नाहन: दलित शोषण मुक्ति मंच सिरमौर इकाई (Dalit Shoshan Mukti Manch Sirmaur) ने एसपी ओमापति जमवाल को एक शिकायत पत्र सौंपा है. शिकायत पत्र में दलित शोषण मुक्ति मंच ने देवभूमि क्षत्रिय संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पर सोशल मीडिया के माध्यम से दलित वर्ग को धमकियां देने का आरोप लगाया है. लिहाजा दलित शोषण मुक्ति मंच ने शिकायत सौंपते हुए इस पूरे मामले की जांच करते हुए उचित कार्रवाई अमल में लाने की मांग की है.
मीडिया से बात करते हुए दलित शोषण मुक्ति मंच पच्छाद के संयोजक बाबूराम ने कहा कि एक ओर जहां प्रदेश में दलित लोगों को प्रताड़ित करने के मामले बढ़ रहे हैं तो वहीं, दूसरी ओर देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष द्वारा खुलेआम सोशल मीडिया पर दलित वर्ग को धमकियां दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में 3 फरवरी को देवभूमि क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष द्वारा लाठी-डंडों से मारपीट करने की बात एसपी कार्यालय के नजदीक ही सोशल मीडिया के माध्यम से की गई है.
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर दलित वर्ग को धमकियां दी जा रही हैं. कोटी धीमान में दलित वर्ग के जनप्रतिनिधि के साथ की गई मारपीट भी जांच का विषय है. लेकिन क्षत्रिय संगठन के अध्यक्ष इस तरह की धमकियों भरी बयानबाजी कर जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि संविधान में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है लेकिन उसके साथ-साथ कुछ कर्तव्य भी निहित किए गए हैं.
दलित शोषण मुक्ति मंच ने एसपी सिरमौर से इस मामले में जांच की मांग करते हुए प्राथमिकी दर्ज कर कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई है.साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि यदि शांतिप्रिय माहौल को इसी तरह खराब किया गया तो दलित शोषण मुक्ति मंच आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा.
वहीं, दूसरी तरफ पूछे जाने पर इस मामले में देवभूमि क्षत्रिय संगठन (Devbhoomi Kshatriya sangathan) के प्रदेश अध्यक्ष रुमित सिंह ठाकुर ने दलित शोषण मुक्ति मंच द्वारा लगाए गए आरोपों को नकारा है. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी विशेष जाति के लोगों का विरोध नहीं किया है बल्कि संगठन की लड़ाई प्रदेश में सवर्ण आयोग के गठन की मांग का विरोध करने वालों के खिलाफ है.
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