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संतान दात्री सिमसा मंदिर: महिलाओं को नहीं होगी ठहरने की इजाजत, लंगर को लेकर कमेटी ने ये लिया फैसला

मंडी जिले के सिमस गांव में स्थित सिमसा माता मंदिर में इस बार भी निसंतान महिलाओं को फर्श पर सोने की अनुमति नहीं रहेगी. मंदिर कमेटी ने फैसला लिया है कि लंगर की व्यवस्था भी नहीं की जाएगी. सब फैसले कोविड को ध्यान में रखकर किए गए.

संतान दात्री माता सिमसा मंदिर
संतान दात्री माता सिमसा मंदिर
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Published : Oct 6, 2021, 7:14 PM IST

जोगिंदरनगर/मंडी : जिले लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में सिमसा माता का अनोखा मंदिर है. देवी के इस मंदिर में निसंतान महिलाओं के फर्श पर सोने से संतान की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि यदि कोई महिला स्वपन में कोई कंदमूल या फल प्राप्ति करती तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिलता है. वीरवार से शुरू हो रहे नवरात्रों के लिए सिमसा मंदिर कमेटी ने तैयारियां पूरी कर ली ,लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार भी संतान प्राप्ति के लिए महिलाओं को फर्श पर नहीं सो सकेंगी. मंदिर कमेटी ने बैठक कर यह निर्णय लिया.



मंदिर कमेटी प्रधान विनोद राय ने बताया महिलाओं को इस बार भी इजाजत नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि मंदिर में लंगर की व्यवस्था भी नहीं की जाएगी. वहीं ,उन्होंने बीमार, बुखार व जुकाम के लक्षण वाले व्यक्तियों से मंदिर आने से परेहज करने की अपील की. उन्होंने श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करते समय मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी. वहीं, सिमसा माता मंदिर के पास एक विशालकाय पत्थर बहुत प्रसिद्ध है. इस पत्थर को यदि कोई सच्चे मन से एक हाथ से हिलाए तो यह हिल जाता है. बता दें कि श्री नैना देवी मंदिर में भी माताजी के दो चमत्कार आज भी विद्यमान हैं जिनमें पहला माताजी का चमत्कार प्राचीन हवन कुंड है. कहते हैं कि यह हवन कुंड दुनिया का पहला हवन कुंड हैं जो ज्वलंत हैं जिसमें सब कुछ बीच में ही समा जाता है शेष निकालने की जरूरत नहीं पड़ती जितना मर्जी हवन करते जाओ शेष बीच में ही समा जाता है.

जोगिंदरनगर/मंडी : जिले लड़भडोल तहसील के सिमस गांव में सिमसा माता का अनोखा मंदिर है. देवी के इस मंदिर में निसंतान महिलाओं के फर्श पर सोने से संतान की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि यदि कोई महिला स्वपन में कोई कंदमूल या फल प्राप्ति करती तो उस महिला को संतान का आशीर्वाद मिलता है. वीरवार से शुरू हो रहे नवरात्रों के लिए सिमसा मंदिर कमेटी ने तैयारियां पूरी कर ली ,लेकिन कोरोना महामारी के चलते इस बार भी संतान प्राप्ति के लिए महिलाओं को फर्श पर नहीं सो सकेंगी. मंदिर कमेटी ने बैठक कर यह निर्णय लिया.



मंदिर कमेटी प्रधान विनोद राय ने बताया महिलाओं को इस बार भी इजाजत नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि मंदिर में लंगर की व्यवस्था भी नहीं की जाएगी. वहीं ,उन्होंने बीमार, बुखार व जुकाम के लक्षण वाले व्यक्तियों से मंदिर आने से परेहज करने की अपील की. उन्होंने श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश करते समय मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की भी सलाह दी. वहीं, सिमसा माता मंदिर के पास एक विशालकाय पत्थर बहुत प्रसिद्ध है. इस पत्थर को यदि कोई सच्चे मन से एक हाथ से हिलाए तो यह हिल जाता है. बता दें कि श्री नैना देवी मंदिर में भी माताजी के दो चमत्कार आज भी विद्यमान हैं जिनमें पहला माताजी का चमत्कार प्राचीन हवन कुंड है. कहते हैं कि यह हवन कुंड दुनिया का पहला हवन कुंड हैं जो ज्वलंत हैं जिसमें सब कुछ बीच में ही समा जाता है शेष निकालने की जरूरत नहीं पड़ती जितना मर्जी हवन करते जाओ शेष बीच में ही समा जाता है.

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