ETV Bharat / city

पीस मील वर्करों की हड़ताल, मंडी के करसोग डिपो में तीन मैकेनिकों के सहारे 54 बसें - मंडी के करसोग डिपो

करसोग में पीस मील वर्करों के टूल डाउन स्ट्राइक (strike of Piece Meal workers) पर जाने से परिवहन निगम की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यहां वर्कशॉप में (HRTC workers on strike) सेवाएं दे रहे 17 पीस मील वर्कर अब अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं. ऐसे में बसों की समय पर मरम्मत नहीं हो पा रही है. जिससे परिवहन निगम के सामने लोगों को समय पर बहेतर सेवाएं देने का संकट खड़ा हो गया है.

strike of Piece Meal workers
पीस मील वर्करों की हड़ताल
author img

By

Published : Dec 4, 2021, 7:24 PM IST

करसोग: करसोग में पीस मील वर्करों के टूल डाउन स्ट्राइक (strike of Piece Meal workers) पर जाने से परिवहन निगम की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यहां वर्कशॉप में (HRTC workers on strike) सेवाएं दे रहे 17 पीस मील वर्कर अब अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं. ऐसे में बसों की समय पर मरम्मत नहीं हो पा रही है. जिससे परिवहन निगम के सामने लोगों को समय पर बहेतर सेवाएं देने का संकट खड़ा हो गया है.

हालांकि करसोग डिपो में व्यवस्था को (Karsog Depot workers on strike) सामान्य बनाने के लिए अन्य डिपो से तीन मैकेनिक भेजे गए हैं. लेकिन तीन लोगों के लिए 54 बसों को देखना आसान कार्य नहीं है. ऐसे में खराब बसों की समय पर मरम्मत न होने से अब आने वाले समय में आम लोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. वहीं, सरकार की ओर से मांगे न माने जाने से पीस मील वर्कर 29 नवंबर से टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं, जो अभी जारी है. पीस मील वर्करों की मुख्य मांग अनुबंध पर लाये जाने की है.

करसोग डिपो में 11 पीस मील वर्कर पिछले सात साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 6 पीस मील वर्करों को सेवाएं देते हुए चार से पांच साल बीत गए हैं.ऐसे में इतना लंबा अरसा बीतने के बाद भी अनुबंध पर न लाए जाने से पीस मील वर्कर नाराज हैं. वहीं, बिना छुट्टी के आठ (Piece meal workers working hours) घण्टे ड्यूटी देने के बाद भी इन कर्मचारियों को हर माह मुश्किल से 7 से 8 हजार वेतन मिलता है, जिससे महंगाई के इस कठिन दौर में परिवार का खर्च चलना मुश्किल हो गया है.

वीडियो.

ये भी पढ़ें: हिमाचल टैक्सी चालकों की मांग, सरकार टैक्स माफ कर राहत करे प्रदान नहीं तो...

अपने अमूल्य जीवन का लंबा समय हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC Karsog Depot) को देने के बदले में पीस मील वर्कर अनुबंध पर लाए जाने की मांग कर रहे हैं. ताकि इन कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके. लेकिन सरकार ने अभी तक इन्हें वार्ता तक के लिए भी नहीं बुलाया है. ऐसे में पीस मील वर्करों ने अपनी मांग न माने जाने तक अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक पर जाने का निर्णय कर लिया है.

पीस मील वर्कर भास्कर ठाकुर ने बताया कि मांगे न माने जाने तक यह टूल डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि पीस मील वर्कर 29 नवंबर से टूल डाउन स्ट्राइक पर है. लेकिन अभी तक न तो हमारी मांगे मानी गई है और न ही सरकार ने हमे वार्ता के लिए बुलाया है.वहीं, करसोग डिपो के आरएम (RM of Karsog Depot) सुभाष रंहोत्रा का कहना है इन दिनों कि हर डिपो में दिक्कतें आ रही हैं. करसोग डिपो में 17 पीस मील वर्कर हैं और सभी टूल डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं. जिससे बसों की रिपेयर और मेंटिनेंस में परेशानी आ रही है. लेकिन फिर भी तीन मैकेनिक काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समस्या के बारे में प्रबन्धन को अवगत करवाया गया है.

ये भी पढ़ें: लाहौल में परियोजना सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक का आयोजन, तकनीकी शिक्षा मंत्री ने की अध्यक्षता

करसोग: करसोग में पीस मील वर्करों के टूल डाउन स्ट्राइक (strike of Piece Meal workers) पर जाने से परिवहन निगम की मुश्किलें बढ़ गई हैं. यहां वर्कशॉप में (HRTC workers on strike) सेवाएं दे रहे 17 पीस मील वर्कर अब अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं. ऐसे में बसों की समय पर मरम्मत नहीं हो पा रही है. जिससे परिवहन निगम के सामने लोगों को समय पर बहेतर सेवाएं देने का संकट खड़ा हो गया है.

हालांकि करसोग डिपो में व्यवस्था को (Karsog Depot workers on strike) सामान्य बनाने के लिए अन्य डिपो से तीन मैकेनिक भेजे गए हैं. लेकिन तीन लोगों के लिए 54 बसों को देखना आसान कार्य नहीं है. ऐसे में खराब बसों की समय पर मरम्मत न होने से अब आने वाले समय में आम लोगों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. वहीं, सरकार की ओर से मांगे न माने जाने से पीस मील वर्कर 29 नवंबर से टूल डाउन स्ट्राइक पर हैं, जो अभी जारी है. पीस मील वर्करों की मुख्य मांग अनुबंध पर लाये जाने की है.

करसोग डिपो में 11 पीस मील वर्कर पिछले सात साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, जबकि 6 पीस मील वर्करों को सेवाएं देते हुए चार से पांच साल बीत गए हैं.ऐसे में इतना लंबा अरसा बीतने के बाद भी अनुबंध पर न लाए जाने से पीस मील वर्कर नाराज हैं. वहीं, बिना छुट्टी के आठ (Piece meal workers working hours) घण्टे ड्यूटी देने के बाद भी इन कर्मचारियों को हर माह मुश्किल से 7 से 8 हजार वेतन मिलता है, जिससे महंगाई के इस कठिन दौर में परिवार का खर्च चलना मुश्किल हो गया है.

वीडियो.

ये भी पढ़ें: हिमाचल टैक्सी चालकों की मांग, सरकार टैक्स माफ कर राहत करे प्रदान नहीं तो...

अपने अमूल्य जीवन का लंबा समय हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC Karsog Depot) को देने के बदले में पीस मील वर्कर अनुबंध पर लाए जाने की मांग कर रहे हैं. ताकि इन कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित हो सके. लेकिन सरकार ने अभी तक इन्हें वार्ता तक के लिए भी नहीं बुलाया है. ऐसे में पीस मील वर्करों ने अपनी मांग न माने जाने तक अनिश्चितकालीन टूल डाउन स्ट्राइक पर जाने का निर्णय कर लिया है.

पीस मील वर्कर भास्कर ठाकुर ने बताया कि मांगे न माने जाने तक यह टूल डाउन स्ट्राइक जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि पीस मील वर्कर 29 नवंबर से टूल डाउन स्ट्राइक पर है. लेकिन अभी तक न तो हमारी मांगे मानी गई है और न ही सरकार ने हमे वार्ता के लिए बुलाया है.वहीं, करसोग डिपो के आरएम (RM of Karsog Depot) सुभाष रंहोत्रा का कहना है इन दिनों कि हर डिपो में दिक्कतें आ रही हैं. करसोग डिपो में 17 पीस मील वर्कर हैं और सभी टूल डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं. जिससे बसों की रिपेयर और मेंटिनेंस में परेशानी आ रही है. लेकिन फिर भी तीन मैकेनिक काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस समस्या के बारे में प्रबन्धन को अवगत करवाया गया है.

ये भी पढ़ें: लाहौल में परियोजना सलाहकार समिति की समीक्षा बैठक का आयोजन, तकनीकी शिक्षा मंत्री ने की अध्यक्षता

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.