पांवटा साहिब: सिख धर्म के पहले गुरु नानक देव जी (Guru Nanak Dev) का प्रकाशोत्सव (Prakashotsav) जिला सिरमौर के उपमंडल पांवटा साहिब स्थित गुरुद्वारा (Ponta Sahib Gurudwara) में धूमधाम के साथ मनाया गया. 2 सालों तक कोरोना संकट के कारण उत्सव को सीमित रूप से मनाया जाता रहा था, लेकिन इस साल यहां विभिन्न तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
इस मौके पर गुरु नगरी पांवटा साहिब (Paonta Sahib)में देश के पहले कवि दरबार में आयोजित कवि सम्मेलन (Kavi Sammelan) का आयोजन किया गया. देश के विभिन्न राज्यों से पहुंचे कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से सिख इतिहास प्रस्तुत किया. गुरु की नगरी पांवटा साहिब में गुरु गोविंद सिंह महाराज द्वारा अपने 52 कवियों के साथ कवि दरबार की परंपरा करीब 365 साल पहले शुरू की थी. जो परंपरा आज भी निरंतर निभाई जा रही है.
पांवटा गुरुद्वारा (Paonta sahib Gurudwara) प्रबंधक जगीर सिंह ने बताया कि संगतों के सहयोग से पांवटा साहिब कवि दरबार बनाकर तैयार किया गया है. गुरु गोविंद सिंह (Guru Govind Singh) द्वारा शुरू की गई कवि दरबार (Kavi Darbar) की परंपरा को आज भी यहां बखूबी निभाया जा रहा है. गुरु नानक देव जी के 552 प्रकाशोत्सव (552th Prakashotsav) में देश के विभिन्न हिस्सों से सभी धर्मों के कवियों ने भाग लिया और अपनी सुंदर रचनाएं पेश कर गुरू ग्रंथ साहिब जी के चरणों में अपनी हाजरी लगाई.
विभिन्न राज्यों से पहुंचे कवियों ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह (Guru Govind Singh) जी को कवि बहुत पसंद थे और पांवटा साहिब (Paonta Sahib) में मां यमुना के तट से ही कवि दरबार (Kavi Darbar) की शुरुआत की गई. कवि दरबार में कवियों ने अपनी कविताओं और रचना से लोगों का दिल जीता. कवियों का कहना है कि पांवटा साहिब का ऐतिहासिक गुरुद्वारे से कवियों का काफी लगाव है. यहां पर कवियों का हमेशा सम्मान किया जाता है. विभिन्न राज्यों के कवि यहां पहुंच कर पूर्णिमा के दिन आयोजित होने वाले कवि सम्मेलन में भाग लेते हैं.
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