पांवटा साहिब: पांवटा साहिब में धान खरीद केन्द्र नहीं होने से हिमाचल सरकार राशन के डिपुओं के लिए हरियाणा से चावल खरीद रही है. ऐसे में किसानों को 1,835 वाली धान 1600 रुपये में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा हैं. साथ ही खेतों से हरियाणा की मंडियों तक धान पहुंचाने में 3000 रुपये की लागत भी आ रही है.
पांवटा साहिब किसानों ने बताया कि पंजाब, हरियाणा राज्य की तर्ज पर हिमाचल में भी फसल धान की खरीद के लिए खरीद केंद्र खोलने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अगर पांवटा साहिब में फसल पर आधारित उद्योग खोले जाते हैं तो किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जाना. किसानों के लिए फसल खरीद केंद्र ना होने के कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. साथ ही दिन-प्रतिदिन खेती में नुकसान भी हो रहा है.
बता दें कि सरकार अगर प्रदेश से धान खरीदे, तो किसानों को बाहर जाकर धान नहीं बेचनी पड़ेगी. साथ ही ट्रांसपोर्ट का खर्च बचेगा और किसानों की आमदानी भी बढ़ेगी. इसके अलवा किसानों ने सरकार के सामने कई बार इस मुद्दे को उठाया, लेकिन प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं किया गया.