ETV Bharat / city

पांवटा साहिब अनाज मंडी में फसल खरीदारी की मांग, हिमाचल किसान सभा ने सरकार को दी ये चेतावनी

हिमाचल किसान सभा और संयुक्त किसान सभा ने पांवटा साहिब एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है. हिमाचल किसान सभा जिला सिरमौर के महासचिव गुरविंदर सिंह गोपी ने कहा कि अगर सरकार जल्द से जल्द किसानों की मांगें नहीं मानती है तो विभिन्न संगठन मिलकर 27 सितम्बर को कृषि कानून के खिलाफ भारत बंद करेंगे. उन्होंने सरकार से हिमाचल में भी हरियाणा व पंजाब की तर्ज पर खरीद व्यवस्था स्थापित करने की मांग की.

himachal kisan sabha protest.
पांवटा साहिब में हिमाचल किसान सभा का प्रदर्शन.
author img

By

Published : Sep 13, 2021, 4:53 PM IST

पांवटा साहिब: हिमाचल किसान सभा एवं संयुक्त किसान सभा के किसानों की ओर से पांवटा एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है. जिसमें किसानों ने मांग की है कि जल्द से जल्द पांवटा साहिब स्थित अनाज मंडी में और प्रदेश के सभी जिलों एवं ब्लॉकों में धान की फसल की खरीदारी की जाए. इस दौरान किसानों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर नारेबाजी भी की और जल्द मंडी होने की मांग की सरकार से की है.



हरियाणा पंजाब की तर्ज पर खरीदारी की मांग: वहीं, गुरविंदर सिंह गोपी ने बताया कि राज्य सरकार की एजेंसियों जिनमें हिम एग्रो, हिमफैड और अन्य प्रादेशिक एजेंसियों को भी भारतीय खाद्य निगम (FCI) के साथ-साथ लगाने की व्यवस्था और हिमाचल में भी हरियाणा व पंजाब की तर्ज पर खरीद व्यवस्था स्थापित करने की मांग की. इसके साथ ही धान के साथ-साथ मक्की की भी खरीद MSP पर और मटर, लहसुन व टमाटर की फसल की खरीद भी जिला की मंडियों में ही की जाए. इसके साथ ही उन्होंने सेब की फसल जम्मू-कश्मीर की तर्ज सरकार से खरीदने की मांग की.

गुरविंदर सिंह गोपी ने कहा कि अगर किसानों की समस्याओं को जल्द से जल्द हल नहीं किया गया तो विभिन्न संगठन 27 सितम्बर के भारत बंद में शामिल होंगे. इसके साथ ही आगामी आंदोलन की रूप रेखा बनाने के लिए किसानों को मजबूरन आंदोलन को तेज करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: मणिमहेश के कमलकुंड के पास मिले तीन शव और एक घायल व्यक्ति, रेस्क्यू टीम रवाना

अध्यक्ष तरसेम सिंह ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि पांवटा साहिब में गेहूं और धान की बंपर पैदावार होती है. यहां पर एफसीआई के माध्यम से गेहूं खरीदी जा रही थी. वहीं, उन्होंने इस बार धान को भी खरीदने की मांग की है और एफसीआई कंपनी के अलावा कई और कंपनियां भी यहां पर आकर किसानों की धान की फसलों को खरीदें. उन्होंने कहा कि एक कंपनी अधिक धान नहीं खरीद सकती, इसलिए यहां पर हरियाणा की और पंजाब की तरह कई कंपनियां आकर किसानों की धान की फसलें खरीदें. ताकि किसानों के समय की बचत भी हो और उन्हें अच्छे दाम भी मिले.


इस मौके पर क्षेत्र के किसानों ने कहा कि उन्हें फसलों के अच्छे दाम दिए जाएं और यहां की मंडियों में कई कंपनियां आकर गेहूं और धान की फसलें खरीदें. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पहले से ही किसानों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. 9 महीने से अधिक का समय हो चुका है और किसान कृषि कानून को वापस लेने की लगातार मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में भी रातों-रात बीजेपी बदल सकती है मुख्यमंत्री-विक्रमादित्य सिंह

पांवटा साहिब: हिमाचल किसान सभा एवं संयुक्त किसान सभा के किसानों की ओर से पांवटा एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा गया है. जिसमें किसानों ने मांग की है कि जल्द से जल्द पांवटा साहिब स्थित अनाज मंडी में और प्रदेश के सभी जिलों एवं ब्लॉकों में धान की फसल की खरीदारी की जाए. इस दौरान किसानों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर नारेबाजी भी की और जल्द मंडी होने की मांग की सरकार से की है.



हरियाणा पंजाब की तर्ज पर खरीदारी की मांग: वहीं, गुरविंदर सिंह गोपी ने बताया कि राज्य सरकार की एजेंसियों जिनमें हिम एग्रो, हिमफैड और अन्य प्रादेशिक एजेंसियों को भी भारतीय खाद्य निगम (FCI) के साथ-साथ लगाने की व्यवस्था और हिमाचल में भी हरियाणा व पंजाब की तर्ज पर खरीद व्यवस्था स्थापित करने की मांग की. इसके साथ ही धान के साथ-साथ मक्की की भी खरीद MSP पर और मटर, लहसुन व टमाटर की फसल की खरीद भी जिला की मंडियों में ही की जाए. इसके साथ ही उन्होंने सेब की फसल जम्मू-कश्मीर की तर्ज सरकार से खरीदने की मांग की.

गुरविंदर सिंह गोपी ने कहा कि अगर किसानों की समस्याओं को जल्द से जल्द हल नहीं किया गया तो विभिन्न संगठन 27 सितम्बर के भारत बंद में शामिल होंगे. इसके साथ ही आगामी आंदोलन की रूप रेखा बनाने के लिए किसानों को मजबूरन आंदोलन को तेज करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें: मणिमहेश के कमलकुंड के पास मिले तीन शव और एक घायल व्यक्ति, रेस्क्यू टीम रवाना

अध्यक्ष तरसेम सिंह ने मीडिया से रूबरू होते हुए बताया कि पांवटा साहिब में गेहूं और धान की बंपर पैदावार होती है. यहां पर एफसीआई के माध्यम से गेहूं खरीदी जा रही थी. वहीं, उन्होंने इस बार धान को भी खरीदने की मांग की है और एफसीआई कंपनी के अलावा कई और कंपनियां भी यहां पर आकर किसानों की धान की फसलों को खरीदें. उन्होंने कहा कि एक कंपनी अधिक धान नहीं खरीद सकती, इसलिए यहां पर हरियाणा की और पंजाब की तरह कई कंपनियां आकर किसानों की धान की फसलें खरीदें. ताकि किसानों के समय की बचत भी हो और उन्हें अच्छे दाम भी मिले.


इस मौके पर क्षेत्र के किसानों ने कहा कि उन्हें फसलों के अच्छे दाम दिए जाएं और यहां की मंडियों में कई कंपनियां आकर गेहूं और धान की फसलें खरीदें. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पहले से ही किसानों को परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं. 9 महीने से अधिक का समय हो चुका है और किसान कृषि कानून को वापस लेने की लगातार मांग कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में भी रातों-रात बीजेपी बदल सकती है मुख्यमंत्री-विक्रमादित्य सिंह

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.