राजगढ़: चूड़धार यात्रा के दौरान रास्ता भटकने की घटनाओं में तेजी से वृद्धि को देखते हुए प्रशासन सतर्क हो गया है. अब नौहराधार से ऊपर चूड़धार की ओर जाने वाले यात्रियों से पूछताछ की जा रही है. इसके साथ ही एडवाइजरी मुख्य गेट पर लगाई गई है.
बता दें कि रविवार को चंडीगढ़ का एक सैलानी नफीज अहमद रास्ता भटक गया था जिसे देर शाम करीब 7 बजे जमनाला व कंडा नाले के एक घने जंगल से रेस्क्यू किया गया. गौरतलब है कि सर्च अभियान के दौरान सर्च टीम को जंगल में तीन अलग-अलग जगह भालू का भी सामना करना पड़ा.
गनीमत यह रही कि यदि लापता व्यक्ति नहीं मिलता तो उसके साथ जंगल में कुछ भी हो सकता था. तहसीलदार नौहराधार केशव कुमार ने पर्यटकों से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति अकेले सफर न करें. नौहराधार से समय पर चुड़धार के लिए निकलें. उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन, चुडेश्वर सेवा समिति और वन विभाग के सहयोग से किलोमीटर और सूचना पट्टिका लगी है उन साइन बोर्ड को देख कर ही सफर करें.
साइन बोर्ड में बहुत अच्छे तरीके से लिखा गया है. रास्ता खतरनाक नाले की और जाता है. सूचना पट्टिका में मोबाइल के नेटवर्क के बारे में भी बताया गया है कि यहां पर नेटवर्किंग की समस्या है बेटरी बचा के रखे. यदि प्रशासन और सरकार ने यह उचित कदम नहीं उठाया होता तो श्रद्धालुओं के लापता होने का सिलसिला इसी तरह चलता रहता है. हालांकि, चूड़धार के रास्तों के लिए सरकार ने 3.5 करोड़ स्वीकृत हो चुके है.
बता दें कि हर वर्ष हिमाचल के अलावा बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं का भोले के दर्शन के लिए तांता लगा रहता है. गौरतलब है कि नौहराधार से चूड़धार जाने वाले रास्ते पर हर वर्ष रास्ता भटकने की सबसे अधिक घटनाएं हुई है. कई लोग जान गवां चुके हैं. चौकाने वाली बात यह है कि तीसरी, जमनाला नामक स्थान और वहां से आगे 2 किलोमीटर के क्षेत्र में भारी संख्या में श्रद्धालु रास्ता भटक जाते है. तीसरी से शिवलिंग के लिए भी कई रास्ते जाते हैं. अधिकतर यात्री तीसरी से शिवलिंग वाले रास्ते का रुख करते हैं.