नाहन: नाहन में रविवार को ट्रेड यूनियन की एक बैठक आयोजित (Trade union meeting in Nahan) की गई, जिसमें 27 और 28 मार्च को होने वाली राष्ट्रव्यापी हड़ताल को लेकर विस्तार से चर्चा करते हुए इसे जिला सिरमौर में भी सफल बनाने की रणनीति तैयार की गई. इस दौरान सीटू के राज्य सचिव राजेंद्र ठाकुर ने जहां केंद्र सरकार को पूरी तरह से मजदूर विरोधी करार दिया, तो वहीं कहा कि जिला सिरमौर में करीब एक लाख मजदूरों तक सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों को पहुंचाने की बात कही.
उन्होंने कहा कि केंद्रीय ट्रेड यूनियन (central trade union) के आह्वान पर 27 और 28 मार्च को देश भर में राष्ट्रव्यापी हड़ताल (Labourers will strike in Sirmaur) की जाएगी, जिसके तहत देश में करीब 25 करोड़ मजदूर कमर्चारी हड़ताल पर रहेंगे. उन्होंने कहा कि इसी हड़ताल को जिला सिरमौर में भी सफल बनाने के लिए बैठक में रणनीति तैयार की गई. उन्होंने कहा कि प्रयास किया जा रहा है कि इस हड़ताल को सफल बनाने के लिए जिला सिरमौर में एक लाख मजदूरों तक केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों को पहुंचाया जाएगा.
राजेंद्र ठाकुर ने कहा कि सरकार की नीतियां मजदूर और कर्मचारी विरोधी है. केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को केवल 4 कोड के अंदर तब्दील (Protest against Labour laws) किया है. ये 44 श्रम कानून लंबी लड़ाई के बाद देश में लागू किए गए थे, लेकिन अब सरकार इन्हें खत्म कर मजदूरों के हकों का हनन कर रही है. इससे देश का 72 प्रतिशत मजदूर वर्ग अपने कानूनी अधिकारों से बाहर हो गया है. उन्होंने नियमों के मुताबिक 21 हजार रुपये न्यूनतम वेतन मजदूर वर्ग को देने की मांग भी उठाई. उन्होंने कहा कि इन्हीं मांगों को लेकर राष्ट्रीय आह्वान पर जिला सिरमौर में भी 28 मार्च को हजारों की तादाद में मजदूर हड़ताल पर रहेंगे.
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