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हाटी महाखुमली सम्मेलन: गिरिपार को जल्द जनजातीय दर्जा मिलने की उम्मीद

संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन (Hati Mahakhumli program organized in Sangrah ) में केंद्रीय हाटी समिति अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने अपने संबोधन में कहा कि दरअसल 1979 में संवैधानिक संस्था अथवा हिमाचल सरकार द्वारा गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिए जाने की सिफारिश की जा चुकी है. महाखुमली में ब्लॉक कांग्रेस रेणुका जी के अध्यक्ष तपेंद्र चौहान ने अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग (Tribal status to Giripar) को लेकर क्षेत्रवासियों से संघर्ष तेज करने की अपील की.

Hati Mahakhumli program organized in Sangrah
संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन.
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Published : Apr 17, 2022, 6:23 PM IST

Updated : Apr 17, 2022, 7:29 PM IST

नाहन: संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन में मौजूद कांग्रेस, भाजपा व हाटी समिति के नेताओं ने एक बार फिर गिरिपार को जल्द जनजातीय दर्जा मिलने की उम्मीद जताई है. हाटी महाखुमली सम्मेलन में (Hati Mahakhumli program organized in Sangrah ) केंद्रीय हाटी समिति अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने अपने संबोधन में कहा कि दरअसल 1979 में संवैधानिक संस्था अथवा हिमाचल सरकार द्वारा गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिए जाने की सिफारिश की जा चुकी है. इसलिए केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा उनकी मांग को रिजेक्ट (Hati community movement in himachal) किया गया यह कहा जाना गलत है.

उन्होंने कहा कि यदि गिरिपार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा सही ढंग से प्रयास किए गए होते तो 1967 में साथ लगते तत्कालीन यूपी के जौंसार क्षेत्र की तरह उन्हें भी अनुसूचित जनजाति दर्जा मिल गया होता. उन्होंने कहा कि ट्रांसगिरी के अंतर्गत आने वाले विकास खंड संगड़ाह, शिलाई, तिल्लोरधार व राजगढ़ आदि की करीब तीन लाख की आबादी से जनजातीय क्षेत्र होने संबंधी सभी तय मापदंडों पर खरी उतरती है और इसके बावजूद आरजीआई अथवा केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा इस मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है. उन्होंने अनुसूचित जनजाति दर्जा मिलने से नौकरियों व अन्य क्षेत्रों में मिलने वाले आरक्षण अथवा लाभ पर भी जानकारी दी.

Hati Mahakhumli program organized in Sangrah
संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन

महाखुमली में ब्लॉक कांग्रेस रेणुका जी के अध्यक्ष तपेंद्र चौहान ने अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग (Tribal status to Giripar) को लेकर क्षेत्रवासियों से संघर्ष तेज करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि आज साथ लगते शिमला जिला के कुपवी में चुड़ेश्वर सेवा समिति का अधिवेशन न होता, तो महाखुमली बैठक में भीड़ इससे कहीं ज्यादा होती. निमंत्रण के बावजूद सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP President Suresh Kashyap) के न पहुंचने पर उन्होंने खेद जताया.

Hati Mahakhumli program organized in Sangrah
संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन.

समिति की संगड़ाह यूनिट के महासचिव मनोज कमल ने ब्लॉक कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि सभी 44 पंचायतों से लोग यहां पहुंचे हैं और इस सम्मेलन के लिए हर पंचायत से 10 हजार रुपये की चंदा राशि एकत्र की गई. उन्होंने कहा कि समिति द्वारा अब तक क्षेत्र की 20 पंचायतों में 9,625 लोगों की सदस्यता की जा चुकी है. इसके अलावा सम्मेलन में कांग्रेस विधायक विनय कुमार, सिरमौर जिला परिषद अध्यक्ष एवं भाजपा नेत्री सीमा कन्याल व बलबीर चौहान, रुप सिंह सहित कई कांग्रेस, भाजपा व हाटी समिति के कई नेता मौजूद रहे. इस दौरान भाजपा नेता सम्मेलन में तय समय से करीब 1 घंटा देरी से पहुंचे.

Hati Mahakhumli program organized in Sangrah
संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन.

गौर रहे कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में हाटी समिति द्वारा इससे पूर्व रोनहाट, शिलाई व पझौता में महाखुमली सम्मेलन के बाद रविवार को संगड़ाह में चौथा बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया गया. सम्मेलन के डिग्री कॉलेज संगड़ाह की महिला एनसीसी यूनिट की कैडेट्स (Female NCC Unit of Degree College Sangrah) द्वारा मौजूद लोगों को हाटी समुदाय के परिचय प्रपत्र बांट कर अनुसूचित जनजाति दर्जे की मुहिम के प्रति जागरूक भी किया.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय के लोगों को दिलाया भरोसा

नाहन: संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन में मौजूद कांग्रेस, भाजपा व हाटी समिति के नेताओं ने एक बार फिर गिरिपार को जल्द जनजातीय दर्जा मिलने की उम्मीद जताई है. हाटी महाखुमली सम्मेलन में (Hati Mahakhumli program organized in Sangrah ) केंद्रीय हाटी समिति अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल ने अपने संबोधन में कहा कि दरअसल 1979 में संवैधानिक संस्था अथवा हिमाचल सरकार द्वारा गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिए जाने की सिफारिश की जा चुकी है. इसलिए केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा उनकी मांग को रिजेक्ट (Hati community movement in himachal) किया गया यह कहा जाना गलत है.

उन्होंने कहा कि यदि गिरिपार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों द्वारा सही ढंग से प्रयास किए गए होते तो 1967 में साथ लगते तत्कालीन यूपी के जौंसार क्षेत्र की तरह उन्हें भी अनुसूचित जनजाति दर्जा मिल गया होता. उन्होंने कहा कि ट्रांसगिरी के अंतर्गत आने वाले विकास खंड संगड़ाह, शिलाई, तिल्लोरधार व राजगढ़ आदि की करीब तीन लाख की आबादी से जनजातीय क्षेत्र होने संबंधी सभी तय मापदंडों पर खरी उतरती है और इसके बावजूद आरजीआई अथवा केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय द्वारा इस मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है. उन्होंने अनुसूचित जनजाति दर्जा मिलने से नौकरियों व अन्य क्षेत्रों में मिलने वाले आरक्षण अथवा लाभ पर भी जानकारी दी.

Hati Mahakhumli program organized in Sangrah
संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन

महाखुमली में ब्लॉक कांग्रेस रेणुका जी के अध्यक्ष तपेंद्र चौहान ने अनुसूचित जनजाति दर्जे की मांग (Tribal status to Giripar) को लेकर क्षेत्रवासियों से संघर्ष तेज करने की अपील की. उन्होंने कहा कि यदि आज साथ लगते शिमला जिला के कुपवी में चुड़ेश्वर सेवा समिति का अधिवेशन न होता, तो महाखुमली बैठक में भीड़ इससे कहीं ज्यादा होती. निमंत्रण के बावजूद सांसद एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (Himachal BJP President Suresh Kashyap) के न पहुंचने पर उन्होंने खेद जताया.

Hati Mahakhumli program organized in Sangrah
संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन.

समिति की संगड़ाह यूनिट के महासचिव मनोज कमल ने ब्लॉक कमेटी की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि सभी 44 पंचायतों से लोग यहां पहुंचे हैं और इस सम्मेलन के लिए हर पंचायत से 10 हजार रुपये की चंदा राशि एकत्र की गई. उन्होंने कहा कि समिति द्वारा अब तक क्षेत्र की 20 पंचायतों में 9,625 लोगों की सदस्यता की जा चुकी है. इसके अलावा सम्मेलन में कांग्रेस विधायक विनय कुमार, सिरमौर जिला परिषद अध्यक्ष एवं भाजपा नेत्री सीमा कन्याल व बलबीर चौहान, रुप सिंह सहित कई कांग्रेस, भाजपा व हाटी समिति के कई नेता मौजूद रहे. इस दौरान भाजपा नेता सम्मेलन में तय समय से करीब 1 घंटा देरी से पहुंचे.

Hati Mahakhumli program organized in Sangrah
संगड़ाह में हाटी महाखुमली सम्मेलन.

गौर रहे कि वर्तमान प्रदेश सरकार के कार्यकाल में हाटी समिति द्वारा इससे पूर्व रोनहाट, शिलाई व पझौता में महाखुमली सम्मेलन के बाद रविवार को संगड़ाह में चौथा बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया गया. सम्मेलन के डिग्री कॉलेज संगड़ाह की महिला एनसीसी यूनिट की कैडेट्स (Female NCC Unit of Degree College Sangrah) द्वारा मौजूद लोगों को हाटी समुदाय के परिचय प्रपत्र बांट कर अनुसूचित जनजाति दर्जे की मुहिम के प्रति जागरूक भी किया.

ये भी पढ़ें: मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय के लोगों को दिलाया भरोसा

Last Updated : Apr 17, 2022, 7:29 PM IST
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