पांवटा साहिब: जिला सिरमौर के माजरा में पिछले 70 सालों से रामलीला का आयोजन किया जा रहा है. स्वर्गवासी रामनारायण ने साल1947 में पहली बार माजरा में रामलीला शुरू की थी, उस समय परिवहन सुविधा न होने के बावजूद भी दूर-दूर से लोग यहां रामलीला देखने आते थे.
वहीं, स्वर्गवासी रामनारायण के बाद अब इस रामलीला का आयोजन लाला प्रेम चंद अग्रवाल पिछले 60 सालों से करवा रहे हैं. माजरा में मनाए जाने वाले दशहरे की खास बात ये है कि रामलीला मंचन करने वाले अधिकतर कलाकार बाहरी राज्यों के होते हैं.
वहीं, दशहरे के लिए रावण और मेघनाद आदि के पुतले बनाने के लिए भी कारीगर उत्तर प्रदेश से बुलाए जाते हैं. रामलीला के बाद दशहरा मेले का आयोजन धूमधाम से किया जाता है और उसके अगले दिन दंगल का आयोजन किया जाता है. दंगल में, उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड राज्यों से पहलवान आतें हैं.
श्री रामलीला दशहरा कमेटी के प्रधान लाला प्रेम चंद आग्रवाल ने कहा कि रामलीला के आयोजन करने से युवाओं को प्राचीन धार्मिक सनातन धर्म की जानकारी मिलती है. साथ ही कहा कि लोगों में अपने धर्म के प्रति रुचि भी बढ़ती है.
प्रधान लाला प्रेम चंद आग्रवाल ने बताया कि महंगाई की वजह से रामलीला के आयोजन मे 5 लाख रुपये का खर्च आता है. जिसके लिए स्थानीय लोगों व कंपनियों से चंदा एकत्रित किया जाता है.