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हिमाचल सरकार हरियाणा से खरीद रही चावल, धान खरीद केन्द्र ना होने से किसान परेशान - हिमाचल सरकार राशन के डिपोंओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही

हिमाचल सरकार राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है. दरअसल पांवटा साहिब में धान खरीद केन्द्र नहीं होने से उपमंडल के किसानों को हरियाणा जाकर धान बेचना पड़ रहा है.

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Published : Nov 3, 2019, 2:55 PM IST

पांवटा साहिब: पांवटा साहिब में धान खरीद केन्द्र नहीं होने से हिमाचल सरकार राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है. ऐसे में किसानों को 1,835 वाली धान 1600 रुपये में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा हैं. साथ ही खेतों से हरियाणा की मंडियों तक धान पहुंचाने में 3000 रुपये की लागत भी आ रही है.

पांवटा साहिब किसानों ने बताया कि पंजाब, हरियाणा राज्य की तर्ज पर हिमाचल में भी फसल धान की खरीद के लिए खरीद केंद्र खोलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर पांवटा साहिब में फसल पर आधारित उद्योग खोले जाते हैं तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना. किसानों के लिए फसल खरीद केंद्र ना होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही दिन-प्रतिदिन खेती में नुकसान भी हो रहा है.

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बता दें कि सरकार अगर प्रदेश से धान खरीदे, तो किसानों को बाहर जाकर धान नहीं बेचनी पड़ेगी. साथ ही ट्रांसपोर्ट का खर्च बचेगा और किसानों की आमदानी भी बढ़ेगी. इसके अलवा किसानों ने सरकार के सामने कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं किया गया.

पांवटा साहिब: पांवटा साहिब में धान खरीद केन्द्र नहीं होने से हिमाचल सरकार राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है. ऐसे में किसानों को 1,835 वाली धान 1600 रुपये में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा हैं. साथ ही खेतों से हरियाणा की मंडियों तक धान पहुंचाने में 3000 रुपये की लागत भी आ रही है.

पांवटा साहिब किसानों ने बताया कि पंजाब, हरियाणा राज्य की तर्ज पर हिमाचल में भी फसल धान की खरीद के लिए खरीद केंद्र खोलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर पांवटा साहिब में फसल पर आधारित उद्योग खोले जाते हैं तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना. किसानों के लिए फसल खरीद केंद्र ना होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही दिन-प्रतिदिन खेती में नुकसान भी हो रहा है.

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बता दें कि सरकार अगर प्रदेश से धान खरीदे, तो किसानों को बाहर जाकर धान नहीं बेचनी पड़ेगी. साथ ही ट्रांसपोर्ट का खर्च बचेगा और किसानों की आमदानी भी बढ़ेगी. इसके अलवा किसानों ने सरकार के सामने कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं किया गया.

Intro:पांवटा साहिब में धान खरीद केन्द्र ना होने के कारण हो रही है परेशानी
हरियाणा में लूटा जा रहा है पौण्टा साहिब के किसानों को
पांवटा किसानों की हालत आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया
किसानों की तरफ ध्यान नहीं दे रही है प्रदेश सरकारBody:
हैरानी की बात यह है कि हिमाचल सरकार उचित रेट राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है अगर हिमाचल प्रदेश में ही धान खरीदा जाए तो किसानों को हरियाणा के जाकर लूटना नहीं पड़ेगा तथा हिमाचल प्रदेश सरकार जो कि हरियाणा से चावल खरीद कर सरकारी डिपो में राशन सप्लाई कर रही है वह हिमाचल के किसानों के द्वारा ही खरीदी जाएगी तथा जो खर्चा ट्रांसपोर्ट में हो रहा है वह भी बचेगा तथा किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी अभी किसानों को ₹1835 वाले धान 1600 रुपए तक बेचने को मजबूर हो रहे हैं तथा 2 से ₹3000 रुपए तक खेतों से हरियाणा की मंडियों में पहुंचाने की लागत भी आ रही है वही पोटा साहिब किसानों ने सरकार के आगे भी कई बार मांग की है परंतु सरकार के कान पर अभी तक जूं नहीं रेंगी है तथा किसान सभा के सदस्यों ने भी किसानों की समस्या के बारे में सरकार को अवगत कराया है पंजाब हरियाणा राज्य की तर्ज पर हिमाचल में भी फसल धान की खरीद के लिए खरीद केंद्र खोलने की जरूरत है उन्होंने यह भी कहा कि अगर पोटा में फसल पर आधारित उद्योग खोले जाते हैं तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा किसानों को अपने घर के नजदीक ही अपनी फसल बेचने का अवसर मिलेगा


जहां पर मोदी सरकार किसानों के लिए तरह-तरह की स्कीमें ला रही है वहीं प्रदेश सरकार के द्वारा किसानों की अनदेखी की जा रही है तथा किसानों के लिए फसल खरीद केंद्र ना होने के कारण किसानों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है तथा दिन प्रतिदिन खेती-बाड़ी में नुकसान झेलना पड़ रहा है जिसके कारण युवा पीढ़ी खेती-बाड़ी ना करके प्राइवेट नौकरी की तरफ भाग रहे हैConclusion:
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