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बदहाली के आंसू बहा रही उत्तराखंड को जोड़ने वाली ये सड़क, जान जोखिम में डालकर करना पड़ता है सफर - नाहन

सड़क की हालत खराब होने के कारण हादसे भी बढ़े हैं. दो साल पहले टायरिंग हुई थी, वह भी सारी उखड़ गई है. मुसाफिरों को हिचकोले खाते हुए सफर करना पड़ रहा है.

खस्ता हालत में कफोटा-कोटी सड़क.
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Published : Apr 2, 2019, 9:28 AM IST

नाहन:सड़कें किसी भी क्षेत्र की लाइफ लाइन कहलाती हैं, लेकिन सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई को उत्तराखंड से जोड़ने वाली सड़क ही यहां के ग्रामीणों व किसानों के लिए दुर्भाग्य बन चुकी है. उस पर हालात ऐसे कि सरकार, स्थानीय नेता व संबंधित विभाग का इस ध्यान नहीं जा रहा है.

उपमंडल शिलाई के तहत उत्तराखंड को जोड़ने वाले कफोटा-कोटी सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गढ्ढे पड़ गए हैं. कई जगहों पर सड़क पर पानी बह रहा है. खस्ताहाल हो चुकी सड़क पर धूल ही धूल उड़ती है. मुसाफिरों को हिचकोले खाते हुए सफर करना पड़ रहा है.

खस्ता हालत में कफोटा-कोटी सड़क.

शिलाई के कफोटा के आस-पास की कई पंचायतों के हजारों ग्रामीणों का उत्तराखंड आना-जाना लगा रहता है. यही नहीं स्थानीय किसान अपनी फसलें उत्तराखंड की विकास नगर मंडी तक पहुंचाते हैं. बावजूद सड़क की कोई सुध नहीं ले रहा है.

स्थानीय निवासी संदीप चौहान का कहना है कि सड़क के हालत बद से बदतर हो चुकी है. चुनाव आते ही नेता व मंत्री आने शुरू हो जाते हैं, लेकिन विकास की जो रिपोर्ट है वो यहां जीरों है. उत्तराखंड को जोड़ने वाली इस सड़क का बुरा हाल है. सैंकड़ों की तादाद में यहां से वाहन गुजरते है. सड़क की हालत खराब होने के कारण हादसे भी बढ़े हैं.

उधर एक अन्य स्थानीय निवासी खजान सिंह का कहना है कि सड़क के बेहद बुरे हैं. इस सड़क की तरफ बेहद कम ध्यान दिया जाता है. पीडब्ल्यूडी की लेबर भी अब यहां नहीं आते. दो साल पहले टायरिंग हुई थी, वह भी सारी उखड़ गई है. ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए.

नाहन:सड़कें किसी भी क्षेत्र की लाइफ लाइन कहलाती हैं, लेकिन सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई को उत्तराखंड से जोड़ने वाली सड़क ही यहां के ग्रामीणों व किसानों के लिए दुर्भाग्य बन चुकी है. उस पर हालात ऐसे कि सरकार, स्थानीय नेता व संबंधित विभाग का इस ध्यान नहीं जा रहा है.

उपमंडल शिलाई के तहत उत्तराखंड को जोड़ने वाले कफोटा-कोटी सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गढ्ढे पड़ गए हैं. कई जगहों पर सड़क पर पानी बह रहा है. खस्ताहाल हो चुकी सड़क पर धूल ही धूल उड़ती है. मुसाफिरों को हिचकोले खाते हुए सफर करना पड़ रहा है.

खस्ता हालत में कफोटा-कोटी सड़क.

शिलाई के कफोटा के आस-पास की कई पंचायतों के हजारों ग्रामीणों का उत्तराखंड आना-जाना लगा रहता है. यही नहीं स्थानीय किसान अपनी फसलें उत्तराखंड की विकास नगर मंडी तक पहुंचाते हैं. बावजूद सड़क की कोई सुध नहीं ले रहा है.

स्थानीय निवासी संदीप चौहान का कहना है कि सड़क के हालत बद से बदतर हो चुकी है. चुनाव आते ही नेता व मंत्री आने शुरू हो जाते हैं, लेकिन विकास की जो रिपोर्ट है वो यहां जीरों है. उत्तराखंड को जोड़ने वाली इस सड़क का बुरा हाल है. सैंकड़ों की तादाद में यहां से वाहन गुजरते है. सड़क की हालत खराब होने के कारण हादसे भी बढ़े हैं.

उधर एक अन्य स्थानीय निवासी खजान सिंह का कहना है कि सड़क के बेहद बुरे हैं. इस सड़क की तरफ बेहद कम ध्यान दिया जाता है. पीडब्ल्यूडी की लेबर भी अब यहां नहीं आते. दो साल पहले टायरिंग हुई थी, वह भी सारी उखड़ गई है. ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए.

बदहाली के आंसू बहा रही उत्तराखंड को जोड़ने वाली ये सड़क, जोखिम में जिदंगी 
-बड़े-बड़े गड्ढों में हो चुकी है सड़क तबदील, नहीं ले रहा कोई भी सुध
-हिचकोलों के साथ होता है सफर, दोपहिया वाहनों के लिए बनी खतरनाक
-कई पंचायतों के किसान उत्तराखंड की मंडी में पहुंचाते हैं यहीं से होकर फसलें
-नेताओं से मिलते हैं आश्वासन ओर केवल आश्वासन
-चुनाव आते ही आते हैं नेता व मंत्री, पर क्षेत्र के विकास का रिपोर्ट कार्ड जीरों 
नाहन। सड़कें किसी भी क्षेत्र के भाग्य रेखाएं कहलाती हैं, लेकिन सिरमौर के दुर्गम क्षेत्र शिलाई को उत्तराखंड से जोड़ने वाली सड़क ही यहां के ग्रामीणों व किसानों के लिए दुर्भाग्य बन चुकी है। उस पर हालात ऐसे कि सरकार, स्थानीय नेता व संबंधित विभाग धृतराष्ट्र बन चुके हैं, जिन्हें ग्रामीणों की विकराल समस्या दिखाई ही नहीं दे रही है। 
यहां बात उपमंडल शिलाई के तहत उत्तराखंड को जोड़ने वाले कफोटा-कोटी मार्ग की हो रही है। सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गढ्ढे पड़ गए है। कई जगहों पर सड़क पर पानी बह रहा है। खस्ताहाल हो चुकी सड़क पर धूल ही धूल उड़ती है। वाहनों में हिचकोले खाते हुए सफर होता है। अहम बात यह है कि यह सड़क आगे उत्तराखंड को जोड़ती है। शिलाई के कफोटा के आसपास की कई पंचायतों के हजारों ग्रामीणों का उत्तराखंड आना-जाना लगा रहता है। यही नहीं स्थानीय किसान अपनी फसलें उत्तराखंड की विकास नगर मंडी तक पहुंचाते हैं। बावजूद सड़क की कोई सुध नहीं ले रहा है। 
स्थानीय निवासी संदीप चैहान का कहना है कि सड़क के हालत बद से बदतर बन चुके हैं। चुनाव आते ही नेता व मंत्री आने शुरू हो जाते हैं, लेकिन विकास की जो रिपोर्ट है वो यहां जीरों है। उत्तराखंड को जोड़ने वाली उक्त सड़क के बेहद ही बुरे हाल है। सैंकड़ों की तादाद में यहां से वाहन गुजरते है। सड़क की हालत खराब होने के कारण हादसे भी बढ़े हैं। 
बाइट: संदीप चौहान, स्थानीय निवासी 
उधर एक अन्य स्थानीय निवासी खजान सिंह का कहना है कि सड़क के बेहद बुरे हैं। इस सड़क की तरफ बेहद कम ध्यान दिया जाता है। पीडब्ल्यूडी की लेबर भी अब यहां नहीं आती। सरकार व विभाग इस दिशा में कोई ध्यान नहीं दे रहा है। दो साल पहले टायरिंग हुई थी, वह भी सारी उखड़ गई है। संबंधित विभाग को भी सब कुछ पता हैं, लेकिन कोई सुध नहीं ले जा रही। ग्रामीणों ने मांग करते हुए कहा कि जल्द से जल्द समस्या का समाधान किया जाए। 
बाइट: खजान सिंह, स्थानीय निवासी 
बाइट: जगत सिंह, स्थानीय निवासी 
कुल मिलाकर पड़ोसी राज्य को जोड़ने वाली यह अहम सड़क अब खस्ताहाली के कारण लोगों के लिए जहां जान का खतरा बन चुकी हैं, वहीं लोगों में सरकार, प्रशासन व संबंधित विभाग के प्रति खासा रोष व्याप्त है। 
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