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शानन बिजली प्रोजेक्ट के मालिकाना हक के लिए SC जाएगा हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा - शानन बिजली परियोजना

'हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा' के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से लाहौर तक रोशन हुआ, लेकिन मंडी व हिमाचल को इसका हिस्सा नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि इसका संचालन हिमाचल को दे दिया जाए, तो प्रदेश को इसका बहुत फायदा होगा.

लक्ष्मेंद्र सिंह
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Published : Oct 17, 2019, 12:01 AM IST

मंडी: जिला मंडी के जोगिंद्रनगर शानन बिजली प्रोजेक्ट के हिमाचल को मालिकाना हक दिलवाने को लेकर 'हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा' ने मोर्चा खोल दिया है. यह संगठन 25 दिसंबर को रोहतांग टनल का उद्घाटन करने पहुंच रहे पीएम मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाएगा.

'हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा' के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से लाहौर तक रोशन हुआ, लेकिन मंडी व हिमाचल को इसका हिस्सा नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि इसका संचालन हिमाचल को दे दिया जाए, तो प्रदेश को इसका बहुत फायदा होगा. साथ ही बताया कि प्रोजेक्ट के निर्माण के वक्त मंडी को 3 फीसदी बिजली मुफ्त देने का समझौता हुआ था जो आज तक नहीं मिली है.

वीडियो.

लक्ष्मेंद्र सिंह ने बताया कि 1926 में शुरू हुई 48 मैगावाट शानन बिजली परियोजना की 99 प्रतिशत बिल्डिंग जर्जर हालत में हैं. मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंदर सेन ने ही मंडी के हक की लड़ाई लड़ी थी. आजादी से पहले लाहौर को रोशन करने वाले शानन बिजली प्रोजेक्ट की हालत आज बहुत खस्ता है.

लक्ष्मेंद्र सिंह ने कहा उस वक्त प्रोजेक्ट की 48 मैगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता थी जो अब बढ़कर 110 मैगावाट हो गई है. इस हिसाब से मंडी का 18 से 20 फीसदी मुफ्त बिजली का हक बनता है, लेकिन सरकार लोगों से हर महीने बिजली के पैसे वसूल रही है. उन्होंने कहा कि शानन के हक को लेकर 25 हजार पैम्फलेट मंडी जिला में बांटे जाएंगे और लोगों को जोडने का काम किया जाएगा.

मंडी: जिला मंडी के जोगिंद्रनगर शानन बिजली प्रोजेक्ट के हिमाचल को मालिकाना हक दिलवाने को लेकर 'हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा' ने मोर्चा खोल दिया है. यह संगठन 25 दिसंबर को रोहतांग टनल का उद्घाटन करने पहुंच रहे पीएम मोदी के सामने इस मुद्दे को उठाएगा.

'हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा' के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र सिंह ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से लाहौर तक रोशन हुआ, लेकिन मंडी व हिमाचल को इसका हिस्सा नहीं मिल रहा है. उन्होंने बताया कि इसका संचालन हिमाचल को दे दिया जाए, तो प्रदेश को इसका बहुत फायदा होगा. साथ ही बताया कि प्रोजेक्ट के निर्माण के वक्त मंडी को 3 फीसदी बिजली मुफ्त देने का समझौता हुआ था जो आज तक नहीं मिली है.

वीडियो.

लक्ष्मेंद्र सिंह ने बताया कि 1926 में शुरू हुई 48 मैगावाट शानन बिजली परियोजना की 99 प्रतिशत बिल्डिंग जर्जर हालत में हैं. मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंदर सेन ने ही मंडी के हक की लड़ाई लड़ी थी. आजादी से पहले लाहौर को रोशन करने वाले शानन बिजली प्रोजेक्ट की हालत आज बहुत खस्ता है.

लक्ष्मेंद्र सिंह ने कहा उस वक्त प्रोजेक्ट की 48 मैगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता थी जो अब बढ़कर 110 मैगावाट हो गई है. इस हिसाब से मंडी का 18 से 20 फीसदी मुफ्त बिजली का हक बनता है, लेकिन सरकार लोगों से हर महीने बिजली के पैसे वसूल रही है. उन्होंने कहा कि शानन के हक को लेकर 25 हजार पैम्फलेट मंडी जिला में बांटे जाएंगे और लोगों को जोडने का काम किया जाएगा.

Intro:मंडी के जोगिंद्रनगर शानन बिजली प्रोजैक्ट के हिमाचल को मालिकाना हक दिलवाने को लेकर ‘हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा’ ने मोर्चा खोल दिया है ! मोर्चा अब प्रोजेक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा 25 दिसम्बर को रोहतांग टनल का उद्घाटन करने पहुच रहे पीएम मोदी के समक्ष इस मुद्ददे को उठायेगे यदि केंद्र सरकार इस प्रोजेक्ट को हिमाचल को नही देती तो मोर्चा आन्दोलन का रुख अख्तियार करेगा ! हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र सिंह ने जोगिंद्रनगर में बने शानन बिजली प्रोजैक्ट को लेकर कई तरह के सवाल उठाए हैं। इस प्रोजैक्ट से लाहौर तक रोशन हुआ लेकिन मंडी व हिमाचल को इसका हिस्सा नही मिल रहा है। इसका संचालन यदि हिमाचल को दे दिया जाए तो प्रदेश को इसका बहुत फायदा होगा। प्रोजैक्ट के निर्माण के वक्त मंडी को 3 फीसदी बिजली मुफ्त देने का समझौता हुआ था जो आज तक नहीं मिली है।

Body: उन्होंने बताया कि 1926 में शुरू हुई 48 मैगावाट शानन बिजली परियोजना की 99 प्रतिशत बिल्डिंग जर्जर हालत में है। मंडी के तत्कालीन राजा जोगिंदर सेन ने ही मंडी के हक की लड़ाई लड़ी थी। आजादी से पहले लाहौर को रोशन करने वाले शानन बिजली प्रोजैक्ट की हालत आज बहुत खस्ता है। प्रोजैक्ट का संचालन पंजाब सरकार से छीन कर अब केंद्र सरकार के कब्जे में आ गया है जोकि हिमाचल को मिलना चाहिए।
लक्ष्मेंद्र सिंह ने कहा उस वक्त प्रोजैक्ट की 48 मैगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता थी जो अब बढ़कर 110 मैगावाट हो गई है। इस हिसाब से मंडी का 18 से 20 फीसदी मुफ्त बिजली का हक बनता है लेकिन सरकार लोगों से हर महीने बिजली के पैसे वसूल रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को अफसर चला रहे हंै, उनको कुछ भी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि शानन के हक को लेकर 25 हजार पैम्फलेट मंडी जिला में बांटे जाएंगे और लोगों को जोडऩे का काम किया जाएगा। हिमाचल बचाओ संघर्ष मोर्चा मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय का दरवाज़ा खटखटाएगा और मंडी के लोगों को मुफ्त बिजली का हक दिलाएगा।


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