नाहन: दुर्गम क्षेत्र शिलाई के तहत टटियाना पंचायत के खनोटी गांव के दर्जनों परिवारों ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर ये ऐलान किया है कि जो उनके गांव में पानी लाएगा, उसे ही वोट मिलेगा. अन्यथा वह चुनाव में वोट नहीं डालेंगे, क्योंकि कोई भी उनकी परेशानी नहीं सुन रहा है.
दरअसल अब खनोटी गांव के ग्रामीण क्षेत्र के नेताओं से पानी की समस्या को लेकर दो-दो हाथ करने को तैयार बैठे हैं. गांव में पुरानी लाइन ध्वस्त हो चुकी है. लिहाजा 4 महीनों से ग्रामीण पानी की बूंद-बूंद को तरस रहे हैं. नई लाइनें गांव तक पहुंची नहीं है. ऐसे में ग्रामीण महीनों से स्थानीय खड्ड से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.
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महिलाओं का कहना है कि चार किलोमीटर दूर स्थानीय खड्ड से पानी ढोकर लाना पड़ रहा है. अब गर्मी के मौसम में वहां भी पानी उपलब्ध नहीं है. शौच तक जाने के लिए पानी उपलब्ध नहीं होता. पानी के कारण समय पर बच्चों को स्कूल नहीं भेज पाते हैं.
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उधर ग्रामीणों का आरोप है कि नेता चुनाव के समय में वोट मांगने आ जाते हैं, लेकिन उनकी समस्या का कोई समाधान नहीं करता. विभाग से भी कई बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. गांव के लोगों को बरसात के पानी का इस्तेमाल भी करना पड़ता है. लिहाजा इस बार वह चुनाव के बहिष्कार का मन बना रहे हैं.
पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने नेताओं को एक स्वर में जवाब देने की कोशिश की है. ग्रामीणों का कहना है कि अब झूठ की राजनीति नहीं चलेगी. जो भी समस्या का समाधान करेगा उसे ही वोट मिलेगा.