करसोग: उपमंडल करसोग में किसानों को आय दोगुनी करने के लिए विशेष अभियान चलाया गया है. यहां किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक से जोड़ने के लिए पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें किसानों को रासायनिक खेती को छोड़ कर अच्छी पैदावार लेने के लिए प्राकृतिक खेती से जुड़ने के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन
कूपरी पंचायत में किसानों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया. शिविर का समापन शुक्रवार को हुआ. जिसमें किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती की तकनीक को अपनाने के टिप्स दिए गए. किसानों को बताया गया कि किस तरह घर पर उपलब्ध संसाधनों से जीवामृत, घनजीवामृत व बीजामृत आदि का घोल बनाकर कृषि पर आने वाली लागत को कम किया जा सकता है. इस दौरान कृषि विभाग सहित मास्टर ट्रेनर ने किसानों को घोल तैयार करने की विधि बताई.
किसानों को दी गई अहम जानकारी
किसानों को जानकारी दी गई कि जीवामृत, घनजीवामृत व बीजामृत आदि के छिड़काव करने से लगातार बढ़ रही कृषि लागत को कम किया किया जा सकता है. ग्राम पंचायत कुफरीधार के उप प्रधान लीलाधर कपूर की अध्यक्षता में आयोजित शिविर में किसानों को अहम जानकारी दी गई. इस विधि से तैयार किए गए घोल के छिड़काव करने से कृषि उत्पादन दोगुना होने के साथ रसायनिक खेती की तुलना में लागत भी बहुत कम आएगी. यही नहीं सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है. इससे खेतों में उर्वरता क्षमता भी बढ़ेगी.
शिविर में किसानों को दिए गए अहम टिप्स
इसके अतिरिक्त कम बारिश होने से फसलों को भी नुकसान कम होगा. इस शिविर में महिला मंडलों सहित जनप्रतिनिधियों व कृषि विभाग के बीटीएम ने हिस्सा लिया. मास्टर ट्रेनर कमलेश कुमारी ने बताया कि कुफरीधार पंचायत में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लगाया गया. जिसमें किसानों को सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया.
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