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15 दिनों के अभियान में टीबी के 775 नए मामले आए सामने, नि:शुल्क किया जा रहा लोगों का उपचार

हिमाचल प्रदेश में चलाए जा रहे 15 दिनों के टीबी अभियान में 775 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी रोगियों को टीबी का उपचार देना शुरू कर दिया है.

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Published : Dec 3, 2019, 3:00 PM IST

TB free abhiyan,  टीबी मुक्त अभियान हिमाचल
TB free abhiyan, टीबी मुक्त अभियान हिमाचल

मंडी: हिमाचल प्रदेश को 2021 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा दिन रात मेहनत कर रहा है. 16 से 30 नवंबर तक प्रदेश भर में टीबी के नए रोगियों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक अभियान चलाया था जिसमें 775 नए मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने सभी रोगियों को उपचार देना शुरू कर दिया है. टीबी अभियान में 15 दिनों के अभियान में कांगड़ा जिला में 158 मामले सामने आए हैं. मंडी जिला में 115, सोलन जिला में 91, कुल्लू जिला में 69, चंबा जिला में 65, बिलासपुर जिला में 65, ऊना जिला में 55, शिमला जिला में 53, सिरमौर जिला में 49, हमीरपुर जिला में 41, किन्नौर जिला में 13 और लाहौल-स्पीति जिला में 6 नए मामले सामने आए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग ने अभियान इसलिए चलाया था ताकि टीबी के रोगियों की पहचान की जा सके और उन्हें समय रहते उपचार देकर पूरी तरह से ठीक किया जा सके. मंडी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि 15 दिनों तक चले अभियान के दौरान मंडी जिला के 2 लाख 27 हजार 806 संभावित लोगों के थूक के सैंपल लिए गए और उनकी जांच की गई.

डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि जांच में 115 लोगों में टीबी के लक्ष्ण पाए गए और इनका उपचार नि:शुल्क किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले की पूरी टीम ने इस अभियान में बेहतर प्रदर्शन किया है और जिला सहित पूरा प्रदेश टीबी मुक्त होने की दिशा में अग्रसर हो रहा है.

मंडी: हिमाचल प्रदेश को 2021 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा दिन रात मेहनत कर रहा है. 16 से 30 नवंबर तक प्रदेश भर में टीबी के नए रोगियों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक अभियान चलाया था जिसमें 775 नए मामले सामने आए हैं.

स्वास्थ्य विभाग ने सभी रोगियों को उपचार देना शुरू कर दिया है. टीबी अभियान में 15 दिनों के अभियान में कांगड़ा जिला में 158 मामले सामने आए हैं. मंडी जिला में 115, सोलन जिला में 91, कुल्लू जिला में 69, चंबा जिला में 65, बिलासपुर जिला में 65, ऊना जिला में 55, शिमला जिला में 53, सिरमौर जिला में 49, हमीरपुर जिला में 41, किन्नौर जिला में 13 और लाहौल-स्पीति जिला में 6 नए मामले सामने आए हैं.

वीडियो रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग ने अभियान इसलिए चलाया था ताकि टीबी के रोगियों की पहचान की जा सके और उन्हें समय रहते उपचार देकर पूरी तरह से ठीक किया जा सके. मंडी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि 15 दिनों तक चले अभियान के दौरान मंडी जिला के 2 लाख 27 हजार 806 संभावित लोगों के थूक के सैंपल लिए गए और उनकी जांच की गई.

डॉ. दिनेश ठाकुर ने बताया कि जांच में 115 लोगों में टीबी के लक्ष्ण पाए गए और इनका उपचार नि:शुल्क किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि जिले की पूरी टीम ने इस अभियान में बेहतर प्रदर्शन किया है और जिला सहित पूरा प्रदेश टीबी मुक्त होने की दिशा में अग्रसर हो रहा है.

Intro:मंडी। हिमाचल प्रदेश को 2021 तक टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है और इस लक्ष्य प्राप्ति के लिए प्रदेश का स्वास्थ्य महकमा दिन रात मेहनत करता हुआ नजर भी आ रहा है। 16 से 30 नवंबर तक प्रदेश भर में टीबी के नए रोगियों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जो व्यापक अभियान चलाया था उसमें 775 नए मामले सामने आए हैं। Body:स्वास्थ्य विभाग ने इन सभी रोगियों को टीबी का उपचार देना शुरू कर दिया है। सबसे ज्यादा मामले कांगड़ा जिला में पाए गए हैं जबकि मंडी जिला दूसरे स्थान पर रहा है। वहीं जनजातिय जिला किन्नौर और लाहुल स्पिति में सबसे कम मामले सामने आए हैं। 15 दिनों के अभियान में कांगड़ा जिला में 158, मंडी जिला में 115, सोलन जिला में 91, कुल्लू जिला में 69, चंबा जिला में 65, बिलासपुर जिला में 65, उना जिला में 55, शिमला जिला में 53, सिरमौर जिला में 49, हमीरपुर जिला में 41, किन्नौर जिला में 13 और लाहुल स्पिति जिला में 6 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यह अभियान इसलिए चलाया था ताकि टीबी के रोगियों की पहचान की जा सके और उन्हें समय रहते उपचार देकर पूरी तरह से ठीक किया जा सके। क्योंकि जब यह रोगी पूरी तरह से स्वस्थ होंगे तभी 2021 तक प्रदेश की टीबी मुक्त प्रदेश घोषित किया जा सकेगा। मंडी जिला स्वास्थ्य अधिकारी डा. दिनेश ठाकुर ने बताया कि 15 दिनों तक चले अभियान के दौरान मंडी जिला के 2 लाख 27 हजार 806 संभावित लोगों के थूक के सैंपल लिए गए और उनकी जांच की गई। जांच में 115 में टीबी के लक्ष्ण पाए गए और अब इन्हें उपचार देना शुरू कर दिया गया है। यह जांच पूरी तरह से निशुल्क थी और अब इन लोगों को उपचार भी निशुल्क ही दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिला ने इस अभियान में बेहतर प्रदर्शन किया है और जिला सहित पूरा प्रदेश टीबी मुक्त होने की दिशा में अग्रसर हो रहा है। उन्होंने बताया कि टीबी का ईलाज संभव है और यदि किसी को कोई संभावित व्यक्ति प्रतीत होता है तो वह इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को दे सकते हैं। विभाग उसकी जांच करवाकर उसे निशुल्क उपचार देगा।

बाइट - डा. दिनेश ठाकुर, जिला स्वास्थ्य अधिकारीConclusion:
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