शिमलाः राजधानी शिमला के IGMC में स्क्रब टाइफस से दो महिलाओं की मौत हो गई. इसमें एक 26 साल की महिला अप्पर शिमला की जबकि 52 वर्षीय महिला मंडी जिला की निवासी है. इस साल स्क्रब टाइफस से एक साथ यह दाे माैतें हुई है. स्क्रब टाइफस के बढ़ते मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है.
अस्पतालाें में स्क्रब टाइफस काे लेकर जरूरी दवाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. हालांकि यह माैतें कुछ दिन पहले आईजीएमसी में हुई है. उसके बाद आईजीएमसी में भी स्क्रब टाइफस काे लेकर अलर्ट है. यहां पर जहां एक ओर बुखार वाले मरीजाें काे काेराेना का टेस्ट अनिवार्य किया गया है. वहीं, अब स्क्रब टाइफस का टेस्ट भी प्रशासन करवा रहा है.
अब तक 500 से ज्यादा मरीजाें के स्क्रब टाइफस के टेस्ट करवा दिए गए हैं, जिसमें 110 लाेग स्क्रब से पीड़ित पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएचसी और पीएचसी काे आदेश जारी कर दिए हैं कि अगर काेई भी मरीज बुखार का आए और उसके शरीर पर लाल दाने हाें ताे तुरंत उसका स्क्रब टाइफस का टेस्ट करवाएं, ताकि बीमारी का पता लगाया जा सके.
ये हैं स्क्रब टाइफस के लक्षण
स्क्रब टाइफस बीमारी में मरीज को सांस लेने में परेशानी, उल्टी, जी मचलाना, जोड़ों में दर्द, कपकपी के साथ बुखार होता है. अधिक संक्रमण में गर्दन, बाजुओं के नीचे, कुल्हों के ऊपर गिल्टियां हो जाती हैं. इसके साथ शरीर के जिस हिस्से पर कीड़े ने काटा होता है, वहां पर लाल रंग का एक निशान पड़ जाता है.
ऐसे करें स्क्रब टाइफस से बचाव
स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को कोरोना वायरस के साथ ही स्क्रब टाइफस के लिए भी सावधानी बरतने की अपील की है. विभाग का कहना है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोग जब भी पशुओं के लिए चारा लेने जंगल और घासनियों में जाते हैं तो उन्हें पूरी बाजू वाली कमीज पहन कर जाना चाहिए. अपने शरीर का अधिक से अधिक भाग पूरी तरह ढककर रखें. स्क्रब टाइफस के लक्षण पाए जाने पर तुरंत पास के अस्पताल में जाकर उपचार करवाएं.
आईजीएमसी के प्रशासनिक अधिकारी डॉ. शोमिन धीमान ने बताया कि स्क्रब टाइफस के मरीज आ रहे हैं. अब तक दाे महिलाओं की माैत भी स्क्रब से हाे चुकी है. इसमें ज्यादात्तर मामले ग्रामीण क्षेत्राें से आ रहे हैं. लाेगाें से अपील है कि वे खेताें में जाते समय अपने पूरे शरीर काे ढककर रखें.
घराें के आसपास घास ना उगने दें. इसके अलावा अगर उन्हें शरीर में लाल धब्बे हाे जाए और बुखार आए ताे तुरंत नजदीकी अस्पताल में जाएं. यहां पर अपना स्क्रब टाइफस का टेस्ट करवाएं. समय पर दवाएं लेने से यह पूरी तरह से ठीक हाे जाता है. सरकारी अस्पतालाें में इसकी दवा निशुल्क दी जाती है.