मंडी: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने राज्य सरकार से शीतकालीन सत्र में मंडी में प्रस्तावित विश्वविद्यालय (Mandi cluster University) का बिल लाने और इसे पारित करवाने की मांग (abvp demanding state university in mandi) उठाई है. बुधवार को इसी मांग को लेकर एबीवीपी के कार्यकर्ताओं ने मंडी में छात्र हुंकार रैली (ABVP Hunkar rally in mandi) निकाली. इस रैली में मंडी और इसके साथ लगते जिलों से आए हजारों छात्र-छात्राओं ने भाग लिया. पूरे शहर का चक्कर काटती हुई यह रैली ऐतिहासिक सेरी मंच पर आकर संपन्न हुई.
एबीवीपी के प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने मंडी में विश्वविद्यालय खोलने का सराहनीय और ऐतिहासिक निर्णय लिया है, लेकिन इस निर्णय को जल्द से जल्द अमलीजामा पहनाने की जरूरत है. सरकार को चाहिए कि हिमाचल विधानसभा के शीतकालीन सत्र (winter session of himachal assembly) में इसका बिल पारित करके, आगामी शैक्षणिक सत्र से इसका संचालन शुरू किया जाए. उन्होंने कहा कि एबीवीपी छात्र हितों और शिक्षा में सुधार को लेकर पूरी तरह से प्रयासरत है और किसी भी स्तर पर इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी.
एबीवीपी ने सरकार को चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार ने इनकी मांग पर गौर नहीं फरमाया तो फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा. छात्र हुंकार रैली के दौरान क्षेत्रीय संगठन मंत्री विजय प्रताप, प्रांत संगठन मंत्री गौरव अत्री सहित हजारों कार्यकर्ता मौजूद रहे.
बता दें कि रूसा गाइड लाइन के मुताबिक एक विश्वविद्यालय के तहत 100 से अधिक कॉलेज नहीं होने चाहिए. इतनी अधिक संख्या में शिक्षण संस्थान हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से जुड़े होने की वजह से विश्वविद्यालय के ऊपर छात्रों की परीक्षाएं और परिणाम घोषित करने का अत्याधिक कार्यभार होने की वजह से अनेकों अनियमितताएं भी देखने को मिलती हैं.
वहीं, अगर हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीजी कक्षाओं में सीटों की बात करें तो सीमित सीटें होने की वजह से भी बहुत सारे छात्र शिमला में दाखिला नहीं ले पाते हैं, जिस कारण मजबूरी में छात्रों को या तो निजी विश्वविद्यालयों में भारी भरकम फीस देकर दाखिला लेना पड़ता है या फिर प्रदेश से बाहर पढ़ाई करने जाना पड़ता है. इस वजह से बहुत से निर्धन परिवारों के विद्यार्थी अपनी पढ़ाई आगे जारी नहीं रख पाते हैं.
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