरने के कारणों को जानने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई. हर बात को ध्यान में रखकर जांच की जाएगी.जांच रिपोर्ट सात दिनों में सौंपी जाएगी. उपायुक्त आदित्य नेगी की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी का गठन हुआ कमेटी में टीसीपी निदेशक, शिमला उपायुक्त और नगर निगम आयुक्त शामिल रहेंगे.

ये भी पढ़ें :वाहन चोरी मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी को किया गिरफ्तार, संगरूर जेल से मास्टरमाइंड को लाया गया नालागढ़

Last Updated : Oct 1, 2021, 7:49 PM IST
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