शिमला: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्वविद्यालय इकाई ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिकंदर कुमार को अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन सौंपा. इस ज्ञापन में (ABVP HPU submitted memorandum to VC) विद्यार्थी परिषद ने मांग उठाई कि विश्वविद्यालय के रक्षा अध्ययन विभाग (Department of Defense Studies in HPU) का नाम हाल ही में एक दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में वीरगति को प्राप्त हुए देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत के नाम पर होना चाहिए.
इस दौरान इकाई सचिव कमलेश ठाकुर ने (VC HPU Sikander Kumar) कहा कि चीन और पाकिस्तान जैसे नापाक इरादे वाले पड़ोसियों से देश की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती के बीच भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत एक भरोसे का नाम था. बिपिन रावत थल सेना, एयरफोर्स और नौसेना (General Bipin Rawat) के बीच बेहतर तालमेल और तीनों सेनाओं के अपग्रेडेशन के कार्य में लगे थे.
उन्होंने कहा कि कम समय में ही उन्होंने भारत (ABVP HPU demand to VC) की सैन्य तैयारियों को दुश्मनों से मुकाबले के लिए नई बुलंदियों पर पहुंचाया. उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. जिसमें उनके करियर का एक मुख्य आकर्षण म्यांमार में 2015 का सीमा पार ऑपरेशन था और भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर कई आतंकियों को मौत के घाट उतारा था.
उन्होंने कहा कि जनरल रावत 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक (surgical strike) की योजना का भी हिस्सा थे. जिसमें भारतीय सेना नियंत्रण रेखा के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में चली गई थी और एक सफल ऑपरेशन को अंजाम दिया था. कमलेश ठाकुर ने कहा कि जनरल रावत का सारा जीवन ही देश की सेवा करते हुए बीता. उनके असामयिक निधन से देश को अपूरणीय क्षति हुई है.
उन्होंने कहा कि उनके जीवन से प्रत्येक भारतीय को प्रेरणा लेनी चाहिए. इसीलिए विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि एचपीयू के रक्षा अध्ययन विभाग का नाम जनरल विपिन रावत के नाम पर रखा जाए ताकि हम हर पल उनके जीवन से प्रेरणा लेते रहे. उन्होंने कहा विद्यार्थी परिषद आशा करती है कि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द इस मांग को पूरा करेगा और भारत माता के वीर सपूत को अपनी ओर से सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करेगा.
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