शिमला: स्मार्ट सिटी शिमला में आने वाले 5 सालों करीब 14.69 किलोमीटर लंबे रोपवे (Ropeway in Smart City Shimla) होंगे. इस रज्जू मार्ग नेटवर्क में 15 स्टेशन होंगे. तारादेवी मंदिर से आरंभ होने वाले इस रज्जू मार्ग में स्मार्ट पार्किंग, लिफ्ट्स, एस्केलेटर्स और कई अन्य आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी. यह जानकारी सीएम ऑफिस से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी गई. जिसके अनुसार शिमला शहर के लिए अभिनव शहरी परिवहन रज्जू मार्ग परियोजना को केंद्र सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है. 5 सालों में पूरा होने वाली इस परियोजना पर 1546.40 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
15 स्टेशन होंगे: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने के अनुसार राजधानी शिमला में वाहनों की भीड़ तथा प्रदूषण कम करने के लिए 1546.40 करोड़ रुपये अनुमानित लागत की अभिनव शहरी परिवहन रज्जू मार्ग परियोजना का खाका तैयार (ropeway to be built in Shimla) किया गया और केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग ने इसे सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान कर दी है. इसके लिए केंद्र सरकार का धन्यवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 14.69 किलोमीटर लंबे इस रज्जू मार्ग नेटवर्क में 15 स्टेशन (15 stations in Shimla Ropeway) होंगे.
हिमाचल का 40 लाख पर्यटक हर साल करते दीदार: मुख्यमंत्री ने कहा कि शिमला में वाहनों की भीड़ को नियंत्रित करने, प्रदूषण कम करने और पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में यह अभिनव शहरी रज्जू मार्ग परियोजना एक मील पत्थर साबित होगी. यह पूरी तरह ईको-फ्रेंडली एवं कार्बन न्यूट्रल परियोजना (Eco friendly and carbon neutral project) होगी. जयराम ठाकुर ने बताया कि 3 लाख से अधिक आबादी वाले शिमला शहर में हर वर्ष लगभग 40 लाख पर्यटक आते हैं. ऐसी परिस्थितियों में रज्जू मार्ग परियोजना परिवहन का एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है.
धर्मशाला और मनाली में भी होंगे रोपवे: मुख्यमंत्री ने कहा कि परियोजना के वित्त पोषण के लिए प्रदेश सरकार ने न्यू डेवलपमेंट बैंक (एनडीबी) के समक्ष प्रस्ताव प्रस्तुत कर दिया और सरकार इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. रोपवे एंड रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (आर.टी.डी.सी.) 5 वर्ष में इस परियोजना का कार्य पूरी करेगी और यह परियोजना देश में अपनी तरह की पहली परियोजना होगी. शिमला में रज्जू मार्ग परियोजना का कार्य पूर्ण होने के बाद प्रदेश सरकार धर्मशाला और मनाली में (Ropeway in Dharamshala and Manali) भी इस वैकल्पिक परिवहन प्रणाली विकसित करेगी.
पर्यावरण मंजूरी में भी छूट : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बताया रज्जू मार्गों के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने रोपवे परियोजनाओं को प्राथमिकता वाली परियोजनाओं की सूची में शामिल किया है. रज्जू मार्ग परियोजनाओं के लिए राईट ऑफ वे को एफसीए और (ईसी) पूर्व पर्यावरण मंजूरी में भी छूट दिलाई गई है. रज्जू मार्गों के किराये में जीएसटी की दर 18 से घटाकर 5 प्रतिशत करवाई गई है.
माता बगलामुखी मंदिर के लिए रज्जू मार्ग: आरआईडीएफ-नाबार्ड के तहत वित्त पोषण के लिए रज्जू मार्गों को पात्र श्रेणी में शामिल करवाया गया है. उन्होंने कहा कि जिला मंडी में पंडोह के पास माता बगलामुखी मंदिर के लिए रज्जू मार्ग योजना देश में आरआईडीएफ-नाबार्ड के माध्यम से वित्त पोषित पहली रज्जू मार्ग परियोजना है, जिसका कार्य अगले वर्ष 31 मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है.
26 अप्रैल को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर : राज्य सरकार ने प्रदेश में रज्जू मार्गों के विकास के लिए 26 अप्रैल 2022 को केंद्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए और पर्वतमाला योजना के तहत जिला कांगड़ा, कुल्लू, चंबा, सिरमौर, शिमला और बिलासपुर में लगभग 60.6 किलोमीटर के रज्जू मार्गों के लिए 2964 करोड़ रुपये की लागत वाली सात परियोजनाएं प्रस्तुत की और इनके क्रियान्वयन का कार्य जारी है.