शिमलाः राजधानी शिमला के रिज मैदान स्थित पानी के टैंक के लिए जल निगम को इंतजार करना पड़ेगा. टैंक का 70 फीसदी ही काम हुआ है और मरम्मत में अभी एक महीने का समय और लगेगा. टैंक के मरम्मत कार्य में लगी विदेशी कंपनी ने शिमला जल निगम से अतिरिक्त समय मांगा है.
बता दें कि शिमला में सालों पहले टैंक की दीवार एक खास मेटीरियल से तैयार की गई थी जिस कारण दरारों की तह तक पहुंचने में कंपनी के कर्मचारियों को दिक्कत हो रही है और समय भी अधिक लग रहा है. इसके अलावा एक व्यक्ति के कोरोना पॉजिटिव आने के कारण पूरी टीम को 14 दिन तक क्वारंटाइन कर दिया गया था. इस कारण भी मरम्मत में अधिक समय लग गया.
दरारों को विशेष कैमिकल से भरा जा रहा
टैंक में पड़ी दरारों को पहले पूरी तरह से बेस तक खोदा गया है. रूट खोदने के बाद इनकी मरम्मत की जा रही है. हालांकि टैंक की मरम्मत का 70 फीसद काम पूरा हो चुका है, लेकिन अभी बचे काम को पूरा करने के लिए एक माह और लग जाएगा. टैंक में दरारों को भरने के लिए बैल्जियम से लाए गए विशेष कैमिकल से दरारें भरने का काम इन दिनों चला हुआ है. कैमिकल से टैंक के अंदर कर्मचारियों को किसी तरह की घुटन न हो इसके लिए रिज मैदान पर एग्जॉस्ट फैन लगाए गए हैं.
दिसंबर तक रिज टैंक के तैयार होने का अनुमान
जल निगम के एसडीओ मेहबूब शेख ने कहा कि रिज टैंक के मरम्मत कार्य में अभी एक माह का समय और लगेगा. कंपनी ने एक माह का समय और मांगा है. कंपनी को समय दे दिया गया है. रिज टैंक दिसंबर में तैयार हो जाएगा. टैंक के अंदर की दरारों को बैल्जियम से लाए गए विशेष कैमिकल से भरा जा रहा है ये केमिकल दरारों में इंजेक्ट किया जा रहा है.
साल 1880 में पत्थर और चूने से तैयार हुआ था टैंक
बता दें कि ऐतिहासिक रिज मैदान स्थित यह टैंक राजधानी का सबसे पुराना टैंक हैं. इसे साल 1880 में पत्थर और चूने से तैयार किया गया था. टैंक में नौ चैंबर बने हुए हैं. चार चैंबरों में दरारें आई हैं. साल 2019 में दरारें देखी गई थीं. इसके बाद शिमला जल प्रबंधन निगम ने पूरी जांच और सर्वे के बाद विदेशी कंपनी को काम सौंपा और अब कंपनी ने काम शुरू कर दिया है. रिज मैदान पर स्थित टैंक की दरारों को भरने के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का बजट रखा है.
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