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पांवटा साहिब सिविल अस्पताल पर आरोप, किडनी डायलिसिस कराने आए मरीजों से होती है अभद्रता

पांवटा साहिब सिविल अस्पताल के किडनी डायलिसिस सेंटर पर एक मरीज ने इलाज में कोताही और मरीजों के साथ अभद्रता का आरोप लगाया है. इसके अलावा आयुष्मान और हिम केयर कार्ड धारकों से भी इंजेक्शन आदि के पैसे वसूले गए हैं.

के किडनी डायलिसिस सेंटर पर एक मरीज ने इलाज में कोताही और मरीजों के साथ अभद्रता का आरोप लगाया है.
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Published : Oct 13, 2019, 5:08 PM IST

पांवटा साहिब: सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के किडनी डायलिसिस सेंटर पर एक मरीज ने इलाज में कोताही और मरीजों के साथ अभद्रता का आरोप लगाया है. मरीज का कहना है कि जब भी इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं, तो डायलिसिस में तैनात डॉक्टर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं.

मरीज विकास बंसल ने इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत भेजी है. विकास बंसल का आरोप है कि एक निजी कंपनी द्वारा संचालित केयर डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस के दौरान कई अनियमितताएं बरती जाती है. जिससे किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है.

वीडियो.

शिकायतकर्ता विकास बंसल का कहना है कि अगर यहां अनियमितताओं को लेकर आवाज उठाई जाती है तो मरीजों के साथ अभद्रता की जाती है और बाहर निकलने को कहा जाता है. बंसल ने बताया कि डायलिसिस के दौरान सेंटर में डॉक्टर का उपस्थित रहना जरूरी होता है, लेकिन यहां डॉक्टर दिन में एक या दो बार राउंड मारता है.

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इसके अलावा मरीजों की दवाइयां तकनीशियन लिखते हैं. डॉक्टर उस पर आकर साइन कर देते हैं. यहीं नहीं सेंटर में तैनात तकनीशियन काम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे हैं. ऐसे में किडनी की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. विकास बंसल ने बताया कि आयुष्मान और हिम केयर कार्ड धारकों से भी इंजेक्शन आदि के पैसे वसूले गए हैं.

सीएमओ केके पराशर ने बताया कि पांवटा अस्पताल इंचार्ज को डायलिसिस सेंटर की नियमित विजिट करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके अलावा मामले की जांच की जा रही है.

पांवटा साहिब: सिविल अस्पताल पांवटा साहिब के किडनी डायलिसिस सेंटर पर एक मरीज ने इलाज में कोताही और मरीजों के साथ अभद्रता का आरोप लगाया है. मरीज का कहना है कि जब भी इलाज के लिए अस्पताल जाते हैं, तो डायलिसिस में तैनात डॉक्टर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं.

मरीज विकास बंसल ने इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत भेजी है. विकास बंसल का आरोप है कि एक निजी कंपनी द्वारा संचालित केयर डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस के दौरान कई अनियमितताएं बरती जाती है. जिससे किडनी की गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है.

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शिकायतकर्ता विकास बंसल का कहना है कि अगर यहां अनियमितताओं को लेकर आवाज उठाई जाती है तो मरीजों के साथ अभद्रता की जाती है और बाहर निकलने को कहा जाता है. बंसल ने बताया कि डायलिसिस के दौरान सेंटर में डॉक्टर का उपस्थित रहना जरूरी होता है, लेकिन यहां डॉक्टर दिन में एक या दो बार राउंड मारता है.

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इसके अलावा मरीजों की दवाइयां तकनीशियन लिखते हैं. डॉक्टर उस पर आकर साइन कर देते हैं. यहीं नहीं सेंटर में तैनात तकनीशियन काम चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे हैं. ऐसे में किडनी की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. विकास बंसल ने बताया कि आयुष्मान और हिम केयर कार्ड धारकों से भी इंजेक्शन आदि के पैसे वसूले गए हैं.

सीएमओ केके पराशर ने बताया कि पांवटा अस्पताल इंचार्ज को डायलिसिस सेंटर की नियमित विजिट करने के निर्देश भी दिए गए हैं. इसके अलावा मामले की जांच की जा रही है.

Intro:पांवटा अस्पताल में संचालित किडनी डायलिसिस में लगे आरोप
मरीजों के साथ अभद्र भाषा में का किया जा रहा प्रयोग
डायलिसिस में तैनात डॉक्टर दिन में दो बार ही आते हैं नजर
किडनी पेशेंट पर मुसीबतों का पहाड़
डॉक्टरों के सख्त रवैया से किडनी पेशेंट उपचार कराने आ रहे लोगों को हो रही है मुसीबतें
विकास बंसल ने मांगे सख्त जांच के आदेशBody:
पावटा साहिब सिविल अस्पताल फिर आया चर्चा में अस्पताल के बिल्डिंग के अंदर चल रहे किडनी डायलिसिस सेंटर पर इलाज में कोताही और मरीजों के साथ अभद्रता के गंभीर आरोप लगे का मामला सामने आया था
लंबे समय से बीमार चल रहे विकास बंसल जब भी अब उपचार करवाने के लिए पौण्टा सिविल हस्पताल पहुंचते हैं तो वहां पर डायलिसिस में तैनात डॉक्टर अभद्र भाषा का प्रयोग करते हैं


डायलिसिस सेंटर में मरीजों को दवाइयां लिखते हैं। जबकि चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तकनीशियन का काम करते रहते हैं।
विकास बंसल ने इस संबंध में जिला चिकित्सा अधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की भेजी है। विकास बंसल का आरोप है कि एक निजी कंपनी द्वारा संचालित राही केयर डायलिसिस सेंटर में डायलिसिस के दौरान कई अनियमितताएं बरती जाती है। जिसका किडनी की गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ सकता है। विकास बंसल का कहना है कि यदि यहां अनियमितताओं को लेकर आवाज उठाई जाती है तो मरीजों के साथ अभद्रता की जाती है और बाहर निकलने को कहा जाता है। विकास बंसल ने बताया कि डायलिसिस के दौरान सेंटर में डॉक्टर का उपस्थित रहना जरूरी होता है। लेकिन यहां डॉक्टर दिन में एक या दो बार राउंड मारता है। मरीजों की दवाइयां तकनीशियन लिखते हैं। डॉक्टर उस पर आकर साइन कर देते हैं। यही नहीं सेंटर में तैनात तकनिशिनो का कार्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कर रहे हैं। ऐसे में किडनी की गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। विकास बंसल ने बताया कि आयुष्मान और हिम केयर कार्ड धारकों से भी इंजेक्शन आदि के पैसे वसूले गए हैं।
हमारी टीम ने जब केयर डायलिसिस सेंटर में तैनात डॉक्टर ने बताया कि आरोप बेबुनियाद हैं। जबकि सीएमओ केके पराशर ने कहा कि आरोप गंभीर हैं और आरोपों की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पावटा अस्पताल इंचार्ज को डायलिसिस सेंटर की नियमित विजिट करने के निर्देश भी दिए गए हैं।

बाइट केके पराशरConclusion:
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