शिमला: 15वें वित्तायोग ने हिमाचल की झोली भर दी है. प्रदेश को 15वें वित्तायोग से 82 हजार करोड़ रुपए के करीब सहायता ग्रांट के रुपए में घोषित की गई है. राज्य सरकार को अब सरकारी कर्मियों के वेतन की चिंता नहीं रहेगी. रेवेन्यू डेफेसिट ग्रांट के तौर पर हर महीने 950 करोड़ रुपए की रकम मिलने से सरकार को कर्मचारियों के वेतन पर होने वाले खर्च की चिंता नहीं रहेगी.
ग्रांट के रूप में हिमाचल को मिलेंगे 81,977 करोड़ रुपए
वित्तायोग की रिपोर्ट के अनुसार पांच साल में हिमाचल को 81,977 करोड़ रुपए ग्रांट के तौर पर मिलेंगे. ये ग्रांट पहले की तरह जारी रहेगी. राहत की बात ये है कि हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में एयरपोर्ट को एक हजार करोड़ रुपए का ऐलान हुआ है. वित्तायोग ने हिमाचल को स्टेट स्पेसिफिक ग्रांट के तौर पर 1420 करोड़ दिये हैं. इनमें एक्सपेंशन एंड अपग्रेडेशन आफ कांगड़ा एयरपोर्ट के लिए 400 करोड़, कंस्ट्रक्शन आफ मंडी एयरपोर्ट एट नागचला के लिए 1000 करोड़ रुपये और अपग्रेडेशन एंड डेवल्पमेंट ऑफ ज्वालामुखी मंदिर के लिए 20 करोड़ अलग से मिले हैं. मंडी एयरपोर्ट के लिए 1000 करोड़ का फंड मिलने के बाद अब इस एयरपोर्ट के बनने की उम्मीद बढ़ गई है.
डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए 2258 करोड़ रुपये की ग्रांट
इसके अलावा वित्तायोग ने स्थानीय निकायों को 3049 करोड़ और डिजास्टर मैनेजमेंट के लिए 2258 करोड़ रुपये की ग्रांट दी है. साथ ही 1420 करोड़ रुपये अलग से स्टेट स्पेसेफिक ग्रांट के रूप में दिये गए हैं. इससे पहले 15वें वित्तायोग ने अपनी एक साल की अंतरिम रिपोर्ट में वर्ष 2020-21 के लिए 19309 करोड़ रुपए हिमाचल को दिए थे. इनमें से 11431 करोड़ रुपए राजस्व घाटा अनुदान के बदले थे.
बजट में कुछ नहीं, पर वित्तायोग ने दिए ये तोहफे
- टैक्स शेयर के रूप में 35064 करोड़ रुपये
- रेवन्यू डेफसिट ग्रांट में 37199 करोड़ रुपये
- लोकल बॉडी ग्रांट 3049 करोड़ रुपये
- डिजास्टर मैनेजमेंट 2258 करोड़ रुपये
- हेल्थ सेक्टर 377 करोड़ रुपये
- पीएमजीएसवाई 2222 करोड़ रुपये
- डाटा एंड स्टैस्टिक्स 21 करोड़ रुपये
- ज्यूडिशियरी 50 करोड़ रुपये
- उच्च शिक्षा 70 करोड़ रुपये
- कृषि सेक्टर 247 करोड़ रुपये
- स्टेट स्पेसेफिक ग्रांट 1420 करोड़ रुपये
पहले भी हिमाचल को मिली थी संजीवनी
वित्तायोग ने पिछली बार 45 फीसदी राजस्व घाटा अनुदान बढ़ाया था, तब भी जयराम सरकार की वेतन संबंधी समस्या हल हो गई थी. हिमाचल के लिए राजस्व घाटा अनुदान की अवधि 2020 में खत्म होने वाली थी. तब वित्तायोग ने 2020-21 के लिए अंतरिम रिपोर्ट जारी की थी, उसमें राहत मिली थी.
बता दें कि 15वें वित्तायोग के चेयरमैन एनके सिंह की अगुवाई में वित्त आयोग ने 27 सितंबर 2018 को हिमाचल का तीन दिन का दौरा किया था. दौरे के बाद सीएम जयराम ठाकुर की अधिकारियों के साथ शिमला में बैठक हुई थी. इस दौरान वित्तायोग के सामने सीएम जयराम ने हिमाचल का पक्ष रखते हुए कहा था कि उनका राज्य रेवेन्यू डेफेसिट स्टेट है और सरकार को लोन लेकर विकास कार्य अंजाम तक पहुंचाने पड़ते हैं.
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