शिमला: राजधानी शिमला के उपनगर टुटू में नगर निगम की लापरवाही ने 12 परिवारों को बेघर कर दिया है. नगर निगम की पार्किंग निर्माण से दो बहुमंजिला भवनों को खतरा पैदा हो गया है. इसके साथ ही बंगाला कॉलोनी के ढारे भी गिर गए है.
चार मंजिला भवन जिसमें दरारें आई थी, अब इसकी हालत और खराब हो चुकी है. वहीं, बारिश के बाद भूस्खलन होने से पेड़ भी एक तरफ को झुक गए हैं. पंचायत भवन में दरारें आने के बाद इसका रिकॉर्ड शिफ्ट करने का काम शुरू कर दिया गया है. दुकानों और मकान खाली करवाए गए हैं. साथ ही बंगाला कॉलोनी में दो ढारें गिर गए है और अन्य ढारों को भी खतरा पैदा हो गया है. कॉलोनी को खाली करवा दिया गया है.
वहीं, यहां पर रह रहे लोगों के लिए अब रहने के लिए जगह तक नहीं है. लोग इस बरसात के मौसम में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है. न तो जिला प्रशासन और न ही नगर निगम ने इन लोगों के रहने के लिए कोई इतंजाम किया है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि पार्किंग के लिए खुदाई के चलते बंगाला कॉलोनी को खतरा हो गया था. इसके लिए उन लोगों ने कई बार प्रशासन को बोला लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
स्थानीय निवासियों ने कहा कि अब उनके मकान धंस गए है और वे तीन दिन से बाहर भूखे प्यासे रह रहे है. प्रशासन की ओर से कोई भी अधिकारी उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है. बता दें कि टूटू में नगर निगम पार्किंग का निर्माण कर रहा है. बारिश के बाद भूस्खलन होने से दो बहुमंजिला भवनों और बंगाला कॉलोनी को खतरा पैदा हो गया है. बंगाला कॉलोनी में 12 परिवार रहते हैं जिनमें से कुछ लोगों को स्कूल में शिफ्ट किया गया है.
राष्ट्रीय राजमार्ग में भी पड़ी हैं दरारें
पार्किंग के निर्माण के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग में भी दरारें आ चुकी हैं. राष्ट्रीय राजमार्ग को धंसने से बचाने के लिए हालांकि प्रशासन मिट्टी फेंक रहा है लेकिन लगातार बढ़ रही दरारों से भवनों के साथ सड़क पर भी खतरा मंडराने लगा है. यदि सड़क को और नुकसान होगा तो कुछ समय तक निचले शिमला से संपर्क टूट जाएगा.
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