शिमला: राजधानी शिमला के डाउन डेल क्षेत्र (Shimla Down Dale Area) में दिवाली के दिन रहस्यमयी परिस्थितियों में लापता मासूम बच्चे को तेंदुए ही उठाकर ले गया था. आदमखोर तेंदुआ रात के अंधेरे में मासूम को मुंह में उठाकर 300 मीटर दूर जंगल तक ले गया. जंगल में पहुंच कर उसका शिकार किया. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल (आईजीएमसी) में पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवाया. पोस्टमॉर्टम में डॉक्टरों जानवर के बाल मिले हैं. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आ गई है.
डॉक्टरों का कहना है कि तीन महीने पहले कनलोग में तेंदुए ने बच्ची को जिस तरह नोचकर खाया था, उसी तरह की स्थिति इस शव की भी थी. पोस्टमॉर्टम के दौरान हड्डियों के बीच मिले बाल को जांच के लिए फॉरेंसिक लैब जुन्गा (Forensic Lab Junga) भेज दिया गया है. जबड़े की हड्डी भी यह बता रही है कि उसे किसी जानवर ने दबाया है. कुछ और सैंपल भी जांच के लिए फॉरेंसिक लैब भेजे गए हैं. पुलिस का कहना है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कुछ कहा जा सकता है.
हालांकि अभी इस पर पुलिस और डॉक्टर कुछ भी कहने से इंकार कर रहे हैं, लेकिन विशेषज्ञों की थ्योरी बता रही है कि जंगली जानवर बच्चें को मुंह में उठाकर लग गया और सुरक्षित स्थान पर जाकर उसे नोच नोचकर खाया. पुलिस ने पोस्टमॉर्टम करवाने के बाद शव को स्वजनों को सौंप दिया है. वहीं, बच्चे के परिजनों ने रविवार को दोपहर में जंगल में ही विधि-विधान के साथ शव का अंतिम संस्कार किया.
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वाइल्ड लाइफ विंग ने जंगल में चलाया सर्च ऑपरेशन: वाइल्ड लाइफ विंग की टीम (Wildlife Wing team) रविवार को दोबारा डाउन डेल के जंगल पहुंची. टीम ने सुबह से ही जंगल में सर्च ऑपरेशन चलाया. जंगल में लगाए गए ट्रैप कैमरे की फुटेज भी देखी गई, लेकिन इसमें तेंदुए की कोई मूवमेंट नहीं दिखी. कुछ अन्य जानवर इसमें देखे गए हैं. वाइल्ड लाइफ विंग की टीम जंगल में तेंदुए के फुट प्रिंट देख रही है, ताकि इसका पता लगाया जा सके कि कहां से होकर यह आता जाता है.
अभी तक इसमें कुछ खास सफलता वाइल्ड लाइफ विंग के अधिकारियों को नहीं मिल पाई है. इस घटना के बाद शहर में दहशत का माहौल है. लोग सुबह और शाम को अकेले घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं. खासकर वह इलाके जो जंगलों के साथ सटे हुए हैं. वन विभाग के एआरओ एलआर चौहान (Forest Department ARO LR Chauhan) ने मामले की पुष्टि की है.
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