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शिमला में मोक्ष के लिए इंतजार कर रही हैं 65 मृतकों की अस्थियां, परिजनों ने मुंह मोड़ा

हिंदू रीति-रिवाज में अस्थियों का नदियों में विसर्जन करने का बड़ा महत्व है. लेकिन कोरोना के चलते लोग आस्तियों को लेने के लिए मोक्ष धाम नहीं जा रहे हैं. राजधानी शिमला के कनलोग मोक्ष धाम के लॉकर में 65 लोगों के अस्थियों के कलश रखे हुए हैं. फोन करने के बाद भी परिजनों मृतकों की अस्थियां लेने के लिए नहीं आ रहे हैं. ऐसे में अब मोक्ष धाम इस अस्थियों के सामूहिक विसर्जन की तैयारी कर रहा है.

65 ashes awaiting immersion in Shimla during corona epidemic
अस्थियां लेने नहीं आ रहे लोग.
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Published : Dec 5, 2020, 10:52 AM IST

Updated : Dec 5, 2020, 11:25 AM IST

शिमला: कोरोना महामारी के बीते नौ महीनों में जीवन शैली को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है. बदलाव रीति-रिवाज, परंपराओं और संस्कारों में भी आए हैं. अब इसे बेबसी कहें या कोरोना का डर या फिर आर्थिक तंगी. कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों के परिजन मृतक की अस्थियां और राख तक नहीं ले जा रहे. हिंदू रीति-रिवाज में अस्थियों का नदियों में विसर्जन करने का बड़ा महत्व है. लेकिन कोरोना के चलते लोग अस्थियों को लेने तक नही जा रहे है.

राजधानी में अब तक 171 लोगों की मौत

राजधानी में कोरोना से अब तक 171 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें दूसरे जिलों के लोग भी शामिल हैं जो इलाज के लिए आइजीएमसी भर्ती किए गए थे और यहीं उनकी मौत हो गई. लेकिन हैरानी की बात ये है कि कोरोना से मरने वालों के परिजन में खौफ इस कद्र है कि वे अस्थियां लेने के लिए नहीं आ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

कनलोग मोक्ष धाम में रखी हैं अस्थियां

कनलोग मोक्ष धाम के लॉकर में 65 लोगों के अस्थियों के कलश रखे हुए हैं. कर्मी परिजनों को फोन कर रहे हैं लेकिन इन अस्थियों को लेने के लिए कोई नहीं आ रहा है. मोक्ष धाम की देख रेख सूद सभा द्वारा की जाती है. वहीं, अब सूद सभा इन अस्थियों का सामूहिक विसर्जन करने की तैयारी कर रही है.

अस्थियों का होगा सामूहिक विसर्जन

सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि मोक्ष धाम में हर रोज चार से पांच कोरोना संक्रमित लोगों के शव का दाह संस्कार किया जाता है. यहां कर्मी तैनात किए गए हैं. लेकिन लोग अस्थियां लेने से डर रहे हैं. मोक्ष धाम के लॉकर में रखी हुई अस्थियों के सामूहिक विसर्जन की जिला प्रशासन को दी जा चुकी है.

मोक्ष धाम से अस्थियां नहीं ले जा रहे लोग

कनलोग मोक्ष धाम के पंडित पवन कुमार का कहना है कि लोग अस्थियां नहीं ले जा रहे हैं. मोक्ष धाम में 64 अस्थियां रखी हुई हैं. लोग कोरोना के डर से मोक्ष धाम नहीं आ रहे हैं. जबकि जब तक अस्थियों को बहाया नहीं जाता तब तक उन्हें मोक्ष नहीं मिलता है.

शव को जलाने के बाद नहीं रहता वायरस

आइजीएमसी के एमएस डॉक्टर जनक राज ने कहा कि शव को जलाने के बाद वायरस नहीं रहता है. और ऐसे में अस्थियों में कोरोना वायरस का रहना न मुमकिल है. शव को जलाते ही वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाता है. उन्होंने लोगों से आस्तियों को बिना किसी डर से ले जाने की अपील की.

हर रोज पांच लोगों का हो रहा अंतिम संस्कार

बता दें कि शिमला जिला में कोरोना बेकाबू हो गया है. जिले में हर रोज 5 से ज्यादा कोरोना संक्रिमत व्यक्ति की मौत हो रही है और शहर में कनलोग मोक्ष धाम में ही कोरोना संक्रमित शवों का दाह संस्कार किया जाता है. जहां सुबह से लेकर शाम तक शवों के जलने का सिलसिला चला रहता है.

शिमला: कोरोना महामारी के बीते नौ महीनों में जीवन शैली को पूरी तरह से बदलकर रख दिया है. बदलाव रीति-रिवाज, परंपराओं और संस्कारों में भी आए हैं. अब इसे बेबसी कहें या कोरोना का डर या फिर आर्थिक तंगी. कोरोना वायरस की वजह से मरने वालों के परिजन मृतक की अस्थियां और राख तक नहीं ले जा रहे. हिंदू रीति-रिवाज में अस्थियों का नदियों में विसर्जन करने का बड़ा महत्व है. लेकिन कोरोना के चलते लोग अस्थियों को लेने तक नही जा रहे है.

राजधानी में अब तक 171 लोगों की मौत

राजधानी में कोरोना से अब तक 171 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. इनमें दूसरे जिलों के लोग भी शामिल हैं जो इलाज के लिए आइजीएमसी भर्ती किए गए थे और यहीं उनकी मौत हो गई. लेकिन हैरानी की बात ये है कि कोरोना से मरने वालों के परिजन में खौफ इस कद्र है कि वे अस्थियां लेने के लिए नहीं आ रहे हैं.

वीडियो रिपोर्ट.

कनलोग मोक्ष धाम में रखी हैं अस्थियां

कनलोग मोक्ष धाम के लॉकर में 65 लोगों के अस्थियों के कलश रखे हुए हैं. कर्मी परिजनों को फोन कर रहे हैं लेकिन इन अस्थियों को लेने के लिए कोई नहीं आ रहा है. मोक्ष धाम की देख रेख सूद सभा द्वारा की जाती है. वहीं, अब सूद सभा इन अस्थियों का सामूहिक विसर्जन करने की तैयारी कर रही है.

अस्थियों का होगा सामूहिक विसर्जन

सूद सभा के अध्यक्ष संजय सूद ने कहा कि मोक्ष धाम में हर रोज चार से पांच कोरोना संक्रमित लोगों के शव का दाह संस्कार किया जाता है. यहां कर्मी तैनात किए गए हैं. लेकिन लोग अस्थियां लेने से डर रहे हैं. मोक्ष धाम के लॉकर में रखी हुई अस्थियों के सामूहिक विसर्जन की जिला प्रशासन को दी जा चुकी है.

मोक्ष धाम से अस्थियां नहीं ले जा रहे लोग

कनलोग मोक्ष धाम के पंडित पवन कुमार का कहना है कि लोग अस्थियां नहीं ले जा रहे हैं. मोक्ष धाम में 64 अस्थियां रखी हुई हैं. लोग कोरोना के डर से मोक्ष धाम नहीं आ रहे हैं. जबकि जब तक अस्थियों को बहाया नहीं जाता तब तक उन्हें मोक्ष नहीं मिलता है.

शव को जलाने के बाद नहीं रहता वायरस

आइजीएमसी के एमएस डॉक्टर जनक राज ने कहा कि शव को जलाने के बाद वायरस नहीं रहता है. और ऐसे में अस्थियों में कोरोना वायरस का रहना न मुमकिल है. शव को जलाते ही वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाता है. उन्होंने लोगों से आस्तियों को बिना किसी डर से ले जाने की अपील की.

हर रोज पांच लोगों का हो रहा अंतिम संस्कार

बता दें कि शिमला जिला में कोरोना बेकाबू हो गया है. जिले में हर रोज 5 से ज्यादा कोरोना संक्रिमत व्यक्ति की मौत हो रही है और शहर में कनलोग मोक्ष धाम में ही कोरोना संक्रमित शवों का दाह संस्कार किया जाता है. जहां सुबह से लेकर शाम तक शवों के जलने का सिलसिला चला रहता है.

Last Updated : Dec 5, 2020, 11:25 AM IST
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