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शादी-समारोह को गुलजार करने वाले बैंड वालों की जिंदगी हुई वीरान, कोरोना ने बजाई कारोबार की 'बैंड' - लॉक डाउन से बैंड बाजा कारोबार प्रभावित

बैंड बाजा मास्टर और इससे जुड़े लोगों पर कोरोना की मार ऐसे पड़ी कि उन्हें अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ा. कोरोना से पहले उनकी जिंदगी गुलजार हुआ करती थी और वो साल भर में अच्छी खासी कमाई कर लेते थे.

Band business affected due to corona pandemic
डिजाइन फोटो.
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Published : Dec 16, 2020, 8:44 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 11:34 AM IST

पांवटा साहिब: कोरोना की मार हर कारोबार पर पड़ी है, कितने लोगों की नौकरी चली गई तो कितने लोगों के कारोबार ठप हो गए. शादी-समारोह में रंग जमाने वाले बैंड वालों को भी नहीं छोड़ा इस संकट काल में उनका भी दिवाला निकल गया है.

कोरोना से बैंड-बाजा वालों का काम-काज ठप पड़ गया है. बैंड बाजा मास्टर और इससे जुड़े लोगों पर कोरोना की मार ऐसे पड़ी कि उन्हें अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ा. कोरोना से पहले उनकी जिंदगी गुलजार हुआ करती थी और वो साल भर में अच्छी खासी कमाई कर लेते थे लेकिन अब खाने के लाले पड़ गए हैं.

आर्थिक स्थिति पर पड़ा असर

मास्टर फिरोज खान ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से उनका काम ठप रहा. एक महीना पहले ही थोड़ी राहत मिली थी उस पर भी पाबंदी लगाई गई, जिससे उनके आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है.

वीडियो रिपोर्ट.

बैंड पेशेवर ने खुदकुशी की सोची

बैंड सदस्य सुमित ने बताया कि कोरोना की वजह से पूरा धंधा बंद हो गया है, जिससे लॉकडाउन में उन्होंने खुदकुशी करने तक की सोच ली थी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में सरकार की तरफ से कुछ नहीं किया गया है.

कोरोना से पहले जिंदगी गुलजार थी

बैंड सदस्य सलमान ने बताया कि कोरोना की वजह से बैंड बाजा व्यवसाय बंद होने पर उनको दूसरों से कर्ज लेकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करना पड़ा. उन्होंने बताया कि वो हर साल शादियों में अच्छी खासी कमाई कर लेते थे, लेकिन कोरोना की ऐसी नजर लगी की सब कुछ खत्म हो गया है.

यंत्रों पर चढ़ी धूल

बैंड संचालक सोनू ने बताया कि 12 से अधिक लोग उनके पास काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन से पहले अधिकतर लोगों को घर भेजना पड़ा और घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि सारे यंत्र इन दिनों धूल फांक रहे हैं. ऐसे में उन्होंने जयराम सरकार से व्यवसाय को लेकर राहत देने की गुहार लगाई है, ताकि वो अपना जीवन अच्छे से बसर कर सके.

वहीं, इस कोरोना की वजह से उन्हें 15 हजार रुपये का हर महीनें नुकसान हो रहा है. बैंड संचालक सोनू ने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार 50 लोग इकट्ठा हो सकते हैं, जिसमें अधिकतर लोग शादियों में बैंड बाजा नहीं करते हैं. वहीं, अगर करते हैं तो मात्र 5 लोगों ही बैंड में शमिल होते हैं, जिससे सिर्फ 2 हजार रुपये मिलते है.

लॉकडाउन से कई दुकानें बंद

बैंड संचालक समीर ने बताया कि उनकी शहर में 10 से ज्यादा बैंड बाजा की दुकानें होती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनकी कई दुकानों में ताला लग गया है और खाने के लाले पड़ गए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार को बैंड का कोराबार कर रहे लोगों के लिए कुछ करना चाहिए.

ये भी पढ़ें: 60 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी हिमाचल सरकार, फिर लेने जा रही लोन

पांवटा साहिब: कोरोना की मार हर कारोबार पर पड़ी है, कितने लोगों की नौकरी चली गई तो कितने लोगों के कारोबार ठप हो गए. शादी-समारोह में रंग जमाने वाले बैंड वालों को भी नहीं छोड़ा इस संकट काल में उनका भी दिवाला निकल गया है.

कोरोना से बैंड-बाजा वालों का काम-काज ठप पड़ गया है. बैंड बाजा मास्टर और इससे जुड़े लोगों पर कोरोना की मार ऐसे पड़ी कि उन्हें अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए दूसरों से कर्ज लेना पड़ा. कोरोना से पहले उनकी जिंदगी गुलजार हुआ करती थी और वो साल भर में अच्छी खासी कमाई कर लेते थे लेकिन अब खाने के लाले पड़ गए हैं.

आर्थिक स्थिति पर पड़ा असर

मास्टर फिरोज खान ने बताया कि लॉक डाउन की वजह से उनका काम ठप रहा. एक महीना पहले ही थोड़ी राहत मिली थी उस पर भी पाबंदी लगाई गई, जिससे उनके आर्थिक स्थिति काफी कमजोर हो गई है.

वीडियो रिपोर्ट.

बैंड पेशेवर ने खुदकुशी की सोची

बैंड सदस्य सुमित ने बताया कि कोरोना की वजह से पूरा धंधा बंद हो गया है, जिससे लॉकडाउन में उन्होंने खुदकुशी करने तक की सोच ली थी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में सरकार की तरफ से कुछ नहीं किया गया है.

कोरोना से पहले जिंदगी गुलजार थी

बैंड सदस्य सलमान ने बताया कि कोरोना की वजह से बैंड बाजा व्यवसाय बंद होने पर उनको दूसरों से कर्ज लेकर अपना और अपने परिवार का भरण-पोषण करना पड़ा. उन्होंने बताया कि वो हर साल शादियों में अच्छी खासी कमाई कर लेते थे, लेकिन कोरोना की ऐसी नजर लगी की सब कुछ खत्म हो गया है.

यंत्रों पर चढ़ी धूल

बैंड संचालक सोनू ने बताया कि 12 से अधिक लोग उनके पास काम करते थे, लेकिन लॉकडाउन से पहले अधिकतर लोगों को घर भेजना पड़ा और घर का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने बताया कि सारे यंत्र इन दिनों धूल फांक रहे हैं. ऐसे में उन्होंने जयराम सरकार से व्यवसाय को लेकर राहत देने की गुहार लगाई है, ताकि वो अपना जीवन अच्छे से बसर कर सके.

वहीं, इस कोरोना की वजह से उन्हें 15 हजार रुपये का हर महीनें नुकसान हो रहा है. बैंड संचालक सोनू ने बताया कि नई गाइडलाइन के अनुसार 50 लोग इकट्ठा हो सकते हैं, जिसमें अधिकतर लोग शादियों में बैंड बाजा नहीं करते हैं. वहीं, अगर करते हैं तो मात्र 5 लोगों ही बैंड में शमिल होते हैं, जिससे सिर्फ 2 हजार रुपये मिलते है.

लॉकडाउन से कई दुकानें बंद

बैंड संचालक समीर ने बताया कि उनकी शहर में 10 से ज्यादा बैंड बाजा की दुकानें होती थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से उनकी कई दुकानों में ताला लग गया है और खाने के लाले पड़ गए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार को बैंड का कोराबार कर रहे लोगों के लिए कुछ करना चाहिए.

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Last Updated : Dec 17, 2020, 11:34 AM IST
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