नाहन: उपमंडल संगड़ाह के सीयू में श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति की बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला ने की. इस बैठक में क्षेत्र की दर्जनों महिलाओं एवं पुरुषों ने भाग लिया. बैठक में विस्थापितों से जुड़ी विभिन्न समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया और जल्द से जल्द विस्थापितों की मांगों को पूरा करने की मांग की गई.
बैठक के बाद समिति के अध्यक्ष योगेंद्र कपिला (Renuka Dam Jan Sangharsh Samiti meeting) ने कहा कि दिसंबर माह में डीसी सिरमौर एवं 5 जनवरी को प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के साथ हुई बैठक के उपरांत अभी तक संघर्ष समिति को मात्र आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला है. संघर्ष समिति उम्मीद लगाए बैठी हैं कि मुख्यमंत्री उनकी मांगों को अवश्य पूरा करेंगे.
हालांकि संघर्ष समिति पिछले 14 वर्षों से बांध प्रबंधन एवं सरकार के कई मुख्यमंत्रियों के समक्ष लगातार अपनी समस्याओं को उजागर करती आ रही है, लेकिन अभी तक विस्थापितों की किसी भी समस्या पर गौर नहीं किया गया और न ही किसी समस्या का अभी तक निदान हो सका.
योगेंद्र कपिला ने विस्थापितों की मांगों पैरा-55, एमपीएफ कार्ड, प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी व पुनर्स्थापित करने पर विस्तार से चर्चा करते हुए सरकार से इन्हें पूरा करने की गुहार लगाई गई. इसके अलावा चंडीगढ़ के समीप विस्थापितों को कॉलोनी बनाकर दी जाए, ताकि विस्थापितों का गुजर बसर हो सके.
योगेंद्र कपिला ने यह भी कहा कि जिले के गिरीपार क्षेत्र को (Tribal Areas in Sirmaur) जनजातीय क्षेत्र घोषित करवाने के लिए हाटी समिति पिछले लंबे समय से संघर्ष कर रही हैं, जिसके लिए श्री रेणुका बांध जन संघर्ष समिति आगामी समय में हाटी समिति को अपना पूर्ण समर्थन एवं सहयोग देगी. बैठक में रेणुका बांध प्रबंधन की ढुलमुल नीति पर भी कड़ा विरोध जताया गया और कहा गया कि प्रबंधन विस्थापितों की समस्याओं को सुलझाने की बजाए और अधिक जटिल बना रहा है.
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