नाहन: पांडुलिपियों, प्राचीन पुस्तकों, पुराने व बहुमूल्य अभिलेखों के परिरक्षण और उनके सूचीकरण, मूल्यांकन, अनुवाद मुद्रण सहित श्रेणीकरण के लिए भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार की ओर से वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है. जिसकी अधिकतम सीमा 10 लाख रुपये निर्धारित की गई है, जोकि 25 प्रतिशत सरकार व व्यक्ति के अनुपात में दी जाएगी.
बता दें कि इस योजना के तहत जिला भाषा व संस्कृति विभाग ने भी पांडुलिपियों, प्राचीन पुस्तकों, अभिलेखीय छात्राचित्र और प्रिंट रेपोग्राफी सहित माइक्रोफिलिंग श्रेणियों के लिए आवेदन मांगे थे. लिहाजा केंद्रीय वित्तिय सहायता के लिए इच्छुक व्यक्ति व संस्थाएं आवेदन कर सकते हैं.
जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने बताया कि इस योजना के तहत साल 2020-21 के लिए इच्छुक व्यक्तियों सहित संस्थाओं से आवेदन पत्र आमंत्रित किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिला सिरमौर के इच्छुक व्यक्तियों व संस्थाओं से आग्रह किया है कि योजना के तहत वित्तीय सहायता प्राप्त करने के लिए जिला भाषा अधिकारी कार्यालय में सहायतानुदान प्रकरण प्रस्तुत करें.
कुल मिलाकर इस योजना का मुख्य उद्देश्य विभिन्न संस्थाओं को अनुदान प्रदान करना है, जोकि राष्ट्र की धरोहर की रक्षा करने में वचनबद्व हैं.
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