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बाबा बडोलिया मंदिर के झरने का बढ़ा जलस्तर, नजारा देख हो जाएंगे हैरान

सिरमौर के बाबा बडोलिया मंदिर के झरने का जलस्तर बढ़ने से वहां का नजारा हैरान करने वाला हो गया है. भारी बारिश होने के बाद भी मंदिर को क्षति नहीं पहुंचती है. सैकड़ों साल से ये मंदिर अपनी जगह पर सुरक्षित है.

Baba Badolia Temple
बाबा बडोलिया मंदिर
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Published : Aug 13, 2020, 5:28 PM IST

नाहन: जिला सिरमौर में नाहन व श्री रेणुका जी मार्ग पर बाबा बडोलिया मंदिर के झरने का दृश्य मनमोहक हो गया है. गुरुवार को भारी बारिश के चलते झरने का जलस्तर बढ़ गया. ये झरना मंदिर के ठीक पीछे 200 से 300 फुट की ऊंचाई से गिरता है. मान्यता है कि भारी बरसात होने पर भी मंदिर को आज तक कोई क्षति नहीं पहुंची. पानी का तेज बहाव मंदिर को छूते हुए जलाल नदी में पहुंचता है.

वीडियो

बता दें कि भगवान परशुराम की जन्मस्थली श्री रेणुका जी से करीब 7 किलोमीटर दूरी पर बाबा बडोलिया का मंदिर है. बाबा बडोलिया को स्थानीय लोग जल देवता भी मानते हैं. हालांकि बाबा बडोलिया मंदिर के निर्माण को लेकर कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि लगभग 7 दशक पहले एक संत ने इस मंदिर का विस्तार किया था. बाबा बडोलिया का असल मंदिर पहाड़ी के ठीक ऊपर उस जगह है, जहां से झरना गिरता है.

स्थानीय लोगों की मानें तो पहाड़ी पर बाबा का शीश है, जबकि नाले के बीच में बने मंदिर में उनके चरण हैं. ये मंदिर सैकड़ों साल से अपने स्थान पर सुरक्षित है. मंदिर के ऊपर पहाड़ से गिरने वाला झरना मंदिर की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है.

ये भी पढ़ें: नाहन में बनोग-जरजा सड़क मार्ग नदी में तब्दील, लोग परेशान

नाहन: जिला सिरमौर में नाहन व श्री रेणुका जी मार्ग पर बाबा बडोलिया मंदिर के झरने का दृश्य मनमोहक हो गया है. गुरुवार को भारी बारिश के चलते झरने का जलस्तर बढ़ गया. ये झरना मंदिर के ठीक पीछे 200 से 300 फुट की ऊंचाई से गिरता है. मान्यता है कि भारी बरसात होने पर भी मंदिर को आज तक कोई क्षति नहीं पहुंची. पानी का तेज बहाव मंदिर को छूते हुए जलाल नदी में पहुंचता है.

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बता दें कि भगवान परशुराम की जन्मस्थली श्री रेणुका जी से करीब 7 किलोमीटर दूरी पर बाबा बडोलिया का मंदिर है. बाबा बडोलिया को स्थानीय लोग जल देवता भी मानते हैं. हालांकि बाबा बडोलिया मंदिर के निर्माण को लेकर कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन बताया जा रहा है कि लगभग 7 दशक पहले एक संत ने इस मंदिर का विस्तार किया था. बाबा बडोलिया का असल मंदिर पहाड़ी के ठीक ऊपर उस जगह है, जहां से झरना गिरता है.

स्थानीय लोगों की मानें तो पहाड़ी पर बाबा का शीश है, जबकि नाले के बीच में बने मंदिर में उनके चरण हैं. ये मंदिर सैकड़ों साल से अपने स्थान पर सुरक्षित है. मंदिर के ऊपर पहाड़ से गिरने वाला झरना मंदिर की खूबसूरती को और भी बढ़ा देता है.

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