पांवटा साहिब: गुरू नगरी पांवटा साहिब के यमुना पाथ पर लोगों को श्री कृष्ण लीला और उनके जीवन का विवरण चित्रण के माध्यम से बताया जाएगा. यमुना पाथ की दीवारों पर श्री कृष्ण की लीलाएं चित्रों के माध्यम से दिखाने के लिए दिल्ली से पेंटर बुलाए गए हैं.
यमुना पाथ पर श्री कृष्ण लीला का वर्णन, जन्म और उनके जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को पेंटिंग के माध्यम से दीवारों पर उकेरा गया है. साथ ही यमुना को साफ-सुथरा रखने के लिए अपील स्लोगन और चित्रण के माध्यम से दर्शाई गई है.
यमुना पाथ की दीवारों पर श्री कृष्ण का मथुरा आना और माक्खन चोरी करने जैसी लीलाओं का वर्णन किया गया है. साथ ही भागवत महापुराण, विष्णु पुराण में श्री कृष्ण से संबंधित कथाएं औ लीलाएं यमुना पाथ पर चित्र के माध्यम से दर्शाई गई हैं.
मां यमुना का नाम यमुना कैसे पड़ा
आचार्य ने बताया कि मां यमुना और श्री कृष्ण का ग्रंथों में भी विवरण दिया गया है. मां यमुना के भाई का नाम यम-यमी था, जिससे उनका नाम यमुना पड़ा. हिमालय पर्वत से भगवान श्री कृष्ण धरती पर प्रकट हुए थे.
यमुना पाथ की दीवारों पर श्री कृष्ण और उनके जीवन से संबंधित समस्त घटनाओं का चित्रण करके लोगों को श्री कृष्ण के जीवन की जानकारी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि मां यमुना को श्रीकृष्ण की पटरानी कहा जाता है. साथ ही कहा कि यमुना पाथ को सुंदर बनाने के लिए हर प्रकार की तैयारियां की जा रही है, ताकि यहां पर घूमने आ रहे हैं बुजुर्गों और बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो. बता दें कि यमुना पाथ यमुना बेरियर से पांवटा साहिब तक बनाया गया है.