शिमला: केंद्र सरकार ने नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए मंजूरी दे दी है. इस नई शिक्षा नीति का समर्थन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने किया है. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि 34 वर्षों के बाद प्रदेश की एजुकेशन पॉलिसी में बदलाव किया गया है जो युवाओं के समग्र विकास के लिए बेहद आवश्यक है.
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का कहना है कि शिक्षा नीति में विद्यार्थिंयों के व्यक्तित्व एवं कौशल विकास, व्यवसायिक चेतना, मानसिक स्वास्थ्य, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और प्राथमिक स्तर पर स्थानीय मातृभाषा में शिक्षा, संगीत, कला, खेल, विज्ञान आदि विषयों को रूचि अनुसार पढ़ने का अवसर मिलेगा जो बेहद महत्वपूर्ण हैं. अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रांत मंत्री राहुल राणा ने कहा कि नई शिक्षा नीति में जो बदलाव किए गए हैं वह बेहद व्यापक बदलाव और उससे हमारी शिक्षा पद्धति में सुधार होगा.
राहुल राणा ने कहा कि छात्रों को अपनी रूचि के अनुसार विषयों को पढ़ने की स्वतंत्रता भी मिलेगी. इसके साथ ही सरकारी और निजी स्कूलों पर भी पूरी तरह से नियंत्रण रहेगा. वहीं, निजी शिक्षण संस्थानों की ओर से की जा रही लूट भी इस नई शिक्षा नीति से पूरी तरह से नियंत्रण में आ जाएगी. उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता स्कॉलरशिप, शोध को दिशा देने, निजी शैक्षिक संस्थानों में शुल्क के नियंत्रण, निजी एवं सरकारी संस्थानों के समान कोर्स, मूल्यांकन के नए मानक तय करने के साथ ही कई बिंदुओं पर नई शिक्षा नीति में विस्तृत कार्य योजना का समावेश किया गया है.
एबीवीपी का मानना है कि इस नई शिक्षा नीति में किए गए प्रावधान सही है जिनकी आज के समय में युवाओं को आवश्यकता है. एबीवीपी का मानना है कि नई शिक्षा नीति में राष्ट्रीय साक्षरता और सकल नामांकन, पाठ्यचर्या में भविष्य की आवश्यकताओं का ध्यान रखा गया है. विद्यार्थी परिषद ने मांग की है कि इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जल्द से जल्द लागू करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार है उचित कदम उठाए. सही इंफ्रास्ट्रक्चर को डेवलप किया जाए जिससे शिक्षा नीति में छात्र हित के लिए जो सुधार किए गए हैं वह वास्तविक रूप से धरातल पर उतर पाए और उनका लाभ छात्रों को मिल सके.
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