नाहन: उत्तर प्रदेश के हाथरस में किशोरी के साथ दरिंदगी की घटना और उसकी मौत के बाद आम जनता का सरकार के प्रति आक्रोश देखने को मिल रहा है. इस घटना से उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं, दलित शोषण मुक्ति मंच जिला सिरमौर कमेटी ने भी यूपी की योगी सरकार को घेरा है.
साथ ही घटना की निंदा करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली को भी कटघरे में खड़ा किया है. दलित शोषण मुक्ति मंच ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. दलित शोषण मुक्ति मंच के जिला संयोजक आशीष कुमार ने हाथरस घटना की कड़ी निंदा करते हुए योगी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आशीष कुमार ने कहा कि शर्मनाक बात तो यह है कि स्थानीय पुलिस ने इस जघन्य अपराध की एफआईआर दर्ज करने में देरी की और दरिंदगी की शिकार युवती को समय पर पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं दिलाई. जनता के दबाव के कारण युवती को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफर किया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी.
उन्होंने कहा कि यूपी पुलिस के अफसरों को अपनी ड्यूटी न करने और गलत सूचना फैलाने का दोषी ठहराया जाना चाहिए. दिल्ली पुलिस की मदद से उत्तर प्रदेश पुलिस युवती के शव को जबरन ले गई और अंतिम संस्कार कर दिया. परिवार के लोगों को अंतिम संस्कार में शामिल तक नहीं होने दिया. उत्तर प्रदेश पुलिस के अन्याय और अमानवीयता की यह भयानक घटना है.