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कोविड काल में हिमाचल में बंद हुए 43 कारखाने, 827 लोगों का छिन गया रोजगार

कोरोना संकट के समय हिमाचल प्रदेश में कुल 43 उद्योग बंद हुए हैं. इन कारखानों के बंद होने के कारण 827 लोगों का रोजगार छिन गया. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक सवाल के लिखित जवाब में दी गई. हिमाचल प्रदेश में वैश्विक महामारी के बाद मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा था. उसके बाद कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर (corona impact on economy in HP) में उद्योग जगत के सामने भी कई संकट आए. लेबर की समस्या और अन्य व्यवहारिक दिक्कतों के चलते उद्योग जगत को संकट का सामना करना पड़ा.कोरोना काल में अकेले जिला सिरमौर में 35 उद्योग बंद हुए. इनमें से कुछ कामगार डी-रजिस्टर्ड दर्ज किए गए. इनमें काम करने वाले 481 लोग बेरोजगार हुए. सबसे अधिक मार सिरमौर जिले व सोलन जिले पर पड़ी.

jobs during the Covid period
उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर
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Published : Feb 26, 2022, 2:59 PM IST

शिमला: कोरोना संकट के समय हिमाचल प्रदेश में कुल 43 उद्योग बंद हुए हैं. इन कारखानों के बंद होने के कारण 827 लोगों का रोजगार छिन गया. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक सवाल के लिखित जवाब में दी गई. जुब्बल-कोटखाई से कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर ने सवाल किया था कि तीन साल में हिमाचल में कितने उद्योग बंद हुए? साथ ही ये भी पूछा था कि उद्योगों के बंद होने पर कितने लोगों का रोजगार छिन गया.

इस पर उद्योग मंत्री की तरफ से आए लिखित जवाब में बताया गया कि तीन साल में फरवरी 2022 तक कुल 43 उद्योग बंद हुए. इस कारण 827 लोगों की नौकरी चली गई. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में वैश्विक महामारी के बाद मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा था. उसके बाद कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर में उद्योग जगत के सामने भी कई संकट आए. लेबर की समस्या और अन्य व्यवहारिक दिक्कतों के चलते उद्योग जगत को संकट का सामना करना पड़ा.

481 लोग बेरोजगार हुए: कोरोना काल में अकेले जिला सिरमौर में 35 उद्योग बंद हुए. इनमें से कुछ कामगार डी-रजिस्टर्ड दर्ज किए गए. इनमें काम करने वाले 481 लोग बेरोजगार हुए. सबसे अधिक मार सिरमौर जिले व सोलन जिले पर पड़ी. बंद होने वाली अधिकांश यूनिट एमसएमई की रही. इस दौरान सोलन जिले के बद्दी में (Employment Crisis during corona in HP) हर्बल फूड सप्लीमेंट और रेडीमेड गारमेंट्स की यूनिट बंद होने के कारण 14 हिमाचली कामगार और तीन गैर हिमाचली नौकरी से हाथ धो बैठे.

इसी तरह शिमला में एक रेडीमेड गारमेंट्स की यूनिट बंद होने से दस लोगों (corona impact on economy in HP) का रोजगार चला गया. कांगड़ा जिले में एक फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट बंद हुई और उसमें काम करने वाले दस लोगों को सड़क पर आना पड़ा. ऊना जिले में तीन यूनिट्स बंद होने से 26 लोगों का रोजगार चला गया. इसी तरह सोलन जिले में बैग बनाने वाली और एक गार्लिक पाउडर बनाने वाली यूनिट बंद हो गई. इनमें काम करने वाले 283 लोग बेरोजगार हुए. बैग बनाने वाली कंपनी वाइल्ड क्राफ्ट इंडिया में ही 281 लोग नौकरी करते थे, जिन्हें बेरोजगार होना पड़ा.

हिमाचल में 76855 को मिला बेरोजगारी भत्ते का लाभ: हिमाचल प्रदेश में तीन साल के अंतराल में 76 हजार 855 युवाओं को (Corona Crisis in Himachal) बेरोजगारी भत्ते का लाभ मिला है. रोजगार से संबंधित सवाल करने वाले विधायक रोहित ठाकुर ने बेरोजगारी भत्ते को लेकर भी प्रश्न किया था.

उनके सवाल के लिखित जवाब में उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में (Unemployment Rate Covid) बेरोजगारी भत्ता योजना अप्रैल 2017 में अधिसूचित की गई थी. इस योजना में शारीरिक तौर पर अक्षम व्यक्ति को डेढ़ हजार प्रति माह और अन्य सभी श्रेणी के आवेदकों को एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं. वर्ष 2019-20 में इस योजना के तहत 29355, 2020-21 में 26414 और 2021 से फरवरी 2022 तक 21086 को बेरोजगारी भत्ता दिया गया.

ये भी पढ़ें- यूक्रेन में फंसे हिमाचल के 130 लोगों को वापस लाने की कोशिशें तेज, आज आएंगे दो विमान

शिमला: कोरोना संकट के समय हिमाचल प्रदेश में कुल 43 उद्योग बंद हुए हैं. इन कारखानों के बंद होने के कारण 827 लोगों का रोजगार छिन गया. ये जानकारी हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र के दौरान एक सवाल के लिखित जवाब में दी गई. जुब्बल-कोटखाई से कांग्रेस विधायक रोहित ठाकुर ने सवाल किया था कि तीन साल में हिमाचल में कितने उद्योग बंद हुए? साथ ही ये भी पूछा था कि उद्योगों के बंद होने पर कितने लोगों का रोजगार छिन गया.

इस पर उद्योग मंत्री की तरफ से आए लिखित जवाब में बताया गया कि तीन साल में फरवरी 2022 तक कुल 43 उद्योग बंद हुए. इस कारण 827 लोगों की नौकरी चली गई. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में वैश्विक महामारी के बाद मार्च 2020 में लॉकडाउन लगा था. उसके बाद कोरोना की पहली, दूसरी व तीसरी लहर में उद्योग जगत के सामने भी कई संकट आए. लेबर की समस्या और अन्य व्यवहारिक दिक्कतों के चलते उद्योग जगत को संकट का सामना करना पड़ा.

481 लोग बेरोजगार हुए: कोरोना काल में अकेले जिला सिरमौर में 35 उद्योग बंद हुए. इनमें से कुछ कामगार डी-रजिस्टर्ड दर्ज किए गए. इनमें काम करने वाले 481 लोग बेरोजगार हुए. सबसे अधिक मार सिरमौर जिले व सोलन जिले पर पड़ी. बंद होने वाली अधिकांश यूनिट एमसएमई की रही. इस दौरान सोलन जिले के बद्दी में (Employment Crisis during corona in HP) हर्बल फूड सप्लीमेंट और रेडीमेड गारमेंट्स की यूनिट बंद होने के कारण 14 हिमाचली कामगार और तीन गैर हिमाचली नौकरी से हाथ धो बैठे.

इसी तरह शिमला में एक रेडीमेड गारमेंट्स की यूनिट बंद होने से दस लोगों (corona impact on economy in HP) का रोजगार चला गया. कांगड़ा जिले में एक फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट बंद हुई और उसमें काम करने वाले दस लोगों को सड़क पर आना पड़ा. ऊना जिले में तीन यूनिट्स बंद होने से 26 लोगों का रोजगार चला गया. इसी तरह सोलन जिले में बैग बनाने वाली और एक गार्लिक पाउडर बनाने वाली यूनिट बंद हो गई. इनमें काम करने वाले 283 लोग बेरोजगार हुए. बैग बनाने वाली कंपनी वाइल्ड क्राफ्ट इंडिया में ही 281 लोग नौकरी करते थे, जिन्हें बेरोजगार होना पड़ा.

हिमाचल में 76855 को मिला बेरोजगारी भत्ते का लाभ: हिमाचल प्रदेश में तीन साल के अंतराल में 76 हजार 855 युवाओं को (Corona Crisis in Himachal) बेरोजगारी भत्ते का लाभ मिला है. रोजगार से संबंधित सवाल करने वाले विधायक रोहित ठाकुर ने बेरोजगारी भत्ते को लेकर भी प्रश्न किया था.

उनके सवाल के लिखित जवाब में उद्योग मंत्री बिक्रम ठाकुर ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में (Unemployment Rate Covid) बेरोजगारी भत्ता योजना अप्रैल 2017 में अधिसूचित की गई थी. इस योजना में शारीरिक तौर पर अक्षम व्यक्ति को डेढ़ हजार प्रति माह और अन्य सभी श्रेणी के आवेदकों को एक हजार रुपए प्रतिमाह दिए जाते हैं. वर्ष 2019-20 में इस योजना के तहत 29355, 2020-21 में 26414 और 2021 से फरवरी 2022 तक 21086 को बेरोजगारी भत्ता दिया गया.

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