शिमला: अपनी मांगों को लेकर पिछले 28 दिन से शिमला कालीबाड़ी के समीप करुणामूलक आश्रित अनशन पर बैठे हैं. अभी तक सरकार की तरफ से उनकी मांगों को पूरा करने का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है. ना ही कोई अधिकारी इनकी सुध लेने पहुंचा है.
वहीं, करुणामूलक आश्रितों ने वीरवार को शिमला उपायुक्त कार्यालय से शेरे-ए-पंजाब तक आक्रोश रैली निकाली और उप चुनावों का बहिष्कार करने का ऐलान भी किया. आश्रितों का आरोप है कि सरकार कमेटियां बनाकर उनके साथ अन्याय कर रही है. करुणामूल्क आश्रित संघ के उपाध्यक्ष अजय का कहना है कि वन टाइम सेटेलमेंट की लंबे समय से मांग कर रहे है. 20 सालों से करुणामूलक नौकरी का इतंजार कर रहे हैं. आज उन्हें कोई नौकरी नहीं दी गई. इसके चलते वो बेरोजगार घूम रहे हैं, लेकिन ये सरकार करुणामूल्क आश्रितों को कोई सुध नही ले रही है.
आश्रित 28 दिन से अनशन पर बेठे हैं, लेकिन कोई उनकी सुध लेने के लिए नहीं आ रहा है. करुणामूलकों ने आज आक्रोश रैली निकाल कर सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नही मानी गई तो उपचुनावों का करुणामूल्क आश्रित वहिष्कार करेंगे और विधानसभा में जा कर रैली निकाल कर बीजेपी सरकार के खिलाफ काम किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमेटी बनाकर आश्रितों के साथ धोखा कर रहे हैं, लेकिन इसबार उन्हें जब तक वन टाइम सेटेलमेंट के तहत नौकरी नही दी जाती तब तक आश्रित अपना अनशन जारी रखेगें.
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