शिमलाः राजधानी शिमला में लोगों के लिए खतरा बने पेड़ों को अनुमति मिलने के बाद भी नहीं काटे जा रहा है. ऐसे में बर्फबारी के दौरान कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. शहर में तीन सौ के करीब खतरनाक पेड़ हैं और बर्फबारी होने पर कभी भी ये पेड़ गिर सकते हैं. अधिकतर पेड़ लोगों के घरों के ऊपर और सड़कों के आसपास गिरने की कगार पर हैं.
अधिकतर पेड़ निजी जमीन पर
बर्फबारी ज्यादा होने पर ये पेड़ गिर सकते हैं. शहर के लक्कड़ बाजार में ही सड़क किनारे सूखे पेड़ गिरने की कगार पर हैं और यदि ये पेड़ गिरते हैं तो यहां कोई भी दुर्घटना घट सकती है. बता दें कि लक्कड़ बाजार में दिन भर लोगों की आवाजाही रहती है. हालांकि लोगों ने बरसात में ही नगर निगम से इन पेड़ों को काटने की अनुमति दी थी जिसके बाद नगर निगम ने कैबिनेट सब कमेटी को पेड़ों को काटने की अनुमति के लिए भेजा था और नगर निगम को अनुमति भी मिल चुकी है लेकिन अधिकतर पेड़ निजी जमीन पर है.
लोगों से पेड़ों को काटने की अपील
लोग अब इन पेड़ों को नहीं कटवा रहे हैं. नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल ने कहा कि खतरनाक पेड़ों को काटने की अनुमति मिली है लेकिन लोग पेड़ों को नहीं काट रहे हैं. पेड़ काटने की फीस देने के अलावा जो मजदूर पेड़ काटते हैं, वे भी 30 से 40 हजार मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि शहर में घरों के अलावा सड़क किनारे भी पेड़ गिरने की कगार पर हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं. उन्होंने लोगों से पेड़ों को जल्द काटने की अपील की है.
पेड़ काटने के निर्देश जारी
बता दें कि शिमला शहर में सैकड़ों पेड़ सुख गए हैं और हर साल ये पेड़ गिरते भी हैं. पेड़ों के गिरने से काफी नुकसान होता है. खासकर बरसात और बर्फबारी के चलते पेड़ गिरते हैं. निजी जमीन पर जहां लोगों को पेड़ काटने की अनुमति दी है वहीं, सरकारी भूमि पर पेड़ काटने के निर्देश संबंधित विभाग को दिए गए हैं.
ये भी पढ़ें- साइबर अपराधियों का नया पैंतरा, आधार कार्ड और पैन कार्ड वेरिफिकेशन से लोगों को बना रहे ठगी शिकार