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अनलॉक के बाद उद्योगों में लौट रही रौनक, संक्रमण का खतरा भी बरकरार

सिरमौर जिले के पांवटा साहिब इलाके में 50 से ज्यादा छोटे-बड़े उद्योग हैं. जिसमें बिहार, झारखंड यूपी, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर काम करने के लिए आते हैं. इन मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच के बाद उन्हें प्रदेश की सीमा में आने की अनुमति मिल रही है. उद्योग मालिक भी मजदूरों को बेहतर सुविधा देने का दावा कर रहे हैं.

People working between corona transition in industries of Himachal Pradesh
ईटीवी भारत डिजाइन फोटो.
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Published : Sep 24, 2020, 2:17 PM IST

Updated : Sep 24, 2020, 3:37 PM IST

पांवटा साहिब: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया हिलाकर रख दिया है. चाहे वो कोरोना वॉरियर्स हो, या फिर छोटी-बड़ी उद्योगों में काम कर रहे छोटे दिहाड़ीदार मजदूर. सभी इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ गए हैं.

अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को लौट गए बाहरी राज्यों के कामगर और मजदूर अब अपने-अपने उद्योगों में वापस आने लगे हैं. ऐसे में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, अगर जिला सिरमौर पांवटा साहिब की बात की जाए तो यहां छोटे-बड़े 50 से ज्यादा उद्योग हैं. जिसमें बिहार, झारखंड यूपी, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर काम करने के लिए आते हैं.

अगले 6 महीनों में सुधरेंगे उद्योगों के हालात

कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से उद्योगों को भारी नुकसान पहुंचा है. अपने उद्योंगो को पटरी पर लाने और उद्योगों में मजदूरों को बेहतर सुविधा के लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से मुलाकात की. इस दौरान मंत्री ने उन्हें अगले 6 महीनों में हालात सुधारने का वादा किया है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रदेश की सीमा पर प्रवासी मजदूरों का हो रहा टेस्ट

क्रशर उद्योग से जुड़े मदन शर्मा बताते हैं कि प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की वजह से कोरोना न फैले, इसके लिए पुलिस और डॉक्टर्स की टीम बॉर्डर पर ही प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है. इसके बाद ही इन्हें प्रदेश की सीमा में आने की अनुमति दी जा रही है.

प्रवासी मजदूरों का रखा जा रहा ख्याल

जगदीश चौहान का कहना है कि उद्योगों में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को बेहतर सुविधाएं देना का प्रयास किया जा रहा है. यही नहीं आसपास के पंचायतों के लोगों को भी सुविधाएं दी जा रही है. अगर कोई मजदूर कोरोना संक्रमित आ भी जाए तो उसके परिवार की देखरेख उद्योग के मालिक ही कर रहे हैं.

बाहरी राज्यों से आने वालों की बढ़ रही संख्या

बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ने से इन उद्योगों में कोरोना वायरस का भी खतरा बढ़ गया है. जिले में कोरोना के मामले बढ़ने पर प्रशासन भी सतर्क हो गया है. और उद्योगों में काम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच समय-समय पर कर रहा है. कोरोना पॉजिटिव आने वाले लोगों के परिवार को इस समय सबसे ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ रही हैं.

कोरोना का बढ़ रहा खतरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन इलाकों में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं, प्रशासन उन्हें सेनिटाइज नहीं कर रहा है. जिससे स्थानीय लोगों के दिलों में खौफ बैठ गया है. शहर में रोज हजारों लोग बाहरी राज्यों से आ रहे हैं. इस वजह से शहर में कोरोना खतरा तेजी से बढ़ रहा है.

पांवटा साहिब: कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया हिलाकर रख दिया है. चाहे वो कोरोना वॉरियर्स हो, या फिर छोटी-बड़ी उद्योगों में काम कर रहे छोटे दिहाड़ीदार मजदूर. सभी इस खतरनाक वायरस की चपेट में आ गए हैं.

अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होते ही लॉकडाउन के दौरान अपने घरों को लौट गए बाहरी राज्यों के कामगर और मजदूर अब अपने-अपने उद्योगों में वापस आने लगे हैं. ऐसे में कोरोना वायरस के फैलने का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है. वहीं, अगर जिला सिरमौर पांवटा साहिब की बात की जाए तो यहां छोटे-बड़े 50 से ज्यादा उद्योग हैं. जिसमें बिहार, झारखंड यूपी, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर काम करने के लिए आते हैं.

अगले 6 महीनों में सुधरेंगे उद्योगों के हालात

कोरोना काल में लगे लॉकडाउन की वजह से उद्योगों को भारी नुकसान पहुंचा है. अपने उद्योंगो को पटरी पर लाने और उद्योगों में मजदूरों को बेहतर सुविधा के लिए चेंबर ऑफ कॉमर्स के पदाधिकारियों ने ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी से मुलाकात की. इस दौरान मंत्री ने उन्हें अगले 6 महीनों में हालात सुधारने का वादा किया है.

वीडियो रिपोर्ट.

प्रदेश की सीमा पर प्रवासी मजदूरों का हो रहा टेस्ट

क्रशर उद्योग से जुड़े मदन शर्मा बताते हैं कि प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले लोगों की वजह से कोरोना न फैले, इसके लिए पुलिस और डॉक्टर्स की टीम बॉर्डर पर ही प्रवासी मजदूरों के स्वास्थ्य की जांच कर रही है. इसके बाद ही इन्हें प्रदेश की सीमा में आने की अनुमति दी जा रही है.

प्रवासी मजदूरों का रखा जा रहा ख्याल

जगदीश चौहान का कहना है कि उद्योगों में लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को बेहतर सुविधाएं देना का प्रयास किया जा रहा है. यही नहीं आसपास के पंचायतों के लोगों को भी सुविधाएं दी जा रही है. अगर कोई मजदूर कोरोना संक्रमित आ भी जाए तो उसके परिवार की देखरेख उद्योग के मालिक ही कर रहे हैं.

बाहरी राज्यों से आने वालों की बढ़ रही संख्या

बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों की संख्या बढ़ने से इन उद्योगों में कोरोना वायरस का भी खतरा बढ़ गया है. जिले में कोरोना के मामले बढ़ने पर प्रशासन भी सतर्क हो गया है. और उद्योगों में काम करने वाले लोगों के स्वास्थ्य की जांच समय-समय पर कर रहा है. कोरोना पॉजिटिव आने वाले लोगों के परिवार को इस समय सबसे ज्यादा परेशानियां उठानी पड़ रही हैं.

कोरोना का बढ़ रहा खतरा

स्थानीय लोगों का कहना है कि जिन इलाकों में कोरोना के मरीज मिल रहे हैं, प्रशासन उन्हें सेनिटाइज नहीं कर रहा है. जिससे स्थानीय लोगों के दिलों में खौफ बैठ गया है. शहर में रोज हजारों लोग बाहरी राज्यों से आ रहे हैं. इस वजह से शहर में कोरोना खतरा तेजी से बढ़ रहा है.

Last Updated : Sep 24, 2020, 3:37 PM IST
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