मंडी: जिला के जोनल अस्पताल में रविवार को विश्व एड्स दिवस के मौके पर जागरूकता वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा. कार्यशाला में नर्सिंग स्कूल की प्रशिक्षुओं को एचआईवी पॉजिटिव मरीजों व ब्लड डोनेशन से संबंधी जानकारी विस्तार से दी गई.
जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर दिनेश ठाकुर ने बताया कि जिला में 386 लोग एचआईवी पॉजिटिव के मरीज हैं, जिनको एआरटी सेंटर में सरकार की ओर से मुफ्त दवाइयां दी जा रही हैं. हिमाचल की बात की जाए तो सूबे में चार हजार मरीज एचआईवी पॉजिटिव हैं.उन्होंने बताया कि एड्स दिवस मनाने का उद्देश्य एड्स के प्रति जागरुक करना है, ताकि ये बीमारी न फैले.
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डॉक्टर दिनेश ठाकुर ने बताया कि समाज में एचआईवी मरीजों के साथ भेदभाव जैसी भ्रांतियों को दूर करना विश्व एड्स दिवस का उद्देश्य है, ताकि ये मरीज समाज में रहकर अपना सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें.
एड्स के कारणों और उसकी रोकथाम के प्रति लोगों को जागरू करने के लिए हर साल 1 दिसंबर को वर्ल्ड एड्स डे मनाया जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार पूरी दुनिया में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग एचआईवी पीड़ित हैं. इनमें से केवल 62% लोगों को ही समय पर इलाज मिल पाता है.
क्या है एड्स होने के कारण
- एचआईवी पॉजिटिव असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से होता है.
- एचआईवी (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) मरीज के शरीर में इस्तेमाल किए हुए इंजेक्शन को दूसरे व्यक्ति में इस्तेमाल करने से यह बीमारी हो सकती है.
- इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति का ब्लड किसी दूसरे व्यक्ति में चढ़ाने से एचआईवी वायरस हो सकता है.
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एचआईवी के लक्षण
ये एक ऐसी बीमारी है, जिसके शुरुआती दिनों में किसी तरह के लक्षण सामने नहीं आते हैं. व्यक्ति बिल्कुल साधारण दिनों की तरह सेहतमंद रहता है. कुछ साल बाद ही इसके लक्षण सामने आते हैं.
- बुखार का रहना
- नियमित रूप से शरीर में थकावट महसूस करना.
- सूखी खांसी होना
- वजन का कम होना
- स्किन, मुंह, आंखों के नीचे या नाक पर धब्बे पड़ना
- समय के साथ याददाश्त कमजोर होना
- शरीर में दर्द रहना